स्वतंत्र आवाज़
word map

चक्रवाती तूफान फोनी से निपटने की तैयारियां

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बचाव की आपातकाल बैठक

जनता को चक्रवाती तूफान से सचेत रहने का आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 May 2019 05:18:32 PM

preparations for coast guard of sea

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही संभावित चक्रवाती तूफान फोनी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, प्रधानमंत्री के अपर प्रधान सचिव, गृह सचिव और आईएमडी, एनडीआरएफ, एनडीएमए, प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में प्रधानमंत्री को चक्रवाती तूफान की संभावित दिशा से अवगत कराया गया, साथ ही प्रधानमंत्री को विभिन्न एहतियाती कदमों के साथ-साथ इससे निपटने की तैयारियों और अनेक उपायों की भी जानकारी दी गई। इन उपायों में पर्याप्त संसाधनों का प्रावधान, एनडीआरएफ एवं सशस्त्र बलों की टीमों की तैनाती, प्रभावित लोगों को पेयजल मुहैया कराने, बिजली एवं दूरसंचार सेवाओं की बहाली से जुड़ी वैकल्पिक प्रणालियों का इंतजाम करना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभावित हालात की समीक्षा करने के बाद केंद्र सरकार के अधिकारियों को प्रभावित राज्यों के अधिकारियों के साथ निरंतर समुचित तालमेल बनाए रखने के निर्देश दिए, ताकि तूफान के निवारणकारी उपाय सुनिश्चित किए जा सकें। प्रधानमंत्री ने आवश्यकतानुसार राहत एवं बचाव कार्यों के लिए ठोस कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उधर भारतीय तटरक्षक बल ने भी 23 अप्रैल 2019 को बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान आने के पहले की हलचल के संकेतों के मद्देनज़र समुद्री क्षेत्र और उसके आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चक्रवात ओखी से लिए गए सबक के आधार पर एहतियाती उपाय शुरू कर दिए हैं। अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान फोनी इस समय विशाखापट्टनम से 260 समुद्री मील दूर दक्षिण पूर्व में केंद्रित है। इसके और सघन होकर 3 मई 2019 को गोपालपुर और चंदबली के बीच ओडिशा तट से गुजरने की संभावना है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने के परिणामस्वरूप भारतीय तटरक्षक ने मछुआरों को खतरे से बचाने के लिए एक सप्‍ताह पूर्व ही एहतियाती उपाय शुरू कर दिए गए थे, जिनके तहत तटरक्षक बल के सभी संसाधनों को पूरी तरह तैयार रखा गया है। मत्स्य अधिकारियों, राज्य प्रशासन के अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन को सभी एहतियाती उपाय करने के लिए 23 अप्रैल 2019 से ही आगाह किया जा चुका है। चक्रवाती तूफान फोनी के संभावित खतरों को देखते हुए प्रभावित इलाकों में सभी तरह के ए‍हतियाती उपाय सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्रशासन, विभिन्न विभागों और भारतीय मौसम विभाग के बीच लगातार संपर्क रखा जा रहा है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारतीय तटरक्षक के रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशनों के जरिए विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में लगातार रेडियो पर सुरक्षा और संरक्षा संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं। मछुआरों की समुद्र से सुरक्षित वापसी और खराब मौसम के प्रति उन्‍हें आगाह करने के लिए विभिन्‍न भारतीय भाषाओं में संदेश प्रसारित करने के लिए तटरक्षक बल के जहाजों और विमानों को 24 अप्रैल 2019 से पूर्वी तट पर तैनात रखा गया है।
चेन्‍नई और मुंबई में समुद्री क्षेत्र सुरक्षा समन्‍वय केंद्रों के जरिए 24 अप्रैल 2019 से ही बंगाल की खाड़ी में अंतर्राष्‍ट्रीय सुरक्षा चेतावनी प्रणाली को सक्रिय कर दिया गया है। इसके जरिए क्षेत्र से गुजर रहे मालवाहक जहाजों से कहा गया है कि वे समुद्र में गए मछुआरों को तट पर लौटने और खराब मौसम के प्रति आगाह करने में मदद करें। चेन्‍नई और कोलकाता में मुख्‍य सचिवों की बैठक में चक्रवाती तूफान फोनी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई है। बैठक में तटरक्षक बल के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। इसी दिन रेडियो पर नौवहन से जुड़े सुरक्षा संदेशों का प्रसारण भी शुरू कर दिया गया है। तटरक्षक बल के जहाजों और विमानों की तैनाती तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुद्दुचेरी के तटवर्ती क्षेत्रों में कर दी गई है। इनमें से 9 जहाज ओडिशा तट पर और 5 जहाज पश्चिम बंगाल के तट पर तैनात किए गए हैं। इन जहाजों को चेन्‍नई और विशाखापट्टनम में मौजूद राज्‍य के अधिकारियों के साथ समन्‍वय बनाते हुए राहत सामग्रियां पहुंचाने के लिए तैयार रखा गया है। मछली पकड़ने वाली नौकाओं को सतर्क रहने की चेतावनी जारी करने के लिए चेन्‍नई, भुवनेश्‍वर और कोलकाता से तटरक्षक बल के डोरनियर विमान रोजाना 4 उड़ानें भर रहे हैं। मछली पकड़ने वाली नौकाओं की सुरक्षा तटरक्षक बल संबंधित राज्‍यों के मत्‍स्‍य विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि समुद्र में इस कोई भी मछली पकड़ने वाली नौका नहीं हो।
समुद्र में तैनात तटरक्षक बल के जहाज और विमान में समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाएं देखे जाने की स्थिति में उन्‍हें तुरंत चेतावनी जारी करने का काम भी कर रहे हैं। मछुआरों और तटीय आबादी को सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरुक बनाने के वास्‍ते तूतीकोरिन, पंबन, विल्लुपुरम, चेन्नई, कृष्णापट्टनम, निज़ामपट्टनम, विशाखापट्टनम, उप्पालानक (काकीनाडा), पारादीप, हल्दिया, गोपालपुर और फ्रेज़रगंज में विशेष सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रम आयोजित किए गए। चेन्‍नई, विशाखापट्टनम और कोलकाता में भारतीय तटरक्षक बल के जहाज, डो‍रनियर और हेलीकॉप्‍टर राज्‍य प्रशासन के अधिकारियों और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्‍वय करते हुए राहत सामग्री बांटने का काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि ग्रीष्मकाल में इस प्रकार के तूफानों की सक्रियता बढ़ जाती है और भयानकता के चरम पर पहुंच जाती है। दुनिया में अभी तक ऐसी कोई प्रणाली विकसित नहीं हुई है, जो तूफान की तीव्रता को नियंत्रित कर सके, इसपर मौसम वैज्ञानिक और दूसरे वैज्ञानिक बड़ी गहराई से कार्य कर रहे हैं। फिलहाल फोनी चक्रवाती तूफान सामने है और उससे निपटने के अधिकतम प्रयास चल रहे हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]