स्वतंत्र आवाज़
word map

अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन!

स्मृति स्‍थल पर श्रद्धांजलि देने वालों का सैलाब उमड़ा

देश-विदेश से शोक प्रकट करने वालों का तांता लगा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 August 2018 07:05:31 PM

atal bihari vajpayee merged with panchatattva

नई दिल्ली। भारतरत्न और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे एवं भारतीय जनता पार्टी के महापुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर आज शाम स्मृति स्‍थल दिल्ली में चिता की अग्नि में विलीन हो गया। दत्तक पुत्री नमिता ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण और उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी, कई देशों से आए राजनेता, राजदूत, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत, राज्यों के मुख्यमंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के संरक्षक राजनेता मुलायम सिंह यादव, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, भाजपा के विभिन्न प्रांतों के वरिष्ठ नेता, लाखों भाजपा कार्यकर्ता और जनसामान्य के लोग उपस्थित थे। भाजपा मुख्यालय पर मानो सारा भारत उमड़ा हुआ था। भाजपा मुख्यालय से लेकर स्मृति स्‍थल तक सड़क के दोनों ओर जनसामान्य की लंबी लाइन थी, जो मीडिया के सामने अटलजी के लिए अपनी भावनाएं प्रकट कर रही थीं।
अटल बिहारी वाजपेयी का कल शाम 05.05 बजे लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। पूरा हिंदुस्तान कल से उनके शोक में डूबा है। देश-विदेश से श्रद्धांजलियां अर्पित करने वालों का तांता लगा है। अटल बिहारी वाजपेयी के सरकारी आवास और उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय पर राष्ट्रीय झंडे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र और पुष्पांजलियां, श्रद्धांजलियां अर्पित होती रहीं। भाजपा मुख्यालय के बाहर अटल बिहारी वाजपेयी को चाहने वालों का जनसैलाब उल्लेखनीय है। देश के किसी राजनेता के अंतिम दर्शन पाने के लिए ऐसी दीवानगी, ऐसे श्रद्धाभाव और सर्वसमाज में उनकी मान्यता को आज दुनिया ने देखा। भाजपा मुख्यालय पर दर्शन के सारे प्रबंध फेल हो गए। किसी को अंदाजा नहीं था कि अटल बिहारी वाजपेयी के निधन का दुखद समाचार सुनकर देशभर का जन सैलाब दिल्ली में उमड़ पड़ेगा। अटल बिहारी वाजपेयी देश की वह शख्सियत थे, जो सारे ही राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए बड़े ही सम्माननीय और देश की जनता के लोकप्रिय राजनेता थे। अटल बिहारी वाजपेयी घर से लेकर स्मृति स्‍थल तक सेना के तीनों अंगों के कंधों पर पहुंचे। स्मृति स्‍थल में चिता पर ले जाने से पूर्व उनके पार्थिव शरीर पर एक बार फिर सभी महान हस्तियों ने पुष्पचक्र और श्रद्धांजलि के पुष्प अर्पित किए।
अटल बिहारी वाजपेयी का पार्थिव शरीर कल रातभर उनके सरकारी आवास पर दर्शनार्थ रखा गया था और सवेरे करीब नौ बजे के बाद उन्हें भाजपा मुख्यालय पर लाया गया, जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मंत्रिमंडलीय सहयोगी, भूटान के राजा सहित कई देशों पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल आदि से आए वहां की सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों राजनेताओं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, संघ प्रमुख मोहन भागवत आदि ने उन्हें श्रद्धांजलियां दीं। अटल बिहारी वाजपेयी की शव यात्रा सेना की एक विशेष गाड़ी पर निकाली गई। तीनों सेनाओं की एक संयुक्त टुकड़ी जब उनके पार्थिव शरीर को लेकर निकली तो वहां मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो गईं और अंतिम यात्रा में लोग अटल बिहारी अमर रहे के नारे लगाने लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष सहित अनेक नेता उनके शव वाहन के पीछे पैदल चल रहे थे। वे बहुत अधीर अवस्‍था में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ स्मृति स्‍थल में अंत्येष्टि स्‍थल पहुंचे। ऐसा लग रहा था कि जैसे न कोई खास है और न कोई आम है। भाजपा मुख्यालय पर प्रबंधन की व्यवस्‍था जरूर खराब हुई और बहुत सारे कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शनों की इच्छा को पूरी नहीं कर सके। समाचार चैनलों पर भाजपा कार्यकर्ताओं और जनसामान्य ने कहा कि शव यात्रा में ही उनके दर्शन हो जाना उनके दर्शन का सपना पूरा होने जैसा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अटल बिहारी वाजपेयी को कल दी गई श्रद्धांजलि यहां आज भी प्रासंगिक है, जिसमें उन्होंने व्यक्त किया है-‘मैं नि:शब्द हूं, शून्य में हूं, लेकिन भावनाओं का ज्वार उमड़ रहा है, हम सभी के श्रद्धेय अटलजी हमारे बीच नहीं रहे। अपने जीवन का प्रत्येक पल उन्होंने राष्ट्र को समर्पित कर दिया था, उनका जाना, एक युग का अंत है। उन्होंने कहा कि लेकिन वो हमें कहकर गए हैं-मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, ज़िंदगी सिलसिला, आजकल की नहीं, मैं जीभर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं? नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटलजी आज हमारे बीच में नहीं रहे, लेकिन उनकी प्रेरणा, उनका मार्गदर्शन, हर भारतीय को हर भाजपा कार्यकर्ता को हमेशा मिलता रहेगा, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके हर स्नेही को ये दुःख सहन करने की शक्ति दे। ओम् शांति! नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हमारे प्रिय अटलजी के देहावसान पर पूरा राष्‍ट्र दुखी है, उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है, वे राष्‍ट्र के लिए जिये और दशकों तक उसकी अथक सेवा की, इस दुख की घड़ी में मैं उनके परिजनों, भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके लाखों प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्‍यक्‍त करता हूं। ओम् शांति!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह अटलजी का बेमिसाल नेतृत्‍व था, जिसने 21वीं सदी के मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि विभिन्‍न क्षेत्रों के संबंध में उनकी दूरगामी नीतियों ने भारत के प्रत्‍येक नागरिक के जीवन को स्‍पर्श किया। उन्होंने कहा कि मेरे लिए अटलजी का निधन एक निजी और अपूरणीय क्षति है, उनके साथ मेरी असंख्‍य प्रिय स्‍मृतियां हैं, वे मेरे जैसे कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्रोत थे, मैं उनकी मेधा और शानदार वाकचातुर्य का विशेष तौर पर स्‍मरण करता हूं। उन्होंने कहा कि अटलजी की जीवटता और संघर्ष के कारण ही भारतीय जनता पार्टी का उत्तरोत्तर विकास होता रहा है। नरेंद्र मोदी ने अपने कई ट्वीट में कहा है कि उन्‍होंने भारतीय जनता पार्टी के संदेश को प्रसारित करने के लिए देशभर की यात्रा की, जिसके आधार पर भारतीय जनता पार्टी हमारी राष्‍ट्रीय राजनीति और कई राज्‍यों में मजबूत स्‍थिति में आ गई।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]