
दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी व्यक्ति के लिए जातिसूचक अपशब्दों का इस्तेमाल करने आरोप में किसी शख्स पर तब तक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक यह सिद्ध नहीं हो जाए कि यह घटना सार्वजनिक रूप से हुई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों का जिक्र करते हुए एक ही परिवार के तीन सदस्यों को इस...
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया ने जहां न्यायपालिका के सीमा उल्लंघन की बात स्वीकारते हुए जजों को संविधान में दिए गए शक्ति बंटवारे के सिद्धांत का ध्यान रखने की नसीहत दी है, वहीं सरकार को भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करने और इसके साथ छेड़छाड़ न करने की नसीहत दी। उन्होंने कहा है कि न्यायिक जवाबदेही कानून बनाते समय सरकार को न्यायपालिका की स्वतंत्रता प्रभावित न...

यद्यपि कानून में तबादला दंड के रूप में परिभाषित नहीं है, किंतु फिर भी इसे एक दंड के औजार या हिसाब बराबर करने के रूप में काम में लिया जा रहा है, जिसे कानून की भाषा में न्यायिकेतर (Extra-judicial Punishment) दंड कहा जता है। तबादला किसी शिकायत का कोई हल भी नहीं है। यदि कर्मचारी ने वास्तव में कोई कदाचार किया है तो उसे दंडित किया जाना चाहिए, अन्यथा...
विवाहिता का अपहरण कर गाड़ी में सामूहिक बलात्कार मामले में एएसजे आरएस चौधरी की अदालत ने दो आरोपियों को दस-दस वर्ष के कारावास तथा प्रत्येक को 17500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को दो-दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। उन्होंने जुर्माना अदा नहीं किया है...

अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति उषा मेहरा आयोग, विज्ञान भवन सौध, नई दिल्ली-110003 स्थित कार्यालय से अपना काम शुरू करेगा। जांच आयोग ने शिकायतें और सुझाव आमंत्रित किए हैं। इन्हें इन टेलीफोन नंबरों, फैक्स, ईमेल पर आयोग को भेजा जा सकता है–न्यायमूर्ति (अवकाश प्राप्त) (सुश्री) उषा मेहरा, कक्ष नंबर 331 और 331 (ए), विज्ञान भवन सौध नई दिल्ली–110003...

उच्चतम न्यायालय का राष्ट्र भाषा हिंदी में कार्य करना अपने आप में गौरव और हिंदी को प्रोत्साहन का विषय है। राजभाषा पर संसदीय समिति ने 28 नवंबर 1958 को संस्तुति की थी कि उच्चतम न्यायालय में कार्यवाहियों की भाषा हिंदी होनी चाहिए। इस संस्तुति को पर्याप्त समय व्यतीत हो गया है, किंतु इस दिशा में आगे कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है।...

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह की नियुक्ति पर आखिर सवाल दाग ही दिया है। इससे शशांक शेखर सिंह एक गंभीर कार्मिक विवाद में फंस गए हैं तो मायावती सरकार भी कटघरे में खड़ी हो गयी है। हालांकि शशांक शेखर सिंह इस सरकार में अपनी महत्वपूर्ण पारी खेल चुके हैं और इस समय केवल सेवा विस्तार पर...

अयोध्या में जहां रामलला की मूर्ति स्थापित है, वह स्थान ही रामजन्मभूमि है। करोड़ों लोगों की धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के चरम किंतु 'विवादित' शब्द से घिरे इस विश्व विख्यात स्थान पर कभी हिंदू धार्मिक स्थल हुआ करता था जिसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी जोकि इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ थी, जिसे मस्जिद नहीं माना जा सकता।...

केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मामले में 24 सितम्बर को आने वाले उच्च न्यायालय के संभावित फैसले को देखते हुए एक प्रस्ताव पारित कर देशवासियों से अपील की गई है कि किसी वर्ग के उकसाने मे आकर कोई ऐसा प्रयास नहीं किया जाना चाहिए या ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जो दूसरों की भावनाएं आहत करे।...

अदालत में पुरातत्ववेत्ताओं की अयोध्या उत्खनन रिपोर्ट पर बयान लिखे जाने का कार्य समाप्ति की ओर है। क्या निर्णय होगा, इसकी भविष्यवाणी भी कोई नहीं कर सकता। फैसले के क्रियान्वयन का नैतिक बल सरकार के पास होगा या नहीं, यह कहना भी बहुत कठिन है। बनारस के दोशीपुरा कब्रिस्तान से सम्बंधित शिया व सुन्नी मुसलमानों के बीच पिछले 110...
देश में काम की कमी नहीं है, लेकिन काम आदमियों के लिए नहीं है, मशीनों के लिए है। आम मेहनतकश अनपढ़ लोगों का काम बुल्डोजर जैसी मशीने लेती जा रही हैं और पढ़े-लिखे लोगों का काम कम्प्यूटर लेता जा रहा है। ऐसे में हर हाथ को काम देने और दिला पाने का नारा केवल एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति ही उछाल सकता है, जिसने बदली हुई परिस्थितियों का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया है। एक याचिका में कहा गया है कि 1750 रुपए प्रत्येक...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार यह तय करे कि अब किसी सार्वजनिक स्थान या सड़क पर मंदिर, मस्जिद, चर्च या गुरूद्वारा नहीं बनेगा अगर सार्वजनिक स्थान पर इनमे से एक भी निर्माण हुआ तो संबंधित अधिकारी को समुचित सजा दी जाएगी। इस महाआदेश के लिए हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं। केंद्र सरकार इस मामले पर यदि राज्यों के साथ सहमति बनाने...

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक जांच के आदेश तो दिए हैं, लेकिन जांच के निष्पक्ष होने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। अब सवाल सिर्फ अस्थाना की मौत की जांच का नहीं है बल्कि न्याय प्रणाली की विश्वसनीयता पर उंगलियां उठ रही हैं। सूचना के अधिकार की परिधि में जज साहब क्यों नहीं आते हैं? सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की क्या प्रक्रिया...