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महामारी में योग ने आत्मशक्ति बढ़ाई-मोदी

देश और दुनिया ने मनाया सातवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनियाभर को देगा एम-योग एप्प

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 21 June 2021 04:58:10 PM

narendra modi addressing the 7th international yoga day programme

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना महामारी के बावजूद इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की विषयवस्तु 'आरोग्य के लिए योग' ने लोगों का मनोबल बढ़ाया है। उन्होंने देश, समाज और लोगों के स्वास्थ्य की मंगलकामनाएं कीं और कहाकि हमसब एक-दूसरे के साथ मिलकर सबको शक्तिशाली बनाएंगे। प्रधानमंत्री आज सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने महामारी के दौरान योग की भूमिका पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि योग ने साबित कर दिया है कि संकट की घड़ी में योग से लोगों को शक्ति और शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि देशों के लिए यह आसान था कि महामारी के दौरान योग दिवस को भूल जाएं, क्योंकि ये उनकी संस्कृति से नहीं जुड़ा है, लेकिन ऐसा होने के बजाय दुनियाभर में योग के प्रति उत्साह बढ़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख किया कि किस तरह अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धाओं ने योग को अपना कवच बनाया और योग के जरिये खुद को मजबूत किया। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ आज प्राणायाम और अनुलोम-विलोम जैसी सांस की कसरतों के महत्व की पैरवी कर रहे हैं, ताकि हमारा श्वसन-तंत्र मजबूत हो सके। महान तमिल संत थिरूवल्लुवर का उद्धरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग, रोग की जड़ तक पहुंचता है और सफल उपचार करता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कीकि दुनियाभर में योग की उपचार क्षमताओं पर अनुसंधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योग के जरिये शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति पर अध्ययन तथा ऑनलाइन कक्षाओं के दौरान बच्चों ने योग किया, इससे कोरोना से लड़ने के लिए बच्चे तैयार होंगे। प्रधानमंत्री ने योग की आमूल प्रकृति पर जोर देते हुए कहाकि योग शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य की भी देखभाल करता है, योग के जरिये हम अपनी आंतरिक शक्ति से जुड़ते हैं और खुद को हर तरह की नकारात्मकता से बचाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समत्वं योग उच्यते ही योग है, यह एकात्म का अनुभव करने और उसकी चेतना से एकाकार होने का प्रामाणिक मार्ग है। उन्होंने गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर का उद्धरण दिया कि स्व के अर्थ को ईश्वर और अन्यों से अलग होकर नहीं प्राप्त किया जा सकता, वह योग के असीम अनुभव, एकात्म की विराटता में निहित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में युगों-युगों से वसुधैव कुटुम्बकम् के मंत्र का पालन किया जाता रहा है, जिसे दुनियाभर में स्वीकार कर लिया गया है, हमसब एक-दूसरे के आरोग्य की कामना कर रहे हैं, अगर मानवता केलिए कोई खतरा पैदा होता है तो योग हमें आमूल स्वास्थ्य प्रदान करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग हमें जीवन को आनंद से जीने का मार्ग दिखाता है, योग जनमानस के स्वास्थ्य के लिए रोगों से रोकथाम के साथ सकारात्मक भूमिका भी निभाएगा। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक अहम पहल की है, दुनिया को एम-योग एप्प मिलेगा, जिसमें योगाभ्यास पर कई वीडियो होंगे, जो कई भाषाओं में उपलब्ध होंगे, ये वीडियो आम योगाभ्यास पर आधारित होंगे।
प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि एम-योग एप्प से दुनियाभर में योग का प्रचार करने में मदद मिलेगी तथा इससे एक विश्व-एक स्वास्थ्य के प्रयासों को बल मिलेगा। गीता का उद्धरण देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग की समवेत यात्रा लगातार चलने वाली यात्रा है, जिसके पास सबके लिये समाधान मौजूद है, यह जरूरी है कि योग अपने बुनियादी उसूलों को कायम रखते हुये हर व्यक्ति तक पहुंचे। प्रधानमंत्री ने कहा कि योगाचार्यों और हम सभी को जन-जन तक योग पहुंचाने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

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