स्वतंत्र आवाज़
word map

सोनभद्र पर चला जेपी का बुल्‍डोजर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

सोनभद्र। उत्‍तर प्रदेश के सोनभद्र में अपना औद्योगिक साम्राज्य स्थापित करने की कोशिश कर रहा जेपी एसोसिएट्स आस्था को नेस्तानाबूद करने पर लगा है। मायावती सरकार की सरपरस्ती में कम्पनी ऐतिहासिक दुअरा घाटी की गुफाओं पर बुलड़ोजर चला रही है। नतीजतन समूचे सोनभद्र में जबर्दस्त आक्रोश का माहौल है।
जेपी एसोसिएट की इस करतूत के खिलाफ हजारों की संख्या में हिन्‍दू नागरिक सड़कों पर उतर रहे हैं। एक दिन कम्पनी की सभी गाड़ियों को रोककर जेपी के परिवहन को पूरी तरह से ठप्प कर दिया गया। लखनऊ से मायावती सरकार का हुक्‍म आया कि जो विरोध कर रहे हैं जिनके दिमाग़ ठीक कर दिए जाएं सो जिला प्रशासन को मौका मिल गया। वह आपे से बाहर हो गया। स्थिति उस वक्त बेहद विस्फोटक हो गई जब उपजिलाधिकारी सोनभद्र अंजनी कुमार सिंह ने आंदोलनकारियों को धमकाते हुए यह बयान दे डाला कि अगर जेपी का काम रोका गया तो 1999 का इतिहास पुन: दोहरा दिया जाएगा। गौरतलब है कि 1999 में डाला सीमेंट फैक्ट्री के निहत्थे आंदोलनकारियों पर गोली चलाई गई थी जिसमें 8 लोग मरे थे।
इस धमकी से लोग गुस्‍सा गए और अपनी जान देने को उतारू हो गए। इस पूरे प्रकरण के संबंध को जब जिलाधिकारी सोनभद्र पंधारी यादव से बात की गई तो उन्होंने ‌कोई संतोषजनक उत्‍तर नहीं दिया। उन्‍होंने केवल इतना कहा कि जेपी एसोसिएट ने हमे गुफाओं के भीतर स्थित मूर्तियों से छेड़छाड़ न करने का आश्वासन दिया है। लेकिन जेपी एसोसिएट के बुलडोजर इन्‍हीं पर चलने शुरू हुए और जिले का प्रशासन जेपी की मदद कर रहा था। मायावती सरकार के संरक्षण में फलफूल रहे प्रदेश का सबसे बड़े भू कारोबारी जेपी एसोसिएट का निशाना जब इस बार ऐतिहासिक सोनभद्र की धरोहरें बनीं तो लोगों से रहा नहीं गया। उन्‍होंने इस विध्‍वंस के खिलाफ कमर कस ली है।
जेपी कम्पनी ने सोनभद्र के जुलगुल क्षेत्र की अहरा घाटी में स्थित अत्यंत प्राचीन गुफाओं से लाइम स्टोन निकालने की कवायद प्रारम्भ कर दी। जेपी के इस मंसूबे की खबर जैसे ही जनपद को फैली चहुं ओर इसका विरोध और आक्रोश व्याप्त हो गया। भारी सुरक्षा बल की तैनाती के बावजूद ओबरा-डाला संपर्क मार्ग पर बड़ी संख्या में हिंदू जनता सड़कों पर आ गई। सभी का कहना था कि जेपी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। आम जनता में जेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई व मुख्यमार्ग से गुजरने वाली उसकी सारी गाड़ियां रोक दी गईं। जनपद के तमाम अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद आंदोलनकारी नरम नहीं हुए। जेपी का खनन परिवहन पूरी तरह से ठप किया गया। सैकड़ों डम्पर सड़क के किनारे खड़े थे। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे।
इस पूरे आंदोलन में समाजवादी पार्टी और भाजपा के साथ-साथ बहुजन समाज पार्टी के भी स्थानीय कार्यकर्ता नजर आ रहे थे। ऐलान किया गया है कि अगर जिला प्रशासन जेपी का इस मामले को किसी प्रकार का सहयोग करता है तो सोनभद्र में नाके बंदी शुरू कर दी जाएगी। पुलिस अधीक्षक सोनभद्र ने इस मामले में व्‍यापक सुरक्षा के सवाल पर किसी प्रकार का बयान देने से साफ इंकार कर दिया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]