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'युवाओं में वैज्ञानिक उत्कृष्टता को बढ़ावा'

विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाने का आह्वान

उपराष्ट्रपति ने प्रदान किए युवा वैज्ञानिक पुरस्कार

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Thursday 22 November 2018 01:15:53 PM

vice president m. venkaiah naidu addressing

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि इस बात को समझते हुए कि 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम आयु के लोगों की है, देश को युवा और शिक्षित लोगों की प्रतिभा एवं कौशल का लाभ अवश्य उठाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत और एल्सवियर पुरस्कार 2018 प्रदान करने के दौरान जनसमूह को संबोधित करते हुए ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह सबसे उपयुक्त समय है कि वह ग़रीबी, अप्रत्यक्ष भूख और आर्थिक असमानता जैसी चुनौतियों से निपटकर अवसरों का लाभ उठाए और विकास के मानदंडों में आगे बढ़े। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय वैज्ञानिकों को निर्णायक भूमिका अदा करनी चाहिए और लोगों का जीवन सुधारने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को शीर्ष देशों की श्रेणी में खड़ा करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि ग़रीबी, निरक्षरता, लिंग, भेदभाव और अन्य चुनौतियों से निपटने में विज्ञान व प्रौद्योगिकी की तरक्की और विकास के लिए सम्मिलित दृष्टिकोण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब तक इन मुद्दों का हल नहीं होता, तबतक कोई भी देश विकसित नहीं बन सकता। उपराष्ट्रपति ने युवा वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, निरंतर विकास, स्वच्छ ऊर्जा और जल तथा बीमारियों जैसी दुनिया के सामने मौजूद और उभरती हुई चुनौतियों का समाधान ढूंढे। उन्होंने कहा कि केवल वैज्ञानिक ही आने वाले वर्ष में वर्तमान और उभरती हुई समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं, यह जिम्मेदारी युवा वैज्ञानिक समुदाय के कंधों पर है। उपराष्ट्रपति ने विभिन्न कॉरपोरेट संगठनों और उद्योगों से अपील की कि वह देश में बड़े पैमाने पर वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा दें और अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए एक कोष बनाएं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने नवोन्मेष के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाने का आह्वान किया, जिससे कृषि, पर्यावरण, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान निकाला जा सके। गौरतलब है कि स्कोपस युवा वैज्ञानिक पुरस्कार एल्सवियर की युवा अनुसंधानकर्ताओं की सहायता करने की वैश्विक पहल का हिस्सा है। वर्ष 2009 में भारत ने एल्सवियर के राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के साथ सहयोग के जरिए अपने वैज्ञानिक समुदाय में इस कार्यक्रम को आधिकारिक तौरपर स्वीकार किया था। इस पुरस्कार का उद्देश्य युवाओं में वैज्ञानिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देना है। यह पुरस्कार पांच श्रेणियों में दिया जाता है-विज्ञान में महिला, कृषि, पादप विज्ञान और ग्रामीण विकास, पर्यावरण की दृष्टि से मजबूत निरंतर विकास, जैव-चिकित्सा अनुसंधान व स्वास्थ्य देखभाल तथा इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान में नवोन्मेष। समारोह में एपीएसी एल्सवियर के उपाध्यक्ष सौरभ शर्मा, एल्सवियर बीवी के कार्यकारी उपाध्यक्ष जीनो उस्सी और गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।

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