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बालों के प्रत्यारोपण पर सहारा हॉस्पिटल में कार्यशाला

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लखनऊ। सहारा हॉस्पिटल, मल्टी डिसिप्लनरी सुपर स्पेशियलटी टर्शियरी केयर हॉस्पिटल में इंडोस्कोपिक एस्थेटिक सर्जरी और माइक्रो हेयर ट्रांसप्लांटेशन पर 3 दिन की कार्यशाला, 12 फरवरी तक आयोजित की गई है। कार्यशाला के दौरान इंडोस्कोपिक एस्थेटिक सर्जरी और माइक्रो हेयर ट्रांसप्लांटेशन की समस्त प्रक्रिया का प्रदर्शन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फैकल्टी करेगी, जिसमें जर्मनी से डॉ अलबर्ट करूसे बर्गमैन, मुंबई से पद्मश्री डॉ अशोक गुप्ता और कोलकाता से डॉ मनोज खन्ना शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि तीन दिवसीय इस कार्यशाला में इंडोस्कोपिक फेसलिफ्ट, इंडोस्कोपिक फोरहेड लिफ्ट, इंडोस्कोपिक एबडोमिनोप्लास्टी, इंडोस्कोपिक ब्रेस्ट एग्यूमेंनटेशन जैसी प्रक्रियाएं एवं प्लास्टिक सर्जरी की अन्य स्पेशियलिटीज जैसे इंडोस्कोपिक करपाल टनल रिलीज, इंडोस्कोपिक टीएमजे सर्जरी (जॉ सर्जरी) आदि का प्रदर्शन होगा। जर्मन के विख्यात डॉ अलबर्ट करूसे बर्गमैन नई तकनीक से बने हाइड्रो-जेट लिपोक्सन उपकरण का प्रदर्शन करेंगे। नई जेनरेशन का यह उपकरण न्यूनतम त्रुटि के साथ निरंतर बेहतरीन परिणाम देता है। माइक्रो हेयर ट्रांसप्लांटेशन के क्षेत्र में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त डॉ मनोज खन्ना पूरे दिन की विशेष कार्यशाला में माइक्रो हेयर ट्रांसप्लांटेशन की तकनीक का प्रदर्शन भी करेंगे।
इस अवसर पर डॉ एचपी कुमार डायरेक्टर, मेडिकल हेल्थ, सहारा हॉस्पिटल ने कहा, 'एस्थेटिक सर्जरी की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, क्योंकि लोगों में अपने रूप-सौन्दर्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। आज कोई भी हॉस्पिटल या इंस्टिट्यूशन एस्थेटिक या कहें कॉस्मेटिक सर्जरी की बढ़ती मांग को नज़र अंदाज नहीं कर सकता।' उन्होंने कहा सहारा हॉस्टिल का ट्रामा सेंटर अपनी विश्वस्तरीय उन्नत प्रौद्योगिकी और अनुभवी संकाय के साथ अनेक दु:साध्य दुर्घटना वाले केसों में प्राण रक्षक गंतव्य स्थल बन पा रहा है। यह सेंटर न्यूरो सर्जन, अर्थोपेडिक सर्जन, थोरेसिक सर्जन और माइक्रोमेस्क्यूलर एवं प्लास्टिक सर्जन के सहयोग से द्रुतगामी और सुचारू रूप से चल रहा है। उन्होंने प्लास्टिक सर्जरी विभाग की भी उपलब्धियों और प्रयासों की सराहना की।
सहारा हॉस्पिटल सुपर स्पेशियलिटी टर्शियरी केयर डेस्टिनेशन है जो लखनऊ फरवरी 2009 में खुला था। वर्तमान में सहारा हॉस्पिटल लगभग 350 बेड के साथ क्रियाशील है और अपने दूसरे चरण के पूर्ण होने पर इसमें लगभग 554 बेड किए जाने की योजना है।

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