स्वतंत्र आवाज़
word map

भारतीय फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज का शो

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 July 2013 12:43:27 PM

kavuru sambasiva rao

नई दिल्‍ली। केंद्रीय वस्त्र मंत्री कवूरू संबाशिवा राव ने यहां छठे भारतीय फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज शो (आईएफजेएएस 2013) का उद्घाटन किया। शो का आयोजन हस्तशिल्प निर्यात प्रोत्साहन परिषद (ईपीसीएच) ने किया था। जब डॉ राव आईएफजेएएस 2013 का उद्घाटन कर रहे थे तो उन्होंने कहा कि निर्यातकों ने स्वयं ही इस वर्ष हस्तशिल्प निर्यात को 3.34 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का वादा किया है, परंतु मेरी आकांशा इससे कुछ अधिक है, यदि सरकार विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण करती है और बगैर किसी लाल फीताशाही के तुरंत निर्णय लेती है और उन कलाकारों को कुछ वित्तीय सहायता देती है, उनकी मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध करा कर, रहने के लिए एक आवास, उनकी सहनीय कीमत पर खाद्यान्‍न उपलब्ध कराकर, उनके बच्चों को कुछ सुविधाएं और नियमित प्रशिक्षण दे तो ऐसे में कुटीर उद्योग के विकास की कोई सीमा नहीं होगी।
डॉ राव ने कहा कि भारत में बाजार के सभी हिस्सों की आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता है यथा-उच्च, मध्य और निम्न स्तर तक। भारत में प्रत्येक वेशभूषा और शैली के अनुरूप कच्चा माल आधार, डिजाइन और मूल्य की विविधता को पेश करने की क्षमता है। वास्तव में अब खरीददार वैकल्पिक फैशन ज्वैलरी एसेसरीज को प्राथमिकता देते हैं, बजाय उनकी परंपराओं का विकल्प चुनने के, जोकि महंगा है। वस्त्र मंत्री ने निर्यातक समुदाय से उनकी निर्माण तकनीक और प्रौद्योगिकी में नये प्रयोग करने और सुधार करने का आग्रह किया और कहा कि उन्हें अपने डिजाइनों और उत्पादों को पेश करने में भी सुधार करने की आवश्यकता है। डॉ राव ने कहा कि हमें अपने प्रतिस्पर्धियों से डिजाइन, निर्माण, सफाई और प्रस्तुतिकरण के विविध पहलू सीखने चाहिएं। डॉ राव ने भारतीय फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज की बसंत, गर्मी और सर्दी के रूझानों के संग्रह पर एक पुस्तक जारी की।
आईएफजेएएस 2013 में उच्च फैशन ज्वैलरी, अर्द्ध कीमती ज्वैलरी, स्टॉल्स, स्कॉर्फ, शाल, हैंड बैग, कलच पर्स, बेल्ट, वेलेट्स, नैक टाई, मोती, पत्थऱ, क्रिस्टल, सिर बाल एसेसरीज, फैंसी फैशन फुटवियर, टेटू और बिंदियों आदि की प्रदर्शित विभिन्न श्रेणी के उत्पादों के 205 प्रदर्शक शामिल थे। वस्त्र सचिव जोहरा चटर्जी और एसएस गुप्ता, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) की उपस्थिति भी रही।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]