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एनआरआई भाई के खिलाफ किया बड़ा फर्जीवाड़ा

श्रीगंगानगर में रजिस्ट्री विभाग की जागरुकता से बची जमीन

स्‍थानीय पुलिस से ‌मिलकर अब जमीन कब्जाने की कोशिश?

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 25 September 2018 01:39:29 PM

tarsem singh s/o harbans singh sriganganagar rajasthan

श्रीगंगानगर/ जलंधर। एनआरआई, भाई-बहनों, रिश्तेदारों के साथ जमीन जायदाद की धोखाधड़ियों और धनसम्‍‌पत्ति के लिए धोखाधड़ी से शादियों के मामले पंजाब और राजस्‍थान में सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं, जो पुलिस प्रशासन, स्‍थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों के लिए बड़ा सरदर्द बने हुए हैं। भारतभर में और पंजाब और राजस्‍थान की अदालतों में, सरकारी कार्यालयों में अपवाद को छोड़कर कौन किस एनआरआई के नामपर खड़ा हो जाए, कस्टोडियन के भरोसे ही किस एनआरआई की स्‍थानीय सम्पत्ति किसके नाम हो जाए यह पता भी न चले, अगर संबंधित अधिकारी इस धंधे में शामिल हो जाए, लेकिन प्रशासन में जागरुकता और ईमानदारी अभी कायम है, जिससे लोगों का भरोसा बना हुआ है, इसीलिए एनआरआई कुलविंदर सिंह का कहना है कि वह तो राजस्‍थान सरकार के रजिस्ट्री विभाग के रजिस्ट्रार को अपना भगवान मानता है, जिसकी समझदारी ईमानदारी और जागरुकता से उसके बड़े भाई तरसेम सिंह का उसकी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कराने का फर्जीवाड़ा निष्फल हो गया। यह मामला बहुत गंभीर है और भाई का फर्जी गैंग इसे कोर्ट ले जा चुका है और उसे उम्मीद है कि उसे न्याय मिलेगा और फर्जीवाड़ा करने वाला भाई और उसके हमसाजी कानून की गिरफ्त में होंगे।
पंजाब के जलंधर की जसवीर कौर ने राजस्‍थान के श्रीगंगानगर के पुलिस अ‌धीक्षक को पूरे विवरण के साथ शिकायत लिखी है कि उसके सगे बड़े भाई तरसेम सिंह ने ज़मीन जायदाद के पेशेवर दलाल से हमसाज होकर कूटरचित दस्तावेज बनवाकर अमरीका में रह रहे उसके एनआरआई भाई कुलविंदर सिंह के हिस्से की ज़मीन हड़पने के लिए बड़ी धोखाधड़ी की है, जिसे निष्फल करने के लिए पुलिस थाना गजसिंहपुर में तत्काल मुकद्मा दर्ज कराकर बड़े भाई तरसेम सिंह सहित सभी साजिशकर्ताओं के विरुद्ध सख्त से सख्त विधिक कार्रवाई की जाए। जसवीर कौर ने कहा है कि धोखाधड़ी से ज़मीन की रजिस्ट्री कराने में नाकामयाब हुए ये लोग अब स्‍थानीय पुलिस की मिलीभगत से आपराधिक षडयंत्र रच रहे हैं, ताकि ज़मीन पर जबरिया कब्जा कायम रख सकें और इस काम में पुलिस उनकी पूरी सहायता करती रहे।
पिता हरबंस सिंह द्वारा अपने जीतेजी दोनों भाई एवं बहन के बीच जमीन के हिस्से का पूरा बंटवारा निष्पादित करने एवं सभी के हिस्से में आई जमीन का बंटवारा स्वीकार करने के बाद तक का पूरा विवरण प्रस्तुत करते हुए जसवीर कौर ने पुलिस अधीक्षक को लिखित में बताया है कि भाई तरसेम सिंह ने एनआरआई कुलविंदर सिंह के अमरीका में रहने और भाई पर भरोसा करके खेती-बाड़ी के लिए ज़मीन को इस्तेमाल करने का तरसेम सिंह ने पहले तो पूरा फायदा उठाया और अब जमीन को बेचने के फर्जी दस्तावेज तैयार करा लिए, लेकिन राजस्‍थान सरकार के भू-रजिस्ट्री विभाग के रजिस्ट्रार की ईमानदारी और जागरुकता के कारण तरसेम सिंह और सार्दुल सिंह की धोखाधड़ी का भांडाफोड़ हो गया और आखिर ज़मीन की फर्जी रजिस्ट्री होने से रुक गई। श्रीगंगानगर में यह मामला आजकल काफी चर्चा में है और इसकी चर्चा विशेष रूपसे इस बात के लिए हो रही है कि रजिस्ट्री अधिकारी की जागरुकता से एक फर्जीवाड़ा रूका।
श्रीगंगानगर राजस्‍थान के रहने वाले एनआरआई भाई कुलविंदर सिंह के ‌हिस्‍से की ज़मीन का फर्जी कुलविंदर सिंह खड़ा करके, फर्जी अंगूठा निशानी और पता गढ़कर फर्जीवाड़ा चुपचाप चल रहा था, लेकिन इसका उस समय भंडाफोड़ हुआ जब यह मामला दलालों के नाम रजिस्ट्री होने के लिए श्रीगंगानगर के रजिस्ट्रार के यहां पहुंचा। रजिस्ट्रार का विवेक जागा और उसने रजिस्ट्री होने से पहले कागजातों की जरूरी तहकीकात की। तहकीकात में पता चला कि कुलविंदर सिंह तो श्रीगंगानगर में रहता ही नहीं है, वह तो पंद्रह साल से अमरीका में रह रहा है, वह भारत भी नहीं आया है, इसलिए उसके श्रीगंगानगर में रहने के दस्तावेज बनाकर फर्जी पता बनवाकर, फर्जी कुलविंदर सिंह खड़ा करके उसके फर्जी अंगूठा निशानी लेकर फर्जी कागजात तैयार कराए हैं और इस फर्जीवाड़े में कोई और नहीं, बल्कि कुलविंदर सिंह का सगा बड़ा भाई तरसेम सिंह शामिल है, जो श्रीगंगानगर में रहता है और कुलविंदर सिंह बनकर सार्दुल सिंह को जमीन बेचकर एनआरआई भाई की जमीन के पैसे खड़े कर लेना चाहता है।
जसवीर कौर और पंद्रह साल से अमेरिका रह रहे कुलविंदर सिंह ने फोन पर बताया कि तरसेम सिंह ने अपने धोखाधड़ी के कारनामे को सही साबित करने के लिए पेशेवर दलाल सार्दुल सिंह, दो फर्जी गवाहों और स्‍थानीय पुलिस से हमसाजी करके इस मामले को कोर्ट-कचहरी में फंसाने और जमीन पर कब्जा बनाए रखने की कुत्सित कोशिश शुरू की है, जिसे निष्फल करने के लिए गजसिंह पुर थाने में मुकद्मा दर्ज करने के लिए पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर को तहरीर की कॉपी दी गई है। जसवीर कौर एवं कुलविंदर सिंह का कहना है कि उनका बड़ा भाई उनके साथ हद से ज्यादा हर तरह के षडयंत्रों को अंजाम देता जा रहा है, उसने अपनी बहन और छोटे भाई के लिए कोई ईमानदारी नहीं दिखाई और हमें पिता के दिए हक को मारने पर उतारू है। जसवीर कौर पत्नी अवतार सिंह 18 पीडीए शीतलपुर जलंधर रहती है।
कुलविंदर सिंह का कहना है कि उसे शक है कि तरसेम सिंह किसी भी हदतक जा सकता है, क्योंकि जब वह ऐसे झूंठे कागज बनवा सकता है तो और भी कोई वारदात कर सकता है, जिसे रोकने एवं उसके सारे षडयंत्रों को विफल करने के‌ लिए पुलिस अधीक्षक को अप्रोच की गई है और जहां तक न्यायालय का मामला है तो हमे न्यायालय पर पूरा भरोसा है, जहां तरसेम सिंह को उसके किए की जरूर सजा मिलेगी, लेकिन इसमें फिलहाल पुलिस की बड़ी भूमिका है, जिसका हमें तहरीर दर्ज करने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए सहयोग चाहिए। एनआरआई कुलविंदर सिंह ने अपनी तरफ से समस्त प्रकार की कार्रवाई करने के लिए जसवीर कौर को अधिकृत किया हुआ है, उसी ने श्रीगंगानगर के पुलिस अधीक्षक को संबंधित मामले में तहरीर दी है। जसवीर कौर ने बताया कि पिता के वसीयत नामे पर बड़े पुत्र तरसेम सिंह ने किसी तरह का एतराज नहीं होने का शपथ पत्र भी दिया हुआ है।
कुलविंदर सिंह के अमेरिका में रहने का फायदा उठाकर बड़े भाई तरसेम सिंह ने छोटे भाई की जमीन हड़पने के लिए अपने पिता हरबंस सिंह के नाम फर्जी मुख्त्यारनामा बनाकर सार्दुल सिंह और दो गवाह कारज सिंह एवं कुलवीर सिंह से मिलकर एनआरआई भाई की वसीयत वाली भूमि का 2016 में कूटरचित दस्तावेज बनाकर रायसिंह नगर एडीजे कोर्ट में परिवाद लगवा दिया। अदालत में एनआरआई भाई और बहन का हिस्सा ख़त्म करने के लिए फर्जी परिवाद लगाकर उसके नोटिसो की तामिली में अपनी मां जोगेंद्र कौर, एनआरआई भाई कुलविंदर सिंह को 18 पीडी निवासी बताकर फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे लगवाए हैं, इसके अलावा कोर्ट में भी सगी बहन की जगह नकली बहन के हस्ताक्षर करवाकर वकील के जरिए झूंठा वकालतनामा पेश किया।
जमीन का फर्जीवाड़ा इस कदर आगे बढ़ा कि सार्दुल सिंह का वकील भी इस मामले में कोर्ट में 16 जुलाई 17 को दूसरी पेशी पर नहीं पहुंचा और अनुपस्थिति दिखाकर पत्रावली साथ ले गए, जिससे एक पक्षीय कार्यवाही हुई। दरअसल कोर्ट में वकील की अनुपस्थिति से इस मामले में ‌कोर्ट को शक हुआ, जिस पर कोर्ट ने दोबारा डिग्री हेतु जसवीर कौर को पंजाब से पेश होने का नोटिस दिया। कोर्ट में समस्त कार्यवाही से अनजान जसवीर कौर ने दस्तावेजों पर किसी तरह के साइन करने से इनकार किया। उसने बताया कि उसका भाई तो अमेरिका में रहता है, इसी पर कोर्ट ने इस रजिस्ट्री को रोक दिया। जसवीर कौर ने एनआरआई भाई की पावर ऑफ़ अटर्नी के आधार पर धोखाधड़ी का परिवाद पेश कर तरसेम सिंह और इस धोखाधड़ी में शामिल लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर ने भी परिवाद को गजसिंह पुर जांच करने के आदेश दिए हैं। अब देखना है कि पुलिस इसमें क्या भूमिका निभाती है।

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