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साबरमती आश्रम पहुंचे उपराष्ट्रपति

'स्वावलंबन आत्मनिर्भर भारत की मार्गदर्शक शक्ति'

गुजरात राज्य विकास के लिए आदर्श है-उपराष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 October 2022 12:06:00 PM

vice president reaches sabarmati ashram

गांधीनगर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 'स्वावलंबन' की गांधीवादी भावना को 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' केपीछे मार्गदर्शक ताकत के रूपमें वर्णित किया और कहाकि इस दृष्टिकोण के अच्छे परिणाम मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर रक्षा और अंतरिक्ष अन्वेषण तक सभी क्षेत्रोंमें दिखाई दे रहे हैं। गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर आए उपराष्ट्रपति साबरमती आश्रम गए और कहाकि चरखे को देखतेही राष्ट्रपिता के संदेश की याद आ जाती है, जिन्होंने आत्मनिर्भरता को 'सभी स्वतंत्रताओं की कुंजी' करार दिया था। साबरमती आश्रम की अपनी यात्रा को प्रेरणादायक बताते हुए उन्होंने विजिटर्स बुक में टिप्पणी लिखीकि वे साबरमती आश्रम में आकर धन्य हो गए, गांधीवादी विचार और जीवनशैली का यह एक पवित्र मंदिर है। इस स्थान से गांधीजी ने नमक सत्याग्रह शुरू किया और सत्य और अहिंसा की शक्ति से दुनिया को रोशन किया। गांधीजी की विरासत के खजाने को प्राचीन रूपमें संरक्षित करना आश्रम की पहचान है। आश्रम की यात्रा एक राष्ट्रीय तीर्थयात्रा की तरह है, जो मानवता की सेवा में हमेशा रहने केलिए प्रेरित करेगी।
उपराष्ट्रपति ने इसके बाद नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी गांधीनगर में गुजरात सरकार के 'उच्चशिक्षा में उत्कृष्टता' पर एक कार्यक्रम में भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने राज्य की अपनी पहली यात्रा को अविस्मरणीय अनुभव बताया और गर्मजोशीभरे आतिथ्य एवं स्नेह केलिए गुजरात के लोगों को धन्यवाद दिया। उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने केलिए ठोस कदम उठाने केलिए राज्य की तारीफ की। उन्होंने नई नीति को एक गेम चेंजर करार देते हुए कहाकि यह एक सुविचारित नीति है, जो हमारी आवश्यकताओं को पूरा करती है और उम्मीद हैकि इस शिक्षा नीति को सभी राज्य सही भावना से लागू करेंगे। उन्होंने सामान्य रूपसे भारत और विशेष रूपसे गुजरात को अवसरों की भूमि और निवेश केलिए पसंदीदा स्थान बताते हुए कहाकि राज्य विकास केलिए आदर्श है। उन्होंने कानून के छात्रों से कहाकि वैश्विक कानूनी प्रणाली का हिस्सा बनने केलिए तकनीकी विकास के कारण अब वे अच्छी स्थिति में हैं। उपराष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि भारतीय प्रतिभा दुनिया के हर क्षेत्र में है। उन्होंने कहाकि शिक्षामें निवेश से वर्तमान केसाथ भविष्य मेभी सुधार होता है। उन्होंने कहाकि यह शिक्षा ही है, जो अकेले बदलाव लाती है, यदि हमारे पास उच्चशिक्षा में उत्कृष्टता है तो इनोवेशन होगा, रचनात्मकता होगी और अनुसंधान होगा।
जगदीप धनखड़ ने कहाकि कुछ देश और लोग भारत के विकास को पचा नहीं पा रहे हैं, लेकिन दुनिया जानती हैकि भारत का उदय रुकने वाला नहीं है। एक दिन पहले स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की अपनी यात्रा को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे दुनिया में एक अजूबा बताया और कहाकि इस अद्भुत रचना और वहां के पूरे इकोसिस्टम ने मुझे एक भारतीय के रूपमें बहुत गर्व महसूस कराया। इस दौरान उन्होंने कानूनी और पर्यावरण के क्षेत्रमें विभिन्न स्टार्टअप और उद्यमियों को सम्मानित किया और इंस्टीट्यूट ऑफ इंफ्रास्ट्रक्चर टेक्नोलॉजी रिसर्च एंड मैनेजमेंट में ड्रोन टेक्नोलॉजी में उत्कृष्टता केंद्र का भी शुभारंभ किया। उपराष्ट्रपति ने राज्य में विभिन्न शैक्षिक परियोजनाओं का वर्चुअल मोड में शिलान्यास किया। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गुजरात के शिक्षामंत्री जीतूभाई वघानी, गुजरात नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी निदेशक प्रोफेसर एस शांताकुमार और गणमान्य नागरिक कार्यक्रम में शामिल हुए।

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