
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि रचनात्मक नवाचार से जुड़ा हुआ विज्ञान आम आदमी केलिए जीवन में सहजता लाता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत में विज्ञान न केवल शोध का विषय है, बल्कि इसने उत्सव के आयामों को ग्रहण कर लिया है और भारत के हर शहर तथा गांव में...

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट 'अभ्यास' का ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया है। इस एयर व्हीकल का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूपमें किया जाएगा। लक्षित विमान के प्रदर्शन की निगरानी...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए आज इंडियन स्पेस एसोसिएशन का शुभारंभ किया और अंतरिक्ष उद्योग के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के दो महान सपूत भारतरत्न जयप्रकाश नारायण और भारतरत्न नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि आजादी के बाद के भारत को दिशा...

आकाश मिसाइल के एक नए संस्करण 'आकाश प्राइम' का 27 सितंबर को एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर ओडिशा से उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया गया। सुधार के बाद किए गए परीक्षण में आकाश प्राइम ने अपनी पहली उड़ान में दुश्मन के विमानों की शक्ल में बनाए गए एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को रास्ते में ही रोककर नष्ट कर दिया। मौजूदा आकाश प्रणाली की...

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने एक विशेष मंत्रालय आधारित या विभाग आधारित परियोजनाओं के बजाय एकीकृत विषय आधारित परियोजनाओं पर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। राज्यमंत्री ने एक मीडिया...

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सर्वेक्षण अधिकारियों से एकीकृत प्रौद्योगिकी अपनाने को कहा है और आह्वान किया है कि वे राष्ट्रीय सर्वेक्षण एवं मानचित्रण एजेंसी (एनएमए) से खुदको समकालीन भारत में पुन: व्यवस्थित और पुनर्गठित करें। उन्होंने सर्वेक्षण अधिकारियों को अपनी अबतक की पारंपरिक...

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर में बेहतर जीवन केलिए नैनो प्रौद्योगिकी पर पांच दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन का 7 वां संस्करण है और अन्ना विश्वविद्यालय, शेर-ए कश्मीर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-कश्मीर,...

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू में भारतीय मौसम विज्ञान कार्यालय में नवीनतम उन्नत और अत्याधुनिक डॉपलर मौसम रडार एवं स्वदेशी जीपीएस आधारित पायलट सोंडे का उद्घाटन किया। भारत में मौसम विज्ञान के विकास पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि देशभर में 2014 से अबतक 12 डॉपलर मौसम राडार...

नेहरू विज्ञान केंद्र मुंबई ने एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया मुंबई शाखा के सहयोग से 'स्पेस टूरिज्म: द नेक्स्ट फ्रंटियर' पर एक ऑनलाइन व्याख्यान का आयोजन किया, जिसमें वीएम मेडिकल सेंटर मुंबई की एयरोस्पेस मेडिसिन स्पेशलिस्ट डॉ पुनीता मसरानी ने वाणिज्यिक अंतरिक्ष यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष...

जवाहर नवोदय विद्यालयों के सोलह छात्रों के खगोलशाला क्षुद्रग्रह खोज अभियान-2021 के तहत खोजे गए आठ क्षुद्रग्रहों को इंटरनेशनल ऐस्ट्रनॉमिकल सर्च कोलाबरेशन ने प्रोविजनल स्टेटस प्रदान किया है। खगोलशाला क्षुद्रग्रह खोज अभियान या केएएससी, जवाहर नवोदय विद्यालयों के छात्रों को क्षुद्रग्रहों का पता लगाने केलिए प्रशिक्षित...

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने ओडिशा तट के करीब एकीकृत परीक्षण रेंज से सतह से हवा में मार करने वाली नई पीढ़ी की आकाश मिसाइल (आकाश-एनजी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। परीक्षण में मल्टीफंक्शन रडार, कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन सिस्टम और तैनाती विन्यास में भाग लेने वाले लांचर जैसी सभी हथियार प्रणालियां...

हिमालय की तलहटी में बादल फटने की घटना से जिस तरह जीवन प्रभावित हो रहा है, क्या वह जंगल की आग से जुड़ा हुआ है? हाल ही में एक अध्ययन में छोटे सीसीएनएस कणों के बनने से इसका एक संबंध पाया गया है। बादल की छोटी बूंद का आकार जिसपर जलवाष्प संघनित होकर बादलों का निर्माण करता उसमें आग उत्पन्न होती है। क्लाउड कंडेनसेशन न्यूक्लियर (सीसीएनएस)...

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम के विकास को जारी रखते हुए मल्टी-बैरल रॉकेट लॉंचर से देश में विकसित पिनाका रॉकेट के विस्तारित रेंज संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह परीक्षण ओडिशा के सुदूर तटीय क्षेत्र चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया। परीक्षण के दौरन 25 उन्नत पिनाका रॉकेटों...

जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय श्रृंखला में बर्फ और ग्लेसियर तेजी से पिघल रहे हैं, हिमालय-काराकोरम श्रृंखला में सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों में जल आपूर्ति में बदलाव हो रहा है। दक्षिण एशिया के एचके क्षेत्र, जिसे अक्सर एशिया का वाटर टावर या थर्ड पोल कहा जाता है, पृथ्वी का सबसे ज्यादा ग्लेशियर वाला पर्वतीय क्षेत्र...

वैज्ञानिकों ने दिखाया है कि लद्दाख हिमालय के ठंडे रेगिस्तान में बड़ी बाढ़ आई थी, जिसका जलस्तर वर्तमान नदी जलस्तर से ऊपर चला गया था। इसका अर्थ यह हुआ कि ग्लोबल वार्मिंग के परिदृश्य में जब उच्च हिमालय क्षेत्रों में नाटकीय रूपसे प्रतिक्रिया की उम्मीद है तो लद्दाख में बाढ़ की आवृत्ति बढ़ सकती है, यह गंभीर शहरी और ग्रामीण...