स्वतंत्र आवाज़
word map

लड़कियां मेहनत से तालीम हासिल करें-बेगम हमीदा

कैम्पस रिपोर्टर

लखनऊ। अल-कुरान इंस्टीट्यूट ने तालीमगॉह में एक इस्लामिक समारोह और लड़कियों को पुरस्कार वितरण का आयोजन किया, जिसका ख़ास मकसद इस्लामिक तालीम और ज़िंदगी में इस्लामिक एहमियत का खुलासा करना था। समारोह में इंस्टीट्यूट और मुस्लिम समाज के प्रमुख और जिम्मेदार व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। समारोह में अल-कुरान इंस्टीट्यूट ने क्वीज़ कॉम्पिटीशन में हिस्सा लेने वाली बच्चियों को पुरस्कार दिया व उनकी हौसला अफज़ाई की।
अल-कुरान इंस्टीट्यूट हर साल ऐसे क्वीज़ कॉम्पिटीशन करवाता है जिसमें मुस्लिम व गैर मुस्लिम धर्मों के लोग हिस्सा लेते हैं। इंस्टीट्यूट ने चार कॉलेजों में अपना सेंटर स्थापित किया था, जिनमे 2500 बच्चों ने हिस्सा लिया। इनमे से 739 बालिकाओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र वितरित किए गए। तालीमगॉह की अध्यापिका तबस्सुम किदवई ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए नात पढ़ी और मुख्य अतिथियों से सभी का तआर्रूफ कराया।
कार्यक्रम के संयोजक कमर आलम ने बताया कि इंस्टीट्यूट मुस्लिम धर्म को जानने और उसकी बातों को समझाने के लिए बनाया गया है, ताकि मुस्लिम और गैर मुस्लिम समुदाय के लोगो को कुरान की बातो से अवगत कराया जाए और लोगों की जिज्ञासा शांत कर गलतफहमियां दूर की जाएं। उन्होंने बताया कि हर साल इस क्वीज़ कॉम्पिटीशन में हिंदी और उर्दू दोनों भाषाओं में कॉम्पिटीशन कराए जाते हैं ताकि इस मुस्लिम और गैर मुस्लिम हिस्सा ले सकें। इसके बाद मौलाना जहांगीर आलम कासमी ने लड़कियों और उनकी मां को नसीहत दी कि वे अपनी लड़कियों को तालीम दें न कि वो अपने फैशन और जरूरतों को पहले एहमियत दें। इसके साथ उन्होंने लड़कियों को वक्त बरबाद न करने को कहा और पढ़ाई में आगे रहने की हिदायतें दीं। उन्होंने कुछ खास आयतें पढ़ीं और उनका मतलब बताया।

मुख्यअतिथि बेगम हमीदा हबीबुल्ला ने इस मौके पर शेर-ओ-शायरी के जरिए अपने ख्यालात पेश करते हुए अपने जीवन के अनुभवों को बांटा। उनका कहना था मेहनत करने वालों के लिए उनकी मंज़िलें आसान होती हैं अब वक्त आ गया है कि लड़कियां अपने अंदर छिपी प्रतिभाओं को अपने परिवार और समाज के विकास में इस्तेमाल करें। तालीमगॉह के मैनेजर अब्दुल रज्जाख़ ने समारोह को इंतखाब करते हुए लड़कियों को तालीम में आगे रहने और मेहनत करने के लिए कहा। तालीमगॉह की छात्रा फातिमा बानो ने हम्द पेश किया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष बेगम हमीदा हबीबुल्ला ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी प्राप्त करने वाली छात्राओं को पुरस्कार दिए। प्रथम पुरस्कार के रूप में 1000 रूपए, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 750 रूपए और तृतीय पुरस्कार के रूप में 500 रूपए दिए गए। पहला पुरस्कार फौजिया फातिमा, द्वितीय पुरस्कार इफ्फत फातिमा और सादिया व तृतीय पुरस्कार आसिफा खातून को मिला। पुरस्कार पाने वालों में और भी लड़कियां शामिल हैं जिंन्हें प्रमाण पत्र इंस्टीट्यूट की किताबें दी गईं इनमे निदा परवीन, शबनम खातून, तबस्सुम, फौजिया बानो, नाजिया परवीन शामिल हैं। कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेज की लड़कियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से बेगम हमीदा हबीबुल्ला, अबदुल
रज्ज़ाख, कमर आलम, तबस्सुम किदवई, इस्मत फिरोज, अल-कुरान के सेक्रेट्री जिआउल हसन उस्मानी, मौलाना जहांगीर आलम कासमी मौजूद थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]