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नरेंद्र मोदी ने त्रिपुरा के सपनों को हौसला दिया!

त्रिपुरा और समूचा पूर्वोत्तर बदलाव का साक्षी बन रहा है-प्रधानमंत्री

त्रिपुरा लाभार्थियों को पीएमएवाई-जी की पहली किस्त हस्तांतरित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 14 November 2021 05:35:01 PM

narendra modi transfers the 1st instalment of pmay-g to beneficiaries of tripura

अगरतला/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से पीएमएवाई-जी की पहली किस्त हस्तांतरित की। इस अवसर पर लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 700 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए गए हैं। प्रधानमंत्री की पहल केबाद त्रिपुरा की अनूठी भू-जलवायु स्थिति को ध्यान में रखते हुए विशेष रूपसे राज्य केलिए 'कच्चा घर' की परिभाषा बदल दी गई है, परिणामस्वरूप इतनी बड़ी संख्या में कच्चे घरों में रहनेवाले लाभार्थी पक्का घर बनाने केलिए सहायता प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव और उप-मुख्यमंत्री जिष्णुदेव वर्मा भी कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े। प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों से बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने धलाई त्रिपुरा की अनिता कुकी देबबर्मा से उनके जीवन एवं आजीविका केबारे में पूछा और उनसे एक मजबूत एवं उत्कृष्ट घर बनाने को कहा, क्‍योंकि शीघ्र ही उनके पास एक पक्का घर होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि गरीबों और जनजातीय वर्ग का कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है, एकलव्य विद्यालय, वन उपज संबंधी योजनाएं तैयार करके उन्‍हें जमीनी स्‍तर पर कार्यांवित किया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेपाहिजाला की सोमा मजूमदार से योजना से लाभांवित होने का उनका अनुभव जाना, उन्होंने पूछाकि नया पक्का घर मिलने केबाद उनका जीवन किस तरह से बेहतर होगा, इसके जवाब में सोमा मजूमदार ने कहाकि इसकी बदौलत उनका अपना पक्का घर होने का सपना साकार हो रहा है, इससे मानसून में काफी सहूलियत होगी। प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह कियाकि इन किस्‍तों को केवल अपने घरके निर्माण पर ही खर्च करें। प्रधानमंत्री ने कहाकि उनकी सरकार का उद्देश्य लाभार्थियों को बिना किसी परेशानी या बिचौलिए के योजना का लाभ दिलाना है। प्रधानमंत्री ने उत्तरी त्रिपुरा के समीरन नाथ से पूछाकि क्या उन्हें अपने घर के निर्माण केलिए पीएमएवाई-जी के तहत किस्‍तों से जुड़े लाभों के बारेमें पता है, योजना-पूर्व विभिन्‍न गतिविधियों जैसेकि सर्वेक्षण से जुड़े उनके अनुभव केबारे में भी पूछा, जो उनके घर निर्माण केलिए किया गया था। प्रधानमंत्री ने पूछाकि क्या उन्होंने लाभ प्राप्त करने केलिए रिश्वत का सहारा लिया। प्रधानमंत्री ने इससे पहले की व्‍यवस्‍था की कड़ी आलोचना की, जिसमें लाभार्थियों को बिना रिश्वत दिए कोई भी लाभ नहीं मिल पाता था।
दक्षिण त्रिपुरा की कादर बिया से बातचीत में प्रधानमंत्री ने पूछाकि क्या वह जानती हैंकि इस स्कीम के तहत उन्हें किस्तों के रूपमें कितनी राशि प्राप्त होगी? सरकार ऐसे घर के निर्माण में वित्तीय रूपसे उनकी सहायता करेगी? प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त कीकि पक्का घर उनके जीवन में खुशियां लाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और उनकी टीम की त्वरित गति से कार्य करने केलिए सराहना की और कहाकि चाहे बिप्लब कुमार देब की सरकार हो या मोदी सरकार हो, नागरिकों के कल्याण में अनावश्यक नियमों को बाधा नहीं बनने दिया गया है। उन्होंने प्रसन्नता जताईकि जहां तक संभव है, पीएमएवाई के तहत घर महिलाओं के नाम पर हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह कार्यक्रम त्रिपुरा केलिए आनेवाले अच्छे दिनों तथा उम्मीद का संकेत है। उन्होंने कहाकि अब त्रिपुरा को गरीब बनाए रखने और त्रिपुरा के लोगों को सुख-सुविधाओं से दूर रखने वाली सोच की त्रिपुरा में कोई जगह नहीं है, यहां डबल इंजन की सरकार पूरी ताकत और ईमानदारी से राज्य के विकास में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पहले देश के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों से हमारी नदियां तो पूरब की ओर आती थीं, लेकिन विकास की गंगा यहां पहुंचने से पहले ही सिमट जाती थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि देश के समग्र विकास को टुकड़ों में देखा जाता था, सियासी चश्मे से देखा जाता था, इसलिए हमारा पूर्वोत्तर खुद को उपेक्षित महसूस करता था, लेकिन आज देशके विकास को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना से देखा जाता है, विकास को अब देश की एकता-अखंडता का पर्याय माना जाता है। प्रधानमंत्री ने देश के विकास में उनके अमूल्य योगदान केलिए भारत की आत्मविश्वास से भरपूर महिला शक्ति की विशेष रूपसे चर्चा की। उन्होंने कहाकि इस महिला शक्ति का बहुत बड़ा प्रतीक हमारे महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप भी हैं, इन एसएचजी को जन-धन खातों के साथ जोड़ा गया है, ऐसे समूहों केलिए उपलब्ध बिना गिरवी के ऋण को दोगुनाकर बीस लाख रुपये कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने पहले अपने एक-एक काम केलिए आम आदमी को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब सभी सेवा और सुविधाएं देने केलिए सरकार खुद आपके पास आती है। उन्होंने कहाकि पहले सरकारी कर्मचारी समय पर सैलरी मिल जाए इसके लिए परेशान रहते थे, अब उन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज़ादी के इतिहास में हमारे पूर्वोत्तर और देश के आदिवासी सेनानियों ने देश केलिए अपना बलिदान दिया है, इस परंपरा को सम्मान देने केलिए, इस विरासत को आगे बढ़ाने केलिए देश लगातार काम कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इसी कड़ी में अमृत महोत्सव के दौरान देश अब हर साल 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूपमें मनाएगा, 2 अक्टूबर अहिंसा दिवस, 31 अक्टूबर एकता दिवस, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस, राम नवमी, कृष्ण अष्टमी आदि के रूपमें इस दिन को राष्ट्रीय आइकनोग्राफी में समान महत्व मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह दिवस न केवल जनजातीय समाज के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन होगा, बल्कि यह सौहार्दपूर्ण समाज के प्रतीक के रूपमें भी उभरेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक अवसंरचना के निर्माण तथा कनेक्टिविटी में सुधार लाने से क्षेत्र की असीम क्षमता को प्रकट किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि क्षेत्र में किए जा रहे कार्य देश को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

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