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एमएसएमई ने कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया-मुर्मू

राष्ट्रपति ने किया एमएसएमई में महिलाओं की भागीदारी का आह्वान

एमएसएमई क्षेत्र में कम पूंजी लागत पर अधिक रोज़गार के अवसर

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Friday 27 June 2025 04:22:03 PM

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज नई दिल्ली में एमएसएमई दिवस समारोह को संबोधित किया और कहाकि एमएसएमई ने कमजोर वर्गों को सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति ने एमएसएमई में महिलाओं की भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि एमएसएमई क्षेत्र में कम पूंजी लागत पर अधिक रोज़गार के अवसर उपलब्ध हैं। राष्ट्रपति कहाकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) देश की अर्थव्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ हैं, क्योंकि एमएसएमई सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और जमीनीस्तर पर नवाचार को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहाकि एक मजबूत एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि देश के सतत आर्थिक विकास केलिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहाकि सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैकि ये उद्यम ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रोज़गार पैदा करते हैं, इस तरह एमएसएमई क्षेत्र कमजोर वर्गों को सशक्त बनाकर और विकास को विकेंद्रीकृत करके समावेशी विकास में योगदान देता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि इसमें कोई संदेह नहीं हैकि एमएसएमई क्षेत्र देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, हालांकि इस क्षेत्र को कई चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से प्रमुख हैं-वित्त की समस्या, बड़ी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा, नवीनतम तकनीक का अभाव, कच्चे माल और कुशल कार्यबल की कमी, सीमित बाजार और भुगतान में देरी। राष्ट्रपति ने कहाकि एमएसएमई के महत्व और उनकी समस्याओं को समझते हुए भारत सरकार ने कई नीतिगत पहल की हैं, इनमें एमएसएमई केलिए वर्गीकरण मानदंडों में संशोधन, ऋण उपलब्धता में वृद्धि, केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को अपनी वार्षिक खरीद आवश्यकताओं का कम से कम 35 प्रतिशत सूक्ष्म और लघु उद्यमों से खरीदने केलिए प्रोत्साहित करना, पीएम विश्वकर्मा योजना केतहत कारीगरों का कौशल विकास आदि शामिल हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि इन प्रयासों से पंजीकृत एमएसएमई की संख्या में बहुत तेजीसे वृद्धि हुई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि एमएसएमई केलिए ऑनलाइन विवाद समाधान पोर्टल विलंबित भुगतान के मामलों में महत्वपूर्ण साबित होगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि एमएसएमई की स्थिरता केलिए नवाचार बहुत महत्वपूर्ण है, एमएसएमई द्वारा जमीनीस्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने से स्थानीय संसाधनों से स्थानीय मुद्दों के किफायती समाधान मिल सकते हैं। राष्ट्रपति ने हाल के वर्ष में एमएसएमई क्षेत्रमें महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि देश के सर्वांगीण विकास केलिए इस क्षेत्रमें अधिक से अधिक महिलाओं की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने युवा महिलाओं से उद्यम स्थापित करने और आत्मनिर्भर बनने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहाकि एमएसएमई भारत की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं, लेकिन वे ऊर्जा खपत और उत्सर्जन के एक बड़े हिस्से केलिए भी जिम्मेदार हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि एमएसएमई क्षेत्रमें हरित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना समय की मांग है, इससे न केवल एमएसएमई की स्थिरता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी, बल्कि देश को अपने जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतनराम मांझी, राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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