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भाषाएं जोड़ने का काम करती हैं-राम नाईक

चरैवेति!चरैवेति!! के असमिया संस्करण का लोकार्पण

पुस्तक अनुकरणीय व मार्गदर्शक-असम के मुख्यमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 6 July 2019 04:31:49 PM

book charaiveti!charaiveti!! launch of assamese version

गुवाहाटी। राज्यपाल राम नाईक की पुस्तक चरैवेति!चरैवेति!! के असमिया संस्करण का आज गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र प्रेक्षागृह में आयोजित भव्य कार्यक्रम में लोकार्पण हुआ, जिसमें आसाम एवं मिजोरम के राज्यपाल जगदीश मुखी, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद, अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल डॉ बीडी मिश्रा, मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय, उत्तर प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, चाणक्य वार्ता के संरक्षक लक्ष्मीनारायण भाला, चाणक्य वार्ता के सम्पादक एवं दिव्य परिवार के अध्यक्ष डॉ अमित जैन और विशिष्टजन शामिल हुए। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर राज्यपाल राम नाईक ने महानुभावों के साथ डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें आदरांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सभी अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह और पुष्प गुच्छ भेंट करके किया गया। इस अवसर पर चाणक्य वार्ता पूर्वोत्तर राज्यों पर केंद्रित विशेषांक का विमोचन भी हुआ।
राज्यपाल राम नाईक ने लेखक की भूमिका में बोलते हुए कहा कि भाषाएं जोड़ने का काम करती हैं, यह सुखद संगम आज पुस्तक विमोचन समारोह में देखने को मिल रहा है। पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने मराठी दैनिक सकाल में प्रकाशित अपने संस्मरणों का संकलन किया है, जिसे पुस्तक चरेवैति!चरेवैति!! का रूप दिया गया है, पुस्तक का अबतक मराठी सहित हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, गुजराती, संस्कृत, सिंधी, अरबी, फारसी, जर्मन भाषा और ब्रेल लिपि में हिंदी, अंग्रेजी एवं मराठी में लोकार्पण हुआ है तथा अब असमिया भाषा में प्रकाशन होने से पुस्तक 11 भाषाओं तथा ब्रेल लिपि 3 भाषाओं में पाठकों के लिए उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि किसी संस्मरणात्मक पुस्तक का इतनी भाषाओं में प्रकाशन एक उपलब्धि के समान है। राम नाईक ने पुस्तक के श्लोक का मर्म बताते हुए कहा कि जीवन में निरंतर चलने वाले को ही सफलता प्राप्त होती है। उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन में किए गए विभिन्न समाधान देने वाले कार्यों का उल्लेख किया। आसाम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा कि संवेदनशील मन जनरोष का इंतजार नहीं करता, बल्कि पहले ही समाधान करता है, ऐसे ही संवेदनशील प्रकृति के हैं राम नाईक। उन्होंने कहा कि एक आदर्श नेता का आचरण कैसा होता है इसको जानना है तो पुस्तक ‘चरैवेति!चरैवेति!!’ पढ़िए।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पुस्तक में प्रस्तावना लिखवाने पर राम नाईक का अभिनंदन किया और कहा कि उन्हें प्रसन्नता है कि उन्हें ऐसे अनुकरणीय मार्गदर्शक की पुस्तक में सम्मिलित होने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि आसाम के लोग पुस्तक से प्रेरणा प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि पुस्तक प्रेरणादायक है, यह केवल पुस्तक नहीं, बल्कि ऐसे जीवन का प्रयास है, जिसने विचारों की प्रतिबद्धता पर अपना स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि राम नाईक ने हर जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया है, कुष्ठपीड़ितों, मछुवारों और महिलाओं के लिए उनके प्रयास अद्भुत हैं। राज्यपाल तथागत राय ने कहा कि राम नाईक के कार्य सराहनीय हैं, पुस्तक का प्रकाशन बांग्ला भाषा में भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुस्तक पढ़कर लगता है कि किसी व्यक्ति विशेष की जीवनी पढ़ रहे हैं। राज्यपाल डॉ बीडी मिश्रा ने कहा कि राम नाईक की कार्यशैली विशिष्ट है, असम भाषा में पुस्तक का प्रकाशन होने से पूर्वोत्तर भारत के निवासी उनके जीवन से प्रेरणा प्राप्त करेंगे। राज्यपाल गंगा प्रसाद ने कहा कि राम नाईक का जीवन संघर्ष और सेवा का पर्याय है। डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि राम नाईक में युवाओं जैसी ऊर्जा है, वे क्रांति के प्रतीक हैं, उन्होंने हर क्षेत्र व वर्ग के लोगों के लिए काम किया। कार्यक्रम में चाणक्य वार्ता समूह ने स्वागत उद्बोधन ‌दिया।

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