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उत्तराखंड में मुख्य सचिव ने विभागीय समीक्षा की

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Tuesday 22 January 2013 05:02:44 AM

departmental review

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने वर्तमान वार्षिक योजना, वाह्य सहायतित योजना और फ्लैगशिप कार्यक्रमों के वित्तीय और भौतिक प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा है कि जनहित से जुड़े निर्माण कार्यों के लिए चुगान की छूट प्रदान की जाए, क्योंकि खुले बाजार से रेत, बजरी, पत्थर आदि खरीदने से निर्माण कार्यों की लागत बढ़ जाती है, विकास कार्यों में तेजी लाई जाए, जिस मकसद से योजना के लिए बजट दिया गया है, उसका लाभ आम आदमी को समय से मिलना चाहिए। विभाग योजनाओं के क्रियांवयन की प्रणाली मजबूत करें और अपने स्तर से भी क्रियांवयन का लगातार अनुश्रवण करते रहें।
मुख्य सचिव ने मंगलवार को सचिवालय में आयोजित इस समीक्षा बैठक में संतोषजनक प्रगति करने वाले विभागों की सराहना की और अपेक्षित प्रदर्शन न करने वाले विभागों को तेजी लाने की हिदायत दी। बैठक में बताया गया कि ज्यादातर विकास कार्य क्रियांवयन के विभिन्न चरणों में है। कुल बजट 8977 करोड़ के सापेक्ष 4259 करोड़ की स्वीकृतियां जारी हुई हैं। इसमें से 2915 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं, जो स्वीकृति के सापेक्ष 68 प्रतिशत है। जिला सेक्टर में 284 करोड़ रुपये के सापेक्ष 159 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं, जो 71 प्रतिशत है।
इसी तरह से केंद्र पोषित योजनाओं में 1773 करोड़ रुपए के सापेक्ष 1191 करोड़ रुपये हुए हैं, जो 67 प्रतिशत है। वाह्य सहायतित योजनाओं में 300 करोड़ के सापेक्ष 197 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं, जो 65 प्रतिशत है। आज कृषि, जलागम प्रबंधन, वानिकी, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, लघु सिंचाई, राजकीय सिंचाई, ऊर्जा और लोनिवि विभागों की समीक्षा की गई। बुधवार को पर्यटन, प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, एलोपैथिक चिकित्सा, जलापूर्ति, शहरी विकास, समाज कल्याण, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा की जायेगी।
बैठक में प्रमुख सचिव नियोजन एस रामास्वामी, प्रमुख सचिव वित्त राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव ऊर्जा एसएस संधू, प्रमुख सचिव कृषि ओम प्रकाश, सचिव ग्राम्य विकास विनोद फोनिया, सचिव लघु सिंचाई आरसी पाठक, अपर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि, सौजन्या, एमसी जोशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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