
लोक कलाकारों से समृध्द छत्तीसगढ़ की पहचान देश-दुनिया में पंडवानी की मशहूर गायिका तीजनबाई के कारण तो है ही, भारती बंधुओं ने भी कबीर की रचनाओं को भजन में ढालकर एक अलग पहचान कायम कर ली है। भारती बंधु-अर्थात् पांच भाई एक साथ-एक स्वर में एक मंच पर बैठकर जब कबीर को गाते हैं, तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। सबसे बड़े भाई स्वामी...

सास गारी देवे, देवर जी समझा लेवे, ससुराल गेंदा फूल.... में रायपुर का भी जिक्र आता है। इस गाने के बोल छत्तीसगढ़ी भाषा में हैं, जिसे पहली बार रायपुर की ही प्रसिद्ध जोशी बहनों ने गाया है। हालांकि अब जोशी बहनों को दुख है कि इस गीत को फिल्मकार ने छत्तीसगढ़ को क्रेडिट नहीं दिया है। अगर ऐसा होता तो और अच्छा होता, मगर उन्हें इसका ज्यादा...
छत्तीसगढ़ मे जब से राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षक बनने के लिए बीएड की उपाधि को अनिवार्य किया है तब से यह पाठ्यक्रम निजी कॉलेजों के लिए मोटी कमाई का जरिया बन गया है। प्रदेश मे नित नये खुलते प्राइवेट कालेजों मे यूं तो व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की लंबी फेहरिस्त होती है परंतु इस सूची मे बीएड का अलग ही आकर्षण है क्योंकि इस एक वर्षीय कोर्स के लिए मारा मारी है और इससे निजी संस्थानों की जमकर कमाई होती...