मंगल को आज मॉम मिल गई-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
मंगल को आज मॉम मिल गई-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 26 September 2014 12:42:00 AM
बंगलूरू। हिंदुस्तान के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह को जीत लिया है। हिंदुस्तान की इस कामयाबी से पूरी दुनिया चकित है। दुनिया भर से भारतीय वैज्ञानिकों को मंगलयान की सफलता पर बधाईयों का तांता लगा है। देश में मंगल पर भी विजय का माहौल है और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्मजोशी से अपने वैज्ञानिकों की पीठ थपथपा रहे हैं, पहली कोशिश में ही भारत लाल ग्रह पर पहुंच गया। दुनिया कयास लगाती रही है कि वहां क्या है? भारत का मंगलयान अब धरती के सामने इस ग्रह के सारे राज खोलेगा। यह है ब्रह्मांड पर भारत की एक रोमांचकारी विजय। दुनिया के सामने भारत की इच्छाशक्ति और आसमान से तारे तोड़ कर ला देने की उसकी क्षमता का प्रदर्शन, जिसमें मानों भारत आज विकास की ऊंचाईयों को छूने निकला हो। इसरो के बैंगलूरू केंद्र में मंगलयान का चमत्कार 12 मिनट और 28 सेकेंड में ही शुरू भी हो गया है। विज्ञानियों की यह दस महीने की प्रतीक्षा थी, जिसने इसरो के वैज्ञानिकों की कामयाबी को दुनिया के अंतरिक्ष के इतिहास में एक बड़ी कामयाबी के साथ दर्ज किया।
मंगलयान के मंगल ग्रह जाने पर मीथेन सेंसर से जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ ही वहां जीवों की उत्पत्ति की संभावनाओं का पता चल सकेगा। अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर बीसी यादव का कहना है कि मंगलयान में लगे मार्क्स कलर कैमरे, इक्जोएपेरिक कंपोजिसन एनलायजर और लाइमन, अल्फा फोटोमीटर जैसे यंत्र जीवन के विविध पहलुओं और अध्ययन का काम करेंगे। राष्ट्रीय कथक संस्थान लखनऊ के ज्योतिष विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ अमित कुमार शुक्ला का कहना है कि ज्योतिष पहले से ही मंगल को पृथ्वी का अंग मानता था, मंगलयान की सफलता के बाद इसपर मोहर लग गई और अब उसका वैज्ञानिक परिक्षण भी हो सकेगा। बीएसआइपी के वैज्ञानिक डॉ सीएम नौटियाल इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहते हैं कि उन्होंने पहली ही बार में सफलता प्राप्त कर ली है, जबकि अन्य देश कई प्रयासों के बाद ऐसी सफलता पाएं हैं, इससे एशियाई देशों को फायदा होगा और विश्व के दूसरे देशों को भारत की क्षमता का पता भी लगा है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलयान के लाल ग्रह पर सफलता पूर्वक पहुंचने पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। भारत के मंगल ग्रह तक पहुंचने में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इसरो, टेलीमैट्री, ट्रेकिंग एंड कमांड नेटवर्क के वैज्ञानिकों का बड़ा भारी योगदान रहा है। भारत से हजारों मील दूर ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के अर्थ स्टेशनों पर यहां के वैज्ञानिक भी नज़र गड़ाए हुए थे, बल्कि यहां से निर्देशित भी कर रहे थे। वे अब अक्टूबर में लांच होने वाले इंडियन रीजनल नेवीगेसन सेटेलाइट सिस्टम वन सी की तैयारी में जुट गए हैं। मंगलयान के कार्यक्रम में यहां के वैज्ञानिकों की भी टीम गई हुई है।
अभिनंदन! अभिनंदन!! भारत के वैज्ञानिकों आपका अभिनंदन! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगल और मार्स ऑर्बिटर मिशन के मिलन पर भारतीय विज्ञानियों से कुछ ऐसे ही बोला। उस समय प्रधानमंत्री की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। वह यही ही चाहते थे कि भारत के वैज्ञानिक दुनिया के सामने भारत का सर ऊंचा करें। भारत को विकास की नई ऊंचाईयों पर ले जाने के नरेंद्र मोदी के मिशन मेक इन इंडिया की यह बड़ी सफलता है। नरेंद्र मोदी जब अमेरिका में होंगे, तब उनके चेहरे पर भारतीय मंगलयान की भी चमक होगी, जो दुनिया के शक्तिशाली लोगों के अंदर महसूस की जा रही होगी कि भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी बाज़ी मार ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मंगलयान’ के मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने के ऐतिहासिक क्षण के गवाह भी बने। उन्होंने देशवासियों से कहा कि सभी भारतीयों को हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों पर गर्व है, आइए, आज सभी मिलकर इस उपलब्धि पर खुशी मनाएं। प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में मंगल की कक्षा में मंगलयान को स्थापित करने संबंधी कार्यक्रम को देखने के उपरांत वैज्ञानिकों को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले ही प्रयास में मंगल में पहुंचकर भारतीय वैज्ञानिकों ने इतिहास रच दिया है, आज भारत अपने पहले ही प्रयास में ऐसी सफलता प्राप्त करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों ने अपने कठिन परिश्रम और लगन से मानवीय उद्यमता और कल्पना शक्ति की नई सीमाओं को छुआ है। उन्होंने इस अभियान को संपूर्ण भारत का स्वदेशी प्रयास बताते हुए कहा कि इसमें बंगलौर से भुवनेश्वर और फरीदाबाद से राजकोट तक के लोगों के प्रयास शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों की प्रशंसा में कहा कि कुछ करने की प्रबल इच्छा और कुछ नया खोजने में खुशी के प्रयास शक्तिहीन लोगों के लिए नहीं होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अभियान में मिलने वाली सफलता या असफलता पर ध्यान दिए बिना, उन्होंने आज इसरो में उपस्थित रहने को चुना। उन्होंने वैज्ञानिकों से स्वयं के लिए और भी अधिक चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखने का अनुरोध किया और कहा उन्हें विश्वास है कि वे इन लक्ष्यों को भी प्राप्त कर लेंगे, आप लोगों में ‘असंभव को संभव’ बनाने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत अपनी जगतगुरू भारत की भूमिका को निरंतर निभाता रहेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरिक्ष कार्यक्रमों की सफलता इस बात का प्रकाशमान प्रतीक है कि हम एक राष्ट्र के रूप में क्या कुछ करने की सामर्थ्य रखते हैं, एक सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम कई क्षेत्रों में अनेक अनुप्रयोग की शुरूआत करता है, हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के प्रयास हमारी शासन प्रणाली को मजबूत, अर्थव्यवस्था को सशक्त और हमारी जीवन शैली को उन्नत बना रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश क्रिकेट टीम की एक स्पर्धा जीतने पर खुशियां मनाता है और आज की सफलता उससे हजार गुणा बढ़ी है और सभी देशवासियों को हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की सफलता पर खुशियां मनानी चाहिएं, आइये, हमारे वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि पर मिल-जुलकर खुशी मनाएं और प्रत्येक स्कूल और कॉलेज के छात्र उनके प्रयासों की सामूहिक सराहना करें। इस अवसर पर कर्नाटक के राज्यपाल राजूभाई वाला, मुख्यमंत्री सिद्ध रमैया, केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार और सदानंद गौड़ा भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इस पहले मंगलयान के सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में स्थापित करने पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन को बधाई दी है। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने इसरो के अध्यक्ष डॉ के राधाकृष्णन से कहा कि मैं आपको और आपके दल को लगभग नौ महीने की यात्रा के बाद मंगलयान को सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा पर स्थापित करने पर हार्दिक बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज की इस सफलता ने भारत को एशियाई देशों में यह सफलता प्राप्त करने वाला पहला देश और इसरो को मंगल पर उपग्रह भेजने वाली चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बना दिया है, इसरो को पहले ही प्रयास में यह सफलता प्राप्त हुई है, संपूर्ण राष्ट्र को इस ऐतिहासिक सफलता पर गर्व है और इसने भारत की अंतरिक्ष क्षमताओं का एक बार और सफल प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सफलता हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रमों में मील का पत्थर साबित होगी और हमारे वैज्ञानिकों को ओर अधिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करेगी। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि इस महान अभियान से जुड़े सभी वैज्ञानिकों, अभियंताओं, अन्य सभी प्रौद्योगिकीविदों और अन्य सभी लोगों तक मेरी शुभकामनाएं पहुंचें, राष्ट्र उनके कठिन परिश्रम और उनकी इस उपलब्धि को प्राप्त करने पर गर्व महसूस कर रहा है। उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने भी इसरो के वैज्ञानिकों और इससे संबंधित सभी लोगों को बधाई दी है। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि हमारे वैज्ञानिक भविष्य में अंतरिक्ष अभियानों के क्षेत्र में नई ऊचांईयों को छुएंगे और देश के लिए कई उपलब्धियां प्राप्त करेंगे।