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श्रीदुर्गा कल्याणी ट्रस्ट ने नेत्र शिविर लगाए

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नेत्र शिविर-eye camp

फैज़ाबाद। श्रीदुर्गा कल्याणी ट्रस्ट के सौजन्य से ज्वाला माई का मंदिर, खिरौनी, (सुहावल) में कल्याणं करोति के सहयोग से निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। इसमें करीब दो हजार स्त्री-पुरूषों का नेत्र परीक्षण किया गया। पांच सौ से ज्यादा लोगों को चश्मे वितरित किए गए जबकि 150 से ज्यादा स्त्री पुरूष आंखों के आपरेशन के लिए चयनित किये गये। शिविर में नेत्र-रोगी प्रातः 7 बजे से ही आने लगे थे और शाम तक यह सिलसिला चालू रहा। इसकी देख-रेख और संचालन ट्रस्ट के उपप्रबन्धक श्रीकृण मुरारी ने किया।
नेत्र शिविर में डा मनोज कुमार सिंह, डा कुलदीप सिंह, डा ओमप्रकाश तिवारी ने परीक्षण एवं परार्मश देने का कार्य किया और डा मनोज कुमार सिंह और डा कुलदीप सिंह की टीम ने दीनबंधु नेत्र चिकित्सालय, अयोध्या में आपरेशन किए। नेत्र चिकित्सा शिविर का उद्घाटन अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत भवनाथ दास ने किया।
श्रीदुर्गा कल्याणी ट्रस्ट के प्रबंधक जगजीवन प्रसाद ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग अज्ञानता एवं भ्रांत धारणाओं वश नेत्र रोगों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। गांवों-कस्बों में नेत्र रोग की चिकित्सा सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, इसकी आवश्यकता को देखते हुए जगजीवन प्रसाद ने अपनी माता इंदिरा देवी एवं पिता झागरू प्रसाद की स्मृति में नेत्र चिकित्सा शिविर आयोजित करने का निश्चय किया। अब तक जनपद में 8 शिविर लग चुके हैं। अभी 13 सितम्बर को जनपद के सारंगापुर, निकट बड़ा गांव रेलवे स्टेशन में भी एक शिविर लगाया गया था जिसमें एक हजार लोगों का नेत्र परीक्षण हुआ और 120 आपरेशन सम्पन्न हुए। गरीबों को निःशुल्क चश्मे दिए गए।
जगजीवन प्रसाद ने बताया कि श्रीदुर्गा कल्याणी ट्रस्ट ने आपका इलाज आपके द्वार की भावना को लक्ष्य में रख कर नेत्र शिविरों की श्रृंखला शुरू की है इसमें स्वच्छता और संक्रमण से बचाव की पूरी सतर्कता बरती जाती है। उन्होने कहा कि नेत्र रोग का समय से इलाज न होने पर अंधापन जीवन में सबसे कष्टकर होता है, इसलिए हमने अपना ध्यय वाक्य रखा है-अंधकार को मत धिक्कारें, अच्छा हो एक दीप जलाएं। हमारी भारतीय संस्कृति भी अंधकार से प्रकाश की ओर जाने को प्रेरित करती है। ट्रस्ट का प्रयास अभी सीमित ही सही पर जब दृष्टि क्षीणता के शिकार व्यक्ति की पट्टी हटने पर उसकी आंखों में चमक दिखाई देती है तो डाक्टरों सहित हम सब को बहुत आत्म सुख मिलता है।

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