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शिखर राजपुरुष अटल बिहारी वाजपेयी नहीं रहे!

राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष दुखी

पूरे भारतवर्ष में शोक की लहर और श्रद्धांजलियां अर्पित

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Thursday 16 August 2018 05:48:15 PM

atal bihari vajpayee

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के शिखर राजपुरुष भारतरत्न और तीनबार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का आज सायं पांच बजकर पांच मिनट पर निधन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उनके निधन से देशभर में शोक है। देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। कल भारत सरकार और राज्य सरकारों के यहां भी शोक अवकाश रहेगा। बैंक और सभी शिक्षण संस्‍थान तक बंद रहेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी एम्स में भर्ती थे और कई दिन से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। एम्स ने गुरुवार सुबह अपने मेडिकल बुलेटिन में बताया था कि उनकी तबीयत में सुधार नहीं है, उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। शाम पांच बजे के बाद एम्स से उनके न‌िधन की अधिकृत सूचना जारी की गई।
भारतीय जनता पार्टी और भाजपा शासित सभी राज्यों में सरकार के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। देश के भाजपा के सभी नेता और मुख्यमंत्री, मंत्री दिल्ली पहुंच गए हैं। समझा जाता है कि आज सुबह ही किसी समय अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतिम सांस ली है, लेकिन सुरक्षा और व्यवस्था के कारणों से यह घोषणा आज सायं की गई है। लोगों के एम्स आने का सिलसिला सवेरे से ही शुरू हो चुका था, जब यह सुना गया था कि अटल बिहारी वाजपेयी की हालत गंभीर है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू अहले सुबह ही एम्स पहुंच गए थे, तभी से उन शंकाओं के बादल छा गए थे, जो शाम को एक दुखद समाचार के रूप में सामने आईं। इनके बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी एम्स पहुंचे। गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी को यूरिन इंफेक्शन की शिकायत के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती किया गया था। वैसे तो वे करीब नौ साल से बीमार थे।
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे पहले 16 मई से 1 जून 1996 और फिर 19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे हिंदी कवि पत्रकार और एक प्रखर वक्ता थे। जब वे बोलने खड़े होते थे तो लोग उन्हें ध्यान से सुनते थे। वे भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले महापुरुषों में से एक थे और 1968 से 1973 तक उसके अध्यक्ष भी रहे। अटल बिहारी वाजपेयी लंबे समय तक भारतीय राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन जैसे राष्ट्रवादी समाचार पत्रों और अनेक पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूपमें समर्पित किया और आजीवन अविवाहित रहे। अटल बिहारी वाजपेयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री पद पर 5 साल पूरे किए। उन्होंने केंद्र में 24 दलों के गठबंधन से सरकार बनाई थी, जिसमें 81 मंत्री थे। वे राजनीति से सन्यास ले चुके थे और नई दिल्ली में 6-ए कृष्णामेनन मार्ग स्थित सरकारी आवास में रहते थे।
उत्तर प्रदेश में आगरा के प्राचीन स्थान बटेश्वर के मूल निवासी पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी के यहां जन्में अटल बिहारी वाजपेयी एक शिक्षक परिवार से थे। उनके पिता मध्य प्रदेश की ग्वालियर रियासत में अध्यापक हुआ करते थे। उनके पिता हिंदी और ब्रज भाषा के कवि भी थे, अटल बिहारी वाजपेयी को भी यही गुण संस्कारों में मिले। अटल बिहारी वाजपेयी की स्नातकीय शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज में हुई। छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लिया करते थे। कानपुर के डीएवी कालेज से उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए किया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के निर्देशन में राजनीति की और पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया। उन्हें देश के सर्वतोमुखी विकास के लिए दिसंबर 2014 में भारतरत्न सम्मान दिया गया। अटल बिहारी वाजपेयी उत्तर प्रदेश की गोंडा जिले की बलरामपुर सीट से सन 1957 में जनसंघ के प्रत्याशी के रूपमें में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। जनता पार्टी की स्थापना तक वे लगातार बीस वर्ष तक जनसंघ के संसदीय दल के नेता रहे। जनता पार्टी की मोरारजी देसाई सरकार में विदेश मंत्री रहे और विदेशों में भारत की उज्जवल छवि बनाई।
अटल बिहारी वाजपेयी ने जनता पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना में मदद की। भारतीय जनता पार्टी 6 अप्रैल 1980 को बनी, जिसके अध्यक्ष पद का दायित्व भी अटल बिहारी वाजपेयी को सौंपा गया। वे दो बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। अटल बिहारी वाजपेयी ने सन 1997 में प्रधानमंत्री के रूपमें देश की बागडोर संभाली। पुनः 19 अप्रैल 1998 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और उनके नेतृत्व में 13 दलों के गठबंधन की सरकार ने पांच वर्ष में देश की प्रगति के अनेक कार्य किए। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सन 2004 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने चुनाव लड़ा और भारत उदय का नारा दिया गया, मगर इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, ऐसी स्थिति में वामपंथी दलों के समर्थन से कांग्रेस ने भारत की केंद्रीय सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की और भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने 11 और 13 मई 1998 को पोखरण में पांच भूमिगत सफल परमाणु परीक्षण करके भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर दिया। इससे भारत निश्चय ही विश्व मानचित्र पर एक सुदृढ़ वैश्विक शक्ति के रूपमें स्थापित तो हुआ, मगर भारत को विभिन्न देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह परीक्षण इतनी गोपनीयता से किया गया कि जासूसी उपग्रहों से संपन्न किसी पश्चिमी देश को इसकी भनक तक नहीं लगी। अटल बिहारी वाजपेयी 19 फ़रवरी 1999 को सदा-ए-सरहद नाम से दिल्ली-लाहौर बससेवा का उद्घाटन करते हुए प्रथम यात्री के रूपमें पाकिस्तान गए और तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से मुलाकात की। भारत-पाक संबंधों की यह एक फिरसे शुरुआत थी। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कई प्रमुख कार्य हुए। अटल बिहारी वाजपेयी ने बहुत चाहा कि कश्मीर और अयोध्या में श्रीराम मंदिर पर बातचीत के आधार पर सर्वमान्य हल निकल जाए, लेकिन विवाद टलता गया। कई नेता आज अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी की हालत नाज़ुक जानकर अनेक नेता सुबह से ही एम्स पहुंचने लग गए थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की सूचना जारी होने के कुछ समय पहले ही एम्स पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय स्वास्‍थ्य मंत्री जेपी नड्डा वहां आते-जाते रहे। कुछ नेता तो वहां दिनभर मौजूद रहे। अपवाद को छोड़कर कोई नेता ऐसा नहीं है, जो एम्स न पहुंचा हो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेंद्रनाथ पांडेय, लगभग सभी मंत्री और भाजपा के पदाधिकारी दिल्ली पहुंचने शुरू हो चुके हैं। एम्स के डॉक्टरों ने आज शाम साढे़ पांच बजे के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के निधन की पुष्टि की। भारतीय जनता पार्टी के देशभर के नेताओं का यहां पहुंचना जारी है। जानकारी के अनुसार उनका पार्थिव शरीर उनके सरकारी आवास ले जाया गया है, जहां अंतिम दर्शनार्थ रखा जाएगा। उनकी अंत्येष्टि कल शाम चार बजे होगी। उनके निधन के बाद दिल्ली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक प्रकट करने वालों का तांता लगा है।

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