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जीएसएटी-29 संचार उपग्रह का प्रक्षेपण सफल

प्रधानमंत्री और इसरो के अध्यक्ष की वैज्ञानिकों को बधाई

दूरस्थ क्षेत्रों में सरलता से उपलब्ध होंगी संचार सेवाएं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 15 November 2018 02:27:35 PM

gsat-29 communications satellite launch

श्रीहरिकोटा/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जियोसिंक्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्कIII यानी जीएसएलवी एमके III-डी2 के द्वारा जीएसएटी-29 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने बधाई संदेश में कहा कि जीएसएटी-29 उपग्रह के सफल प्रक्षेपण पर अपने वैज्ञानिकों को मैं हार्दिक बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भारतीय प्रक्षेपण यान से कक्ष में सबसे भारी उपग्रह स्थापित किए जाने की दोहरी सफलता से एक नया कीर्तिमान कायम हुआ है। उन्होंने कहा कि जीएसएटी-29 उपग्रह से हमारे देश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी संचार और इंटरनेट सेवाएं सरलता से उपलब्ध होंगी।
जियोसिंक्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान मार्कIII के दूसरे दौर की उड़ान से सतीश भवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से जीएसएटी-29 संचार उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया। जीएसएलवी एमके III-डी2 को 3423 किलोग्राम वाले जीएसएटी-29 उपग्रह के साथ भारतीय समय के अनुसार 17:08 बजे सतीश भवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया गया, लगभग 17 मिनट के बाद इस प्रक्षेपण यान द्वारा योजना के अनुसार उपग्रह को जियोसिंक्रोनस स्थापन कक्ष में स्थापित कर दिया। हासन स्थित इसरो की शीर्ष नियंत्रण इकाई ने उपग्रह के नियंत्रण का जिम्मा लिया है। आने वाले दिनों में उपग्रह को भूस्थैतिक कक्ष में इसके निर्धारित स्थान पर तीन कक्षों में स्थापित किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने इस तीन स्तरीय भारी प्रक्षेपण यान जीएसएलवी एमके III को तैयार किया है। इसके सफल प्रक्षेपण के बाद इसरो के अध्यक्ष डॉ के सिवन ने कहा कि अपनी धरती से अपने सबसे भारी प्रक्षेपक की मदद से सबसे भारी उपग्रह को प्रक्षेपित करके भारत ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर तय किया है। उन्होंने कहा कि प्रक्षेपण यान की मदद से अपने लक्षित कक्ष में उपग्रह को पूर्णत: स्थापित किया गया है, जिसके लिए मैं इसरो की पूरी टीम को बधाई देता हूं।

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