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डाक विभाग का 'रानी हो' पर विशेष आवरण

अयोध्या-कोरिया के मध्य सांस्कृतिक दूत बना डाक विभाग

'अयोध्या में 'रानी हो' स्मारक साझा संस्कृति का परिचायक'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 March 2019 05:07:14 PM

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अयोध्या। लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने आज सरयू तट पर दक्षिण कोरिया की रानी हो के स्मारक की 18वीं वर्षगांठ पर अयोध्या शोध संस्थान के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रम में डाक विभाग के विशेष आवरण और विरूपण जारी किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया के साथ अयोध्या का सदियों पुराना भावनात्मक रिश्ता है, इतिहास में इसके संकेत मिलते हैं कि श्रीराम की नगरी अयोध्या की एक राजकुमारी दक्षिण कोरिया की महारानी बनीं और लगभग 2 हजार साल पहले उन्होंने वहां राज किया। कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अयोध्या में निर्मित कोरिया की 'रानी हो' का स्मारक दोनों देशों की साझा संस्कृति का परिचायक है। इस अवसर पर सेंट्रल करक क्लान सोसायटी कोरिया गणराज्य के नेतृत्व में आए प्रतिनिधियों ने रानी हो को स्मरण किया।
डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने इस मौके पर कहा कि अयोध्या और दक्षिण कोरिया के मध्य डाक विभाग का यह विशेष आवरण सांस्कृतिक दूत का कार्य करेगा, इससे रिश्तों की डोर में मजबूती वैश्विक फलक पर दूरगामी साबित होगी। उन्होंने बताया कि रामायण पर जारी डाक टिकटों को इस आवरण पर लगाकर और भी महत्वपूर्ण बनाया गया है। उन्होंने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण सदैव सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभाते हैं, ऐसे में इस आवरण से पूरे विश्व में कोरिया और अयोध्या के सांस्कृतिक सम्बंधों का प्रसार होगा, दुनियाभर के डाक टिकट संग्राहकों के लिए यह एक अमूल्य निधि की तरह है। कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि अयोध्या शोध संस्थान हमेशा अयोध्या से दक्षिण कोरिया के पुराने रिश्तों में प्रगाढ़ता लाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है, इस विशेष आवरण के माध्यम से दोनों देशों के बीच पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। अयोध्या शोध संस्थान ने अवधी संस्कृति पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसे कोरियाई अतिथियों ने बहुत पसंद किया और खूब प्रशंसा की।
सेंट्रल करक क्लान सोसायटी कोरिया के वाइस प्रेसीडेंट किम हॉक किल ने कहा कि महारानी हो का स्मारक भारत-कोरिया के मधुर सम्बंधों की आधारशिला है, यह स्मारक हमें अपने पूर्वजों का स्मरण कराने के साथ-साथ हमें अपनी जड़ों से भी जोड़ता है, यही कारण है कि हम यहां बार-बार आकर अपने पूर्वजों की सूक्ष्म उपस्थिति महसूस करते हैं। उन्होंने विशेष आवरण के लिए डाक विभाग तथा अयोध्या शोध संस्थान का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, राजा विमलेंद्र मोहन मिश्र, प्रवर अधीक्षक डाकघर जेबी दुर्गापाल, सहायक अधीक्षक उमेश कुमार, मुख्य विपणन अधिकारी सत्येंद्र प्रताप सिंह, अयोध्या शोध संस्थान के प्रबंधक रामतीरथ, अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय के उपनिदेशक योगेश यादव, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजपाल सिंह और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

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