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'इसरो नारी शक्ति का आदर्श उदाहरण'

अंतरिक्ष राज्यमंत्री ने इसरो वैज्ञानिकों का किया स्वागत

गणतंत्र दिवस पर इसरो की झांकी का किया था नेतृत्व

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 27 January 2024 06:13:03 PM

minister of state for space welcomed isro scientists

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने नई दिल्ली आवास पर इसरो महिला वैज्ञानिकों केलिए गणतंत्र दिवस का स्वागत समारोह आयोजित किया। इनमें प्रतिष्ठित महिला वैज्ञानिकों का दल भी शामिल था, जिन्होंने गणतंत्र दिवस पर इसरो की झांकी का नेतृत्व किया था, झांकी में चंद्रयान, आदित्य एल1 और अन्य हालिया सफलता की कहानियों को प्रदर्शित किया गया था, जिनको वैश्विक प्रशंसा मिली थी और जिसने 140 करोड़ भारतीयों में से प्रत्येक को इसरो केसाथ जोड़ा। इसरो की झांकी का नेतृत्व आठ महिला वैज्ञानिकों ने किया, जबकि 220 आमंत्रित महिला वैज्ञानिकों ने अपने जीवनसाथी केसाथ दल का उत्साह बढ़ाया। महिलाओं से बने दल को इसरो के बेंगलुरु, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और श्रीहरिकोटा केंद्रों से लाया गया था।
अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहाकि गौरव का यह दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संभव हुआ, जिन्होंने नए अंतरिक्ष सुधार केसाथ अंतरिक्ष क्षेत्र को अतीत की बेड़ियों से मुक्त कराया। महिला वैज्ञानिकों ने कहाकि जब इसरो की झांकी कर्तव्य पथ पर निकली तो सहज तालियों की गड़गड़ाहट से वे बेहद सम्मानित और गौरवांवित महसूस कर रही थीं। महिला वैज्ञानिकों ने अपनी उपलब्धियों को राष्ट्र के सामने प्रदर्शित करने का अवसर देने केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहाकि वे अपने गर्मजोशीभरे आतिथ्य से अभिभूत हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि जैसेही इसरो की झांकी राष्ट्रपति के बाड़े के करीब आने लगी कथा वर्णन था इसरो-विकसित भारत की पहचान। उन्होंने कहाकि इसरो ने उस ऐतिहासिक क्षण का चित्रण किया, जब उसका अंतरिक्षयान चंद्रयान-3 पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरा था। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इस मील के पत्थर के कारण भारत चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव केपास उतरने वाला दुनिया का पहला और एकमात्र देश बन गया।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इसरो नारीशक्ति का आदर्श उदाहरण है, जिसमें महिला वैज्ञानिक न केवल भाग लेती हैं, बल्कि अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रमों से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का नेतृत्व भी करती हैं। उन्होंने कहाकि निगार शाजी आदित्य एल1 मिशन की परियोजना निदेशक हैं, जबकि कल्पना कलाहस्ती चंद्रयान-3 की एसोसिएट परियोजना निदेशक हैं। स्वागत समारोह में इसरो के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ ने राज्यमंत्री का महिला परियोजना निदेशकों और वैज्ञानिकों, जैसे निगार शाजी, इसरो की 'सनी लेडी', एडीआरआईएल की डॉ राधा देवी और कल्पना कालहस्ती, रीमा घोष, रितु करिधल तथा निधि पोरवाल जैसे इतिहास रचने वाले अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों से परिचय कराया। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत के अमृतकाल में महिलाएं हमारे राष्ट्र की यात्रा में समान भागीदार हैं और इसरो की महिला वैज्ञानिक इसकी पथप्रदर्शक हैं, क्योंकि हम एक विकसित भारत @2047 की ओर बढ़ रहे हैं।

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