स्वतंत्र आवाज़
word map

चिकित्‍सक नैतिकता कायम रखें-उपराष्ट्रपति

'शहर और गांव तक हो आधुनिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की पहुंच'

'एम्‍स राष्‍ट्र का गौरव स्वास्‍थ्य क्षेत्र में एक उत्‍कृष्‍ट संस्‍थान'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 7 December 2018 06:02:32 PM

venkaiah naidu presenting the awards and gold medals to the students

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के 46वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि डॉक्‍टरों को नैतिकता कायम रखने की बात दिमाग में रखनी चाहिए और प्रत्‍येक मरीज का करुणा और सहानुभूति से इलाज करना चाहिए, चाहे उसकी वित्तीय पृष्‍ठभूमि कुछ भी हो। उन्होंने ‌कहा कि एम्‍स जैसा संस्‍थान राष्‍ट्र का गौरव है, इसने मरीजों की देखरेख, अध्‍ययन और अनुसंधान में उत्‍कृष्‍टता हासिल की है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि देशभर में एम्‍स जैसे स्वास्‍थ्य संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करके सरकार ने चिकित्सा शिक्षा सुविधाओं के विस्तार की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि भारत चिकित्सा पर्यटन में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अन्य देशों से लोग लीवर प्रत्यारोपण से लेकर घुटनों के जोड़ बदलने जैसे उपचार के लिए हमारे देश में आ रहे हैं, लेकिन यही इलाज अनेक भारतीयों की पहुंच से बाहर है, हमें सभी भारतीयों के लिए सस्‍ता इलाज सुनिश्चित कर इस बेतुकी स्थिति से बाहर आना होगा। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में खासतौर से मेक इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत एक महत्‍वपूर्ण कदम देश में आधुनिक औजारों और उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देना होगा, इस तरह के कदम से न केवल कीमती विदेशी मुद्रा की बचत होगी, बल्कि औजारों की कीमतों में भी गिरावट आएगी।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि केवल डॉक्टर ही बीमार व्यक्ति को ‘हीलिंग-टच’ दे सकते हैं और वही जीवन-मृत्यु के बीच अंतर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केवल डॉक्टर ही लोगों का जीवन बढ़ा सकते हैं। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि चिकित्‍सा शिक्षा में प्रतिमान सम्‍बंधी बदलाव आया है, यह वयस्‍क शिक्षा के सिद्धांतों का इस्‍तेमाल करते हुए कक्षा में लघु समूह शिक्षा पर आधारित उपदेशपूर्ण अध्‍यापन से स्‍वनिर्देशित शिक्षा में बदल चुकी है। उन्‍होंने कहा कि यह सुनि‍श्चित करने के लिए कि प्रशिक्षुओं को लाइसेंस मिलने से पहले उनके पास आवश्‍यक कौशल हो, ज्ञान बांटने के जरिए अध्‍ययन का परम्‍परागत तरीका प्रतिस्‍पर्धा आधारित शिक्षा में बदल चुका है। वेंकैया नायडू ने कहा कि नवीनतम प्रगति के साथ चिकित्‍सा शिक्षा के पाठ्यक्रम में निरंतर सुधार की आवश्‍यकता है और मुझे यकीन है कि एम्‍स में विकसित पाठ्यक्रम को एम्‍स जैसे अन्‍य संस्‍थान और चिकित्‍सा कॉलेज अपनाएंगे। उन्होंने बहु-विषयक टीमों को समय की जरूरत बताते हुए कहा कि एम्‍स के विभिन्‍न विभागों के साथ अनुसंधान गठबंधन कायम करके, देश में उत्‍कृष्‍टता और अनुसंधानकर्ताओं के अन्‍य केंद्रों तक पहुंचने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि हमें गुणवत्तापूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं तैयार करनी चाहिएं, जिनतक सबकी पहुंच हो और वह सस्‍ती हों। उन्‍होंने कहा कि शहर और गांव के बीच स्‍पष्‍ट विभाजन है। उन्‍होंने पीडब्‍ल्‍यूसी की एक रिपोर्ट का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि भारत में प्रति एक हजार की आबादी पर केवल 1.1 बिस्‍तर हैं, जबकि दुनिया का औसत 2.7 है, भारत की 70 प्रतिशत स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं शीर्ष के 20 शहरों में हैं। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि आधुनिक स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं प्रदान करने में शहर और गांव के इस बीच विभाजन को खत्‍म किया जाना चाहिए। उपराष्‍ट्रपति ने एम्‍स को उत्‍कृष्‍ट संस्‍थान बनाने के लिए उसके निदेशक, विभाग के सदस्‍यों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि मुझे उम्‍मीद है कि हमारा भारत आयुष्‍मान बनेगा और प्रत्‍येक नागरिक को अधिक प्रतिक्रियाशील, सस्‍ती, नैतिक दृष्टि से मजबूत और गुणात्‍मक स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं मिलेंगी, जो दुनिया में सर्वश्रेष्‍ठ होंगी। उपराष्ट्रपति ने समारोह में डॉक्टर एके सराया, डॉक्टर समीरा नंदी, डॉक्टर कमल बख्शी और डॉक्टर गोमती गोपीनाथ को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया। उन्होंने 31 मेडिकल छात्रों को स्वर्ण पदक और प्रमाणपत्र भी प्रदान किए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करना सरकार की उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हमने देश में चिकित्सा शिक्षा में तेज विस्तार के लिए योजना बनाई है, देश में चिकित्सा शिक्षा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष तक बढ़ा दी है तथा सरकार और अधिक मेडिकल कॉलेज एवं नर्सिंग स्कूल खोल रही है, इसके अलावा सरकार विशेषज्ञों की कमी दूर करने के लिए डॉक्टरों का कौशल बढ़ा रही है। जेपी नड्डा ने बताया कि झज्जर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान, अस्पताल और आवासीय परिसर का पहला चरण अगले माह से शुरू हो जाएगा, इसकी योजना लागत लगभग 2035 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2014-15 के बाद 118 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की अनुमति दे दी है, जिनमें 54 सरकारी क्षेत्र के हैं। देश में इस समय 502 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं जिनमें 70 हजार से अधिक एमबीबीएस की सीटें हैं। उन्होंने बताया कि नए मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनके तहत मेडिकल कॉलेजों के लिए नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है। उन्होंने कहा कि डीएनबी और सीपीएस को मिलाकर देश में लगभग 46 हजार स्नातकोत्तर सीटें हो गई हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत और प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के तहत सरकार 50 करोड़ से अधिक लोगों को भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कर रही है, इसमें निर्धनतम, कमजोर और वंचित वर्गों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के शुरू होने के बाद अबतक साढ़े चार लाख से अधिक लोगों ने योजना का लाभ उठाया है, यह विश्व की सबसे बड़ा जन-स्वास्थ्य कार्यक्रम है। उन्होंने 671 स्नातक छात्रों को डिग्रियां भी प्रदान कीं। समारोह में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, संस्थान के डीन प्रोफेसर बीके बहल और संस्थान के रजिस्ट्रार डॉ संजीव लालवानी, शिक्षक, वैज्ञानिक और छात्र उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]