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ऐसा क्या है राजस्थान रॉयल्स में ?

मनीष कुमार जोशी

मनीष कुमार जोशी

राजस्थान रॉयल्स‍ rajasthan royals

जयपुर। बड़ीटीमो के बीच बड़ी बड़ी सफलता प्राप्त कर रही है एक टीम? एक ऐसी टीम जिसके धुरंधर खिलाड़ी टीम में नहीं है। फिर भी जीत ही नहीं बल्कि जीत के रिकार्ड बना रही है। जी हां! राजस्थान रॉयल्स की टीम। इस टीम के खिलाड़ियो की कीमत ज्यादा नहीं है। पिछले चैम्पियन है लेकिन टीम के शूरवीर वाटसन और तनवीर के नहीं होने से ज्यादा उम्मीदे नहीं थी। फिर भी टीम जीत रही है। पंजाब किंग्स के विरूद्ध तो टीम ने रिकार्ड तोड़ जीत दर्ज की। आखिर क्या राज है राजस्थान रॉयल्स की जीत का? कमजोर मानी जाने वाली टीम कैसे बड़ी बड़ी टीमो को पटकनी दे रही है।
आईपीएल -2 शुरू होने से पहले यह माना जा रहा था कि शेन वाटसन और सोहल तनवीर के बिना राजस्थान रॉयल्स अपना करिश्मा दोहरा नहीं पायेगी। जब रॉयल्स को शुरूआती सफलता मिली तो यह कहा गया कि टीम की बल्लेबाजी कमजोर है। लेकिन अब पंजाब किंग्स इलेविन के विरूद्ध रिकार्ड तोड़ स्कोर खड़ा करने के बाद यह आशंका की निर्मूल साबित हुई।अब हर कोई यह जानने को बेताब है कि यह कमाल कैसे हो रहा है। इसका जवाब बिलकुल साफ है इस टीम को शेन वार्ने ने बनाया है। शेन वार्ने ने टीम को हर प्रकार से तैयार किया है। पूरी टीम पर वार्ने की छाप है।

टीम में किसी आईकॉन खिलाड़ी का नहीं होना टीम की सबसे बड़ी ताकत साबित हुआ। टीम में नामी खिलाड़ी नहीं होने से टीम को अनुशासित रखना आसान होता है। कोच और कप्तान अपनी रणनीति के अनुसार टीम को ढाल सकता है। यही कुछ राजस्थान रॉयल्स के साथ है। वार्ने की टीम का हर खिलाड़ी उसके साथ खड़ा है। उसके हर निर्देश का अक्षरशः पालन किया जाता है। टीम में गजब का अनुशासन दिखाई देता है। हर एक खिलाड़ी के दिमाग़ में एक ही चीज होती है कि उसे अपने कप्तान और कोच की अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। ऐसा सीनियर खिलाड़ियों के साथ नहीं होता है। सीनियर खिलाड़ी अपने कप्तान और कोच की बजाय चीजो को अपने हिसाब से देखते है। यही कारण है कि वार्ने की टीम का हर खिलाड़ी अपने कप्तान के लिए मुस्तैद खड़ा दिखाई देता है।
वार्ने टी-20 का महारथी है। उसके पास हर एक टीम के विरूद्ध अलग गेम प्लान होता है। किस टीम के विरूद्ध किस खिलाड़ी को क्या करना है। यह सब उसके दिमाग में चलता है और उसी के अनुसार वह रणनीति बनाता है। उसके गेम प्लान की विशेषता है कि उसके प्लान में वैकल्पिक व्यवस्थाएं मौजूद हैं अर्थात उसका प्लान लचीला है। वह जानता है कि किस विकेट के गिरने के बाद आगे के खिलाड़ी को कैसे खेलना है। यहां तक किस गेंदबाज को किस समय किस प्रकार की गेंद फेकनी है। यह भी उसके प्लान में है। इसी कारण साधारण खिलाड़ियों के साथ भी वह प्रतिपक्षी टीम को घेर लेता है। दिल्ली डेयर डेविल्स के विरूद्ध मैच में भी रॉयल्स की टीम ने धीरे-धीरे मैच अपनी गिरफ्त में ले लिया। डेविल्स को पता ही नहीं चला कि कब मैच उनके हाथ से निकल गया।
वार्ने की सफलता का तीसरा राज यह है कि टीम के साथ उसका व्यवहार दोस्ताना है। टीम के हर सदस्य के साथ अभ्यास सत्र में वह कड़ी मेहनत करता है और अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाता है। कामरान खान को तो वह अपने बच्चे जैसा प्यार देता है। कामरान को तो उसने कई मैचो में महत्वूपर्ण अवसरो पर गेंदबाजी थमाई। कोलकत्ता नाईट राइर्डस के विरूद्ध कामरान ने अंतिम ओवर किया। वार्ने के निर्देशन में उसने न केवल सौरव गांगुली को आउट किया बल्कि मैच को सुपर ओवर तक भी ले गया। हर एक खिलाड़ी का ख्याल वह खेल के बाहर भी करता है। उनकी अन्य सुविधाओ का ख्याल भी वार्ने रखता है। खिलाड़ी उसकी डांट को सिर झुकाकर सुनते हैं तो वह भी सफलता मिलने पर खुले दिल से उनकी पीठ थपथपाता है। कुल मिला कर राजस्थान रॉयल्स की टीम का माहौल अन्य टीमो से काफी अलग है। टीम पूरी तरह वार्ने के रंग में रगी हुई है और यही उनकी सफलता का राज है कि वे एक सूत्र में बंधे हैं। उनके खिलाड़ियों का अपने साथी खिलाड़ी के लिए यही सूत्र है, मैच के साथ भी और मैच के बाद भी।

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