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मेवात में लक्ष्य के साथ जुड़े पिछड़े व मुस्लिम

बाबासाहब अंबेडकर के मार्ग पर चलने का आह्वान

लक्ष्य की सामाजिक चेतना का व्यापक विस्तार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 19 December 2016 03:08:24 AM

mewat, lakshy cadre camp

मेवात (हरियाणा)। भारतीय समन्वय संगठन 'लक्ष्य' के तत्वावधान में दलित मुस्लिम और पिछड़ा एकता को समर्पित एक दिवसीय कैडर कैंप का रविवार को हरियाणा के जिला मेवात नुहूं की नई अनाज मंडी में सफलतापूर्वक आयोजन हुआ। कैडर कैंप में आए मौलाना शेर मोहम्मद, कारी असलम, नासिर हुसैन और उनके साथियों ने बहुजन समाज को एक मंच पर आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर हमें सामाजिक समस्याओं का निदान करना है तो बाबासाहब भीमराव अंबेडकर से बेहतर रास्ता कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर के दिखाए रास्ते पर ही चलना होगा और दलित मुस्लिम और पिछड़े वर्ग को एक होकर जुल्म के खिलाफ मुकाबला करना होगा।
'लक्ष्य' के एनसीआर प्रभारी गंगालाल गौतम ने सरकारी आंकड़ों सहित कैडर में उपस्थित लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से रू-ब-रू कराते हुए कहा कि जब हमारे देश में दलित मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग एक साथ होंगे, तभी पूर्णरूप से बहुजन समाज की स्थापना हो पाएगी और समाज के महापुरुषों का मिशन अपनी मंजिल तक पहुंच पाएगा। मिलाप सिंह ने समाज के लोगों को उनके सही इतिहास की जानकारी दी। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लक्ष्य के सामाजिक कार्यक्रमों की जमकर सराहना की। मुस्लिम जमात के लोगों ने कहा कि वे आने वाले समय में लक्ष्य के बैनर तले बहुजन समाज की जनसामान्य में पूर्ण स्वीकार्यता और स्थापना करने में अग्रसर रहेंगे।
गौरतलब है कि दलित समाज के इस प्रमुख सामाजिक सुधार संगठन लक्ष्य की शिक्षित और समृद्ध महिलाएं एवं लड़कियां अपने आस-पास की दलित समाज की शिक्षा से वंचित महिलाओं और बालिकाओं को शिक्षित करने एवं उन्हें सामाजिक बुराईयों के प्रति जागरुक करने की जिम्मेदारी उठा रही हैं। लक्ष्य ने दलित समाज के जागरुक पुरुषों और युवकों से कहा है कि वे अंधविश्वास और नशे के खिलाफ अपने समाज के नर-नारियों को शिक्षित एवं जागरुक करें। दलित समाज के संपन्न लोग या सरकारी और गैरसरकारी अधिकारी समाज की बुराईयों को समाप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
देश के राज्यों में सक्रिय लक्ष्य के कमांडरों का कहना है कि आज दलित समाज को शिक्षित और अत्यधिक जागरुक होने की आवश्यकता है, क्योंकि दूसरे समुदायों में अपने-अपने समाज की प्रगति की होड़ लगी है और अब प्रगति के लिए शिक्षा से उच्चशिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा अपनाने के अलावा कोई मार्ग नहीं बचा है। लक्ष्य ने समाज के जागरुक लोगों से यह भी आह्वान किया हुआ है कि वे दलित समाज के वंचितों को भारत सरकार या राज्य सरकारों द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें, चाहे छात्रवृत्ति का मामला हो या किसी भी स्तर पर सरकारी सेवाओं में शामिल होने की बात हो। लक्ष्य कमांडरों का कहना है कि वे समाज के लिए लाभकारी अवसरों के बारे में एक दूसरे को बताएं ताकि समाज के बच्चे अपनी योग्यतानुसार उन अवसरों का लाभ उठा सकें।
लक्ष्य का कहना है कि देखने में आया है कि बहुत से बच्चे उन अवसरों से इसलिए वंचित हो जाते हैं, क्योंकि उनको उन अवसरों का या तो पता नहीं चल पाता और या समय निकल जाने के बाद पता चलता है। उनका कहना है कि यह जिम्मेदारी समाज के शि‌क्षित वर्ग की है कि वह अपने समाज के लोगों को ऐसे अवसरों के बारे में बताए। उद्देश्य यही है कि अवसरों का लाभ उठाए बिना प्रगति की कल्पना नहीं की जा सकती। ये सामाजिक जागरूकता के महत्वपूर्ण विषय हैं, जिसमें सभी प्रकार की जागरूकताएं स्वतः शामिल हो जाती हैं। मेवात के कार्यक्रम में समाज के लोगों की उल्लेखनीय भागीदारी रही।

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