केंद्रीय हिंदी निदेशालय की ओर से आयोजित प्राध्यापक व्याख्यानमाला कार्यक्रम के अंतर्गत दिसंबर में माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के हिंदी विभाग में प्रोफेसरफेसर बाबू जोसफ का व्याख्यान हुआ। भूमंडलीकरण और हिंदी-कविता विषयक व्याख्यान में प्रोफेसरफेसर बाबू जोसफ ने कहा कि आज जब विश्व गांव की परिकल्पना साकार हो रही है, ऐसे में साहित्य की चुनौतियां और भी बढ़ गई हैं। कुमार अंबुज,...

ब्रिटेन में रह रहे भारतीय मूल के हिंदी कहानीकार तेंजेंदर शर्मा को हिंदी साहित्य एवं भाषा में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए हरियाणा साहित्य अकादमी का अगला विशेष साहित्य सेवी सम्मान प्रदान किया जाएगा। सम्मान में 51,000 रूपए की धनराशि भी शामिल हैं। हरियाणा साहित्य अकादमी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। तेंजेंदर...

मुंबई में चार जनवरी को हुए एक साहित्य संगम में जाने माने कवि विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था 'परिवार' ने परिवार पुरस्कार -2012 से नवाज़ा। समारोह के ज़रिए साहित्य जगत की दो मूर्धन्य हस्तियों को एक साथ एक मंच पर देखने का सुअवसर भी मिला। विनोद कुमार शुक्ल को यह पुरस्कार समारोह अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कवि विष्णु...
अखिल भारत वैचारिक मंच के तत्वावधान में अखिल भारतीय अगीत परिषद के संयोजन में स्वामी रामतीर्थ प्रतिष्ठान अलीगंज लखनऊ के सभागार में वैचारिक क्रांति मंच के उद्घोषक बाबा रविकांत खरे की 78वीं जयंती पर कवि मेला एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कवि विनोद चंद्र पांडेय विनोद सेवानिवृत्त आईएएस एवं निदेशक उप्र हिंदी संस्थान ने की तथा संचालन अखिल भारतीय अगीत परिषद...
काया के पिंजरे में कैद हंसा-सी फड़फड़ाती वह पवित्र आत्मा, जो जीवन भर एक फिरंगी लेखक की बेवफाई और जमाने भर की रूसवाई का दंश सहती रही, अंतत: अनंत में विलीन हो गई। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमांत डिंडौरी जिले के धुर जंगलों में बसे गुमनाम गांव रैतवार की कोसीबाई को उसका प्रारब्ध डॉ हैरी वारियर एल्विन जैसे महान शोधकर्ता लेखक तक खींच ले गया था, जो बाद में उसके लिए परम छलिया सिद्ध हुए। साहचर्य...

गांधीजीBapu इस मामले में बहुत साफ थे कि सिर्फ अंग्रेजों के देश के चले जाने से भारत को सही स्वराज्य नहीं मिल सकता, वे साफ कहते हैं कि हमें पश्चिमी सभ्यता के मोह से बचना होगा। पश्चिम के शिक्षण और विज्ञान से गांधी अपनी संगति नहीं बिठा पाते। वे भारत की धर्मपरायण संस्कृति में भरोसा जताते हैं और भारतीयों से आत्मशक्ति के उपयोग...

भारतीय रेल मंत्रालय के रेलवे बोर्ड की एकमात्र मासिक हिंदी पत्रिका भारतीय रेल अगस्त-2009 को अपनी गौरवशाली यात्रा की स्वर्ण जयंती मना रही है। बीते पांच दशक में इस पत्रिका ने रेलकर्मियों सहित पाठक वर्ग में भी अपनी एक विशिष्ट पहचान कायम की है। इस अवधि में जहां भारत सरकार की कई पत्रिकाएं बंद हो गईं या बहुत सीमित दायरे तक पहुंच...

नेगारा के नेशनल पार्क और सुमात्रा (इंडोनेशिया) के गुनुंग ल्युसर नेशनल पार्क जैसे, दक्षिण पूर्वी एशिया के अनछुए वर्षा वनों की अंधेरी रात का रहस्य व भयानकता इतनी गूढ़ होती है कि उसके समक्ष अदृष्ट और अज्ञात का रहस्य भी फीका पड़ जाता है। फिर भी वन्य जीवन के शौकीनों के लिए इससे बेहतर स्थान और समय कोई दूसरा नहीं हो सकता।...
नई संस्कृति में लेखन का उद्देश्य बदल गया है और लेखकीय प्रतिभा के मानदण्ड भी बदल गये हैं। जिस प्रकार अमृत की प्राप्ति के लिये भेष बदलकर देवताओं की पंक्ति में बैठे राहु को देवता भी नहीं पहचान सके थे, उसी प्रकार आज पाठकों के लिये असली और नकली लेखकों की पहचान कठिन हो गई है।...