काया के पिंजरे में कैद हंसा-सी फड़फड़ाती वह पवित्र आत्मा, जो जीवन भर एक फिरंगी लेखक की बेवफाई और जमाने भर की रूसवाई का दंश सहती रही, अंतत: अनंत में विलीन हो गई। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमांत डिंडौरी जिले के धुर जंगलों में बसे गुमनाम गांव रैतवार की कोसीबाई को उसका प्रारब्ध डॉ हैरी वारियर एल्विन जैसे महान शोधकर्ता लेखक तक खींच ले गया था, जो बाद में उसके लिए परम छलिया सिद्ध हुए। साहचर्य...

गांधीजीBapu इस मामले में बहुत साफ थे कि सिर्फ अंग्रेजों के देश के चले जाने से भारत को सही स्वराज्य नहीं मिल सकता, वे साफ कहते हैं कि हमें पश्चिमी सभ्यता के मोह से बचना होगा। पश्चिम के शिक्षण और विज्ञान से गांधी अपनी संगति नहीं बिठा पाते। वे भारत की धर्मपरायण संस्कृति में भरोसा जताते हैं और भारतीयों से आत्मशक्ति के उपयोग...

भारतीय रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की एकमात्र मासिक हिंदी पत्रिका भारतीय रेल अगस्त-2009 को अपनी गौरवशाली यात्रा की स्वर्ण जयंती मना रही है। बीते पांच दशक में इस पत्रिका ने रेलकर्मियों सहित पाठक वर्ग में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। इस अवधि में जहां भारत सरकार की कई पत्रिकाएं बंद हो गईं या बहुत सीमित दायरे तक पहुंच...

नेगारा के नेशनल पार्क और सुमात्रा (इंडोनेशिया) के गुनुंग ल्युसर नेशनल पार्क जैसे, दक्षिण पूर्वी एशिया के अनछुए वर्षा वनों की अंधेरी रात का रहस्य व भयानकता इतनी गूढ़ होती है कि उसके समक्ष अदृष्ट और अज्ञात का रहस्य भी फीका पड़ जाता है। फिर भी वन्य जीवन के शौकीनों के लिए इससे बेहतर स्थान और समय कोई दूसरा नहीं हो सकता।...
नई संस्कृति में लेखन का उद्देश्य बदल गया है और लेखकीय प्रतिभा के मानदण्ड भी बदल गये हैं। जिस प्रकार अमृत की प्राप्ति के लिये भेष बदलकर देवताओं की पंक्ति में बैठे राहु को देवता भी नहीं पहचान सके थे, उसी प्रकार आज पाठकों के लिये असली और नकली लेखकों की पहचान कठिन हो गई है।...