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'आत्मनिर्भर गांव ही आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद'

परौंख गांव एक भारत श्रेष्ठ भारत का एक बेहतरीन उदाहरण-मोदी

राष्ट्रपति के पैतृक गांव पहुंचे प्रधानमंत्री सहित कई महानुभाव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 4 June 2022 01:38:03 PM

paraunkh is the best example of ek bharat shreshtha bharat

कानपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केसाथ कानपुर देहात में अपने पैतृक गांव परोंख में पथरी माता मंदिर और मिलन केंद्र गए, यह केंद्र राष्ट्रपति का पैतृक घर है, जिसे सार्वजनिक उपयोग केलिए उन्होंने दान कर दिया था और इसे एक सामुदायिक केंद्र (मिलन केंद्र) में परिवर्तित कर दिया गया है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर फूलों की माला पहनाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और गांव में एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहाकि हमसभी लोग जानते हैंकि बाबासाहेब ने भारतीय संस्कृति पर आधारित एक समावेशी और सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करने और समाज के गरीब, पिछड़े और वंचित वर्गों का उत्थान करने केलिए जीवनभर संघर्ष किया। उन्होंने कहाकि जिस प्रकार से प्रधानमंत्री ने बाबासाहेब के आदर्शों को लागू किया है, वह हमारे लिए अनुकरणीय है। राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके पैतृक गांव आने का न्यौता स्वीकार करने केलिए धन्यवाद व्यक्त किया और कहाकि न केवल उनका गांव, बल्कि उनका जिला भी प्रधानमंत्री की गरिमामयी उपस्थिति से प्रभावित है। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रधानमंत्री प्रत्येक नागरिक का जीवन सुलभ बनाने केलिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने भारत माता की सेवा करने वाले भाव को नया आयाम दिया है, उन्होंने राष्ट्रीय सेवा और जनकल्याण की अवधारणा कोभी नई परिभाषा दी है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान उनके संबोधन का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा थाकि वे मक्खन पर नहीं, बल्कि पत्थरों पर लकीर खींचना पसंद करते हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि प्रधानमंत्री की यही दृढ़ता आज वैश्विक मंच पर भारत को एक शक्तिशाली देश के रूपमें स्थापित कर रही है, अपनी असाधारण कोशिशों और मेहनत के बल पर उन्होंने राष्ट्र के गौरव और गरिमा को भव्यता प्रदान की है और हमें भारत माता के ऐसे सपूत पर गर्व है। इस अवसर पर प्रथम महिला सविता कोविंद, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री, राज्यमंत्री, जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि वह उस गांव का दौरा करके खुश हैं, जिसने राष्ट्रपति के बचपन को देखा है और उन्हें देश के सर्वोच्च पद तक पहुंचते देखा है। उन्होंने उन स्मृतियों को याद किया, जो राष्ट्रपति ने यात्रा के दौरान उनके साथ साझा की थीं। उन्होंने राष्ट्रपति के जीवन की यात्रा की ताकत की सराहना की। उन्होंने कहाकि सबका प्रयास आत्मनिर्भर भारत को हासिल करने का तरीका है और आत्मनिर्भर गांव ही आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उन्होंने परौंख में भारत के आदर्श गांवों की ताकत को महसूस किया, यह गांव एक भारत श्रेष्ठ भारत का बेहतरीन उदाहरण है एवं पथरी माता मंदिर देवभक्ति और देशभक्ति दोनों काही प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने राष्ट्रपति के पिताजी की विचार प्रक्रिया और कल्पनाशीलता को नमन किया, जो तीर्थयात्रा केलिए और पूरे देश में आस्था के स्थानों से शिलाएं और आस्था की शिल्पकृतियां लेकर आए। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रपति को परौंख गांव की मिट्टी से जो संस्कार मिले हैं उन्हें आज दुनिया देख रही है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रपति जोकि संविधान और संस्कार दोनों का प्रतिनिधित्व करते हैंने प्रोटोकॉल तोड़कर और हेलीपैड पर उनका स्वागत करके उनको आश्चर्यचकित कर दिया। प्रधानमंत्री ने याद कियाकि राष्ट्रपति ने कहा थाकि वह एक अतिथि का स्वागत करने के अपने संस्कारों का पालन कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को उनके अनुग्रहपूर्ण कार्य केलिए धन्यवाद दिया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि राष्ट्रपति का पैतृक आवास 'मिलन केंद्र' परामर्श और प्रशिक्षण केंद्र के रूपमें महिला सशक्तिकरण को नई ताकत दे रहा है, इसी तरह डॉ भीमराव अंबेडकर भवन बाबासाहेब के आदर्शों को बढ़ावा दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि परौंख गांव के लोगों के सामूहिक प्रयासों से गांव आगे बढ़ता रहेगा और देश के सामने एक आदर्श गांव का मॉडल पेश करेगा। उन्होंने कहाकि गांव का कोई भी व्यक्ति कहीं भी चला जाए, लेकिन उससे उसका गांव कभीभी नहीं छूटता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि महात्मा गांधी भारत की स्वतंत्रता को भारत के गांवों से जोड़कर देखते थे, भारत के गांव का अर्थ हैकि जहां आध्यात्मिकता है, वहां आदर्श भी होने चाहिएं, भारत के गांव का मतलब है, जहां परंपराएं हैं और वहां प्रगति भी है, भारत का गांव अर्थात जहां संस्कृति है, वहां सहयोग भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि अमृतकाल के इस दौर में ऐसे गांवों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, देश अब गांवों, किसानों, गरीबों और पंचायती लोकतंत्र केलिए काम करने के इस संकल्प केसाथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि हमारे गांवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रमशक्ति है और सबसे ज्यादा समर्पण भी है, इसलिए भारत के गांवों का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जनधन योजना, पीएमएवाई, उज्ज्वला और हरघर जल जैसी योजनाओं से करोड़ों ग्रामीण लाभांवित हुए हैं। उन्होंने कहाकि देश ने गरीबों के कल्याण केलिए अभूतपूर्व गति से काम किया है, अब देश सभी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ शत-प्रतिशत लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है, योजनाओं की संतृप्ति अब एक उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहाकि इससे बिना किसी भेदभाव के सभी का सशक्तिकरण हो रहा है। भारतीय लोकतंत्र की शक्ति का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि इस मंच पर मौजूद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री गांवों या छोटे शहरों से निकले हैं, हमारे संघर्ष और गरीबी तथा ग्रामीण जीवन से सीधे संपर्क ने हमारे संस्कारों को मजबूत किया है। उन्होंने कहाकि यह हमारे लोकतंत्र की ही ताकत हैकि भारत में एक गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-राज्यपाल-मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है।
प्रधानमंत्री ने परिवारवाद की राजनीति के प्रति सतर्क किया। उन्होंने कहाकि यह परिवारवाद की राजनीति ही है, जो न केवल राजनीति, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का गला घोंटती है और नई प्रतिभाओं को आगे आने से रोकती है। उन्होंने कहाकि मेरा किसी राजनीतिक दल या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत द्वेष नहीं है, लेकिन मैं चाहता हूंकि देश में एक मजबूत विपक्ष हो और लोकतंत्र केलिए समर्पित राजनीतिक दल हों, मैं चाहता हूंकि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां खुदको इस बीमारी से मुक्त करें और स्वस्थ बने, तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा और देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री ने ग्रामीणों से गांव में अमृत सरोवर के निर्माण में मदद करने का अनुरोध किया और उन्हें प्राकृतिक खेती अपनाने केलिए भी कहा।

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