प्रधानमंत्री ने काशी से 4 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को दिखाई झंडी
'प्रयागराज अयोध्या हरिद्वार चित्रकूट कुरुक्षेत्र व काशी राष्ट्र की विरासतें'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 8 November 2025 03:47:22 PM
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वाराणसी से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई और देश के विभिन्न क्षेत्रों में नई वंदे भारत रेलगाड़ियां शुरू करने की घोषणा की। इसी केसाथ देश के विख्यात पवित्र स्थल अब वंदे भारत नेटवर्क से जुड़ गए हैं। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेख खन्ना, रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव सहित वाराणसी के जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी वाराणसी में देव दीपावली उत्सव का जिक्र किया और कहाकि आजका दिन भी विकास का एक शुभ अवसर है। उन्होंने कहाकि जिन भी देशों ने महत्वपूर्ण प्रगति और विकास हासिल किया है, वहां बुनियादी ढांचे की उन्नति ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है, भारत इस मार्ग पर तेजीसे आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने बनारस-खजुराहो वंदे भारत के अलावा फिरोजपुर-दिल्ली वंदे भारत, लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत और एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत को भी हरी झंडी दिखाई। इन नई ट्रेनों केसाथ देश में चालू वंदे भारत ट्रेनों की कुल संख्या अब 160 से अधिक हो गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह भारतीय रेलवे को आधुनिक और सुविधायुक्त करने का एक व्यापक अभियान है, वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की अगली पीढ़ी की नींव रख रही हैं। नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत ट्रेन को भारतीयों केलिए भारतीयों की बनाई ट्रेन बताया, जो हर भारतीय को गर्व से भर देती है। उन्होंने कहाकि विदेशी यात्री भी वंदे भारत का सुविधायुक्त परिचालन देखकर चकित रह जाते हैं, भारत ने एक विकसित भारत केलिए अपने संसाधनों को बढ़ाने के अभियान की शुरुआत की है। उन्होंने कहाकि भारत में सदियों से तीर्थयात्रा को राष्ट्रीय चेतना का माध्यम माना जाता रहा है, ये यात्राएं केवल दिव्यदर्शन के मार्ग नहीं हैं, बल्कि पवित्र परंपराएं हैं, जो भारत की आत्मा से जुड़ती हैं। उन्होंने प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार, चित्रकूट और कुरुक्षेत्र को राष्ट्र की विरासतों का आध्यात्मिक केंद्र बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि पवित्र स्थल वंदे भारत नेटवर्क से जुड़ने से भारत की संस्कृति, आस्था और विकास यात्रा के संगम बन गए हैं, यह विरासत शहरों को राष्ट्रीय प्रगति के प्रतीक के रूपमें बदलने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन 11 वर्ष में उत्तर प्रदेश में विकासात्मक पहलों ने तीर्थयात्रा को एक नए स्तरपर पहुंचाया है, पिछले वर्ष ही 11 करोड़ श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन केलिए वाराणसी आए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर निर्माण के बादसे 6 करोड़ से ज़्यादा लोग रामलला के दर्शन करने अयोध्या धाम जा चुके हैं, इन तीर्थयात्रियों ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में हज़ारों करोड़ रुपये का योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि इससे राज्यभर के होटलों, व्यापारियों, परिवहन कंपनियों, स्थानीय कलाकारों और नाव संचालकों को पहले से भी ज्यादा आय के निरंतर अवसर मिल रहे हैं, वाराणसी में सैकड़ों युवा अब परिवहन सेवाओं से बनारसी साड़ी के व्यवसाय तक नए उद्यम शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि विकास कार्यों ने उत्तर प्रदेश और वाराणसी में समृद्धि के द्वार खोले हैं, विकसित वाराणसी से विकसित भारत केलिए शहर में निरंतर बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है। उन्होंने कहाकि वाराणसी के अस्पतालों, बेहतर सड़कों, गैस पाइपलाइन नेटवर्क, इंटरनेट कनेक्टिविटी की स्थापना और विस्तार में गुणात्मक सुधार हो रहा है। उन्होंने बतायाकि रोपवे परियोजना पर तेज़ीसे प्रगति हो रही है, गंजारी व सिगरा स्टेडियम स्थापित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारा लक्ष्य बनारस की यात्रा, वहां रहना और उसे अनुभव करना सभी केलिए एक विशेष अनुभव बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार वाराणसी में स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर बना रही है, जबकि 10-11 साल पहले यहां गंभीर बीमारियों केलिए बनारस हिंदू विश्वविद्यालय का अस्पताल ही इलाज का एकमात्र विकल्प था, मरीजों की अत्यधिक संख्या के कारण लोग रातभर इंतजार केबाद भी इलाज नहीं करा पाते थे, कैंसर जैसी बीमारियों केलिए मुंबई में इलाज कराने केलिए लोगों को अपनी ज़मीन खेत बेचने पड़ते थे। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार ने इन चिंताओं को कम करने का काम किया है, कैंसर के इलाज केलिए महामना कैंसर अस्पताल, आंखों की देखभाल केलिए शंकर नेत्रालय, बीएचयू में उन्नत ट्रॉमा सेंटर, शताब्दी अस्पताल और पांडेयपुर में संभागीय अस्पताल को ऐसे संस्थानों के रूपमें सूचीबद्ध किया गया है, जो आज वाराणसी, पूर्वांचल और पड़ोसी राज्यों केलिए वरदान बन गए हैं। उन्होंने कहाकि इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत और जन औषधि केंद्रों के कारण लाखों गरीब मरीज करोड़ों रुपये बचा रहे हैं, इससे न केवल लोगों की चिंता कम हुई है, बल्कि वाराणसी को पूरे क्षेत्र की स्वास्थ्य राजधानी के रूपमें भी जाना जाने लगा है।
वाराणसी के विकास को और ज्यादा गति देने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनियाभर से आने वाले प्रत्येक आगंतुक को बाबा विश्वनाथ की पवित्र नगरी में एक अनोखी ऊर्जा, उत्साह और आनंद का अनुभव होना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण समारोह में उपस्थित छात्रों से मुलाकात का भी ज़िक्र किया। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ के दौरान छात्रों के बीच प्रतियोगिता आयोजित करने की परंपरा शुरू करने केलिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रशंसा की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रस्तुत चित्रों और कविताओं केलिए बच्चों की सराहना की, जो विकसित भारत, विकसित काशी, सुरक्षित भारत जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित थीं। उन्होंने वाराणसी के प्रतिभाशाली बच्चों को बधाई दी और यहां से सांसद होने पर गर्व व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने भविष्य में एक बाल साहित्य सम्मेलन आयोजित करने का विचार रखा, जिसके 8-10 विजेताओं को देशभर में अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने केलिए ले जाया जा सकता है। कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी, जॉर्ज कुरियन, रवनीत सिंह बिट्टू वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे।