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भारत के दक्षिणी राज्यों में भीषण चक्रवाती तूफान

तटरक्षक रिमोर्ट ऑपरेटिंग केंद्रों से स्थानीय भाषाओं में चेतावनी

भारतीय तटरक्षकों का बड़े पैमाने पर राहत एवं बचाव कार्य जारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 16 November 2018 05:07:52 PM

warning in local languages from coast guard remote operating centers

विशाखापट्टनम। भारतीय तटरक्षक 9 नवंबर 2018 से बंगाल की खाड़ी में आए तूफान के मद्देनज़र समुद्र में मछुआरों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर सघन कार्रवाई कर रहे हैं। आईसीजी ने ओखी तूफान से सबक लेते हुए और हाल ही में आए लुबान और तितली तूफानों के दौरान लोगों का जीवन बचाने में मिलने वाली सफलता के मद्देनज़र बड़ी कार्रवाई शुरू कर रखी है। आईसीजी के लगभग 8 जहाज और दो डोरनियर हवाई जहाजों को तैनात कर रखा है, जिनके जरिए समुद्र में मौजूद मछुआरों को सुरक्षित वापस लौटने के लिए स्थानीय भाषाओं में निरंतर चेतावनी दी जा रही है। तटरक्षक के रिमोर्ट ऑपरेटिंग केंद्रों से मछुआरों को स्थानीय भाषाओं में चेतावनी दी जाती रही है।
भारतीय तटरक्षकों ने तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के मत्स्य विभागों से आग्रह किया है कि मछली पकड़ने वाली सभी नौकाओं के प्रति सजग रहें। आईसीजी ने कन्याकुमारी, मंडपम, रामेश्वरम, कुडालोर, चेन्नई, नेलौर, निजामपट्टनम, उप्पडा और विशाखापट्टनम में समुदायों के साथ चर्चा कार्यक्रमों की श्रृंखलाएं चलाईं, ताकि तूफान के प्रति मछुआरों और तटीय आबादी को सुरक्षा उपाय अपनाने के लिए जागरुक बनाया जा सके। दक्षिणी तमिलनाडु के मंडपम और कराइकल इलाकों में तूफान के संभावित प्रभावों को देखते हुए राहत सामग्री और आवश्यक वस्तुओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर हेलिकॉप्टर से लैस एक विशाल आईसीजी पोत विशाखापट्टनम से रवाना किया गया है। पोत पर पीने का पानी, जरूरी दवाएं, पैकेटबंद भोजन और जीवनरक्षक सामग्री दक्षिणी तमिलनाडु तट पर भेज दी गई हैं। तीन अन्य आईसीजी जहाज भी चेन्नई से मंडपम रवाना कर दिए गए हैं, जिनके जरिए तूफान के बाद राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है।
गहरे समुद्र में जो व्यापारिक जहाज मौजूद हैं, उनसे समुद्री बचाव और समन्वय केंद्र चेन्नई ने अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नेटवर्क के जरिए आग्रह किया है कि वे गहरे समुद्र में मौजूद मछुआरों को सावधान करें, ताकि वे जल्दी वापस लौटें या निकट के बंदरगाहों पर शरण ले लें। भारतीय तटरक्षक ने चेन्नई, मंडपम, कराइकल और पुद्दुचेरी में बचाव दलों को तैनात कर दिया है, ताकि वे सूचना मिलते ही फौरन हरकत में आ जाएं। तूफान के असर को कम करने के लिए आईसीजी राज्य के मत्स्य विभागों, बंदरगाह प्राधिकारों और नागरिक प्रशासन के साथ नजदीकी तालमेल बनाए हुए है। पश्चिमी तट के लिए भी यही चेतावनी जारी की गई है, क्योंकि 17 नवंबर के बाद अरब सागर में कम दबाव बन सकता है।
भीषण चक्रवाती तूफान ‘गज’ तमिलनाडु के तटवर्ती क्षेत्र में केंद्रित है, जिसके तहत तमिलनाडु और पुद्दुचेरी के तटवर्ती क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। तूफान को देखते हुए अगले 24 घंटों के दौरान तमिलनाडु एवं पुद्दुचेरी तथा पड़ोसी दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटवर्ती समुद्र क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाने की सलाह दी गई है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि इस दौरान वे दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम-मध्‍य बंगाल की खाड़ी में समुद्र में न जाएं। उन्हें अरब सागर और केरल के तटवर्ती क्षेत्रों के पास समुद्र में न जाने की भी सलाह दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से कहा गया है कि वे अगले 24 घंटों के दौरान घर से बाहर न निकलें।

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