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फरीदाबाद में आधुनिक अमृता अस्पताल शुरू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया अमृता अस्पताल का उद्घाटन

सेवा संवेदना और आध्यात्मिक चेतना का आरोग्य संस्थान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 24 August 2022 06:02:31 PM

pm at the inauguration of the state-of-the-art amrita hospital in faridabad

फरीदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फरीदाबाद में अत्याधुनिक अमृता अस्पताल का उद्घाटन किया और कहा हैकि अमृता अस्पताल के रूपमें फरीदाबाद में आरोग्य का इतना बड़ा संस्थान प्रतिष्ठित हुआ है, यह अस्पताल, बिल्डिंग व टेक्नॉलॉजी के हिसाब से जितना आधुनिक है, सेवा संवेदना और आध्यात्मिक चेतना के हिसाब से उतना ही अलौकिक है। उन्होंने कहाकि यह अस्पताल फरीदाबाद और पूरे एनसीआर क्षेत्र के लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा। उन्होंने कहाकि माता अमृतानंदमयी मठ का संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल 2600 बिस्तरों से लैस होगा और करीब 6000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि कुछदिन पहलेही देश ने एक नई ऊर्जा केसाथ आजादी के अमृतकाल में प्रवेश किया है, अमृतकाल में देशके सामूहिक प्रयास प्रतिष्ठित हो रहे हैं और देशके सामूहिक विचार जाग्रत हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त कीकि अमृतकाल की बेला में देशको माता अमृतानंदमयी के आशीर्वाद का अमृत मिल रहा है, अम्मा प्रेम करुणा सेवा और त्याग की प्रतिमूर्ति हैं, वह भारत की आध्यात्मिक परंपरा की वाहक हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि अम्मा अमृतानंदमयी के संकल्प और प्रकल्प, सेवा के इतने विशाल अधिष्ठानों के रूपमें आज हमारे सामने हैं। उन्होंने कहाकि समाज जीवन से जुड़े ऐसे जितने भी क्षेत्र हैं, अम्मा अमृतानंदमयी का वात्सल्य, उनकी करुणा हमें हर जगह दिखाई पड़ती है, उनका मठ हजारों बच्चों को छात्रवृत्ति दे रहा है, लाखों महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के जरिए सशक्त कर रहा है। उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान मेभी देश केलिए अभूतपूर्व योगदान दिया है। प्रधानमंत्री ने भारत की सेवा और चिकित्सा की महान परंपरा पर ध्यान केंद्रित करते हुए कहाकि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहां इलाज एक सेवा है, आरोग्य एक दान है और यहां इस अस्पताल में आरोग्य आध्यात्म दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहाकि हमारे यहां आयुर्विज्ञान एक वेद है, हमने हमारी मेडिकल साइंस कोभी आयुर्वेद का नाम दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलायाकि सदियों से गुलामी के कठिन दौर मेंभी भारत ने अपनी आध्यात्मिक और सेवा विरासत को कभीभी गुमनामी में लुफ्त नहीं होने दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अम्मा अमृतानंदमयी जैसे संतों के रूपमें आध्यात्मिक ऊर्जा हमेशा देश के कोने-कोने में व्याप्त है, हमारे धार्मिक और सामाजिक संस्थानों की शिक्षा-चिकित्सा से जुड़ी जिम्मेदारियों के निर्वहन की ये व्यवस्था एक तरह से पुराने समय का पीपीपी मॉडल ही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप तो कहते ही हैं, लेकिन मैं इसे परस्पर प्रयास के तौरपर भी देखता हूं। प्रधानमंत्री ने भारत में बनी वैक्सीन के बारेमें दुष्प्रचार पर टिप्पणी करते हुए कहाकि जब भारत ने अपनी वैक्सीन बनाई थी तो कुछ लोगों ने किस तरह का दुष्प्रचार करने की कोशिश की थी, इस दुष्प्रचार की वजह से समाज में कई तरह की अफवाहें फैलने लगी थीं, लेकिन जब समाज के धर्मगुरू, अध्यात्मिकगुरू एकसाथ आए उन्होंने लोगों को अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा तो उसका तुरंत असर हुआ। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत को उस तरह की वैक्सीन हेसिटेंसी का सामना नहीं करना पड़ा जैसा अन्य देशों में देखने को मिला।
लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि इसबार लाल किले से उन्होंने अमृतकाल के पंच प्राणों का एक विजन देश के सामने रखा है, इन पंच प्राणों मेसे एक है-गुलामी की मानसिकता का संपूर्ण त्याग। उन्होंने कहाकि इसकी इस समय देश में खूब चर्चा भी हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस मानसिकता का जब हम त्याग करते हैं तो हमारे कार्यों की दिशा भी बदल जाती है। उन्होंने कहाकि यही बदलाव आज देश के हेल्थ केयर सिस्टम में भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि देश के पारंपरिक ज्ञान में विश्वास बढ़ रहा है, योग की आज वैश्विक स्वीकृति है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हरियाणा आज देश के उन अग्रणी राज्यों में है, जहां घर-घर पाइप से पानी की सुविधा से जुड़ चुका है। प्रधानमंत्री ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में भी उत्कृष्ट योगदान केलिए हरियाणा के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि फिटनेस और खेल जैसे विषय तो हरियाणा के संस्कारों में ही हैं। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहरलाल, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, माता अमृतानंदमयी भी उपस्थित थीं।

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