स्वतंत्र आवाज़
word map

भारतीय सेना का पर्वतारोही अभियान शुरू

माउंट एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से पर चढ़ाई करेगा

जनरल एमएमएस राय ने हरी झंडी दिखाई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 29 March 2016 05:34:01 PM

mountaineering expeditions, flagged

नई दिल्ली। भारतीय थलसेना उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल एमएमएस राय ने नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक पर कल एक समारोह में भारतीय थलसेना के पर्वतारोही अभियान दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अभियान के दौरान यह दल माउंट एवरेस्ट और माउंट ल्होत्से पर चढ़ाई करेगा। तीस सदस्यीय इस दल में 5 अधिकारी, चार जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी और इक्कीस दूसरे पदों पर तैनात सैनिक हैं। माउंट एवरेस्ट विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है और माउंट ल्होत्से विश्व का चौथा सर्वाधिक ऊंचा पर्वत शिखर है। पर्वतारोही दल का नेतृत्व जाने माने पर्वतारोही लेफ्टिनेंट कर्नल जेएस जामवाल कर रहे हैं। कर्नल जामवाल ने पिछले साल आयोजित एवरेस्ट अभियान दल का भी नेतृत्व किया था। पर्वतारोही अभियान दल 14 अप्रैल 2016 को एवरेस्ट के आधार शिविर पहुंचेगा और 16 से 30 मई 2016 के बीच एवरेस्ट पर चढ़ाई करेगा। दल के दो सदस्य एवरेस्ट-ल्होत्से पर तिरछा चढ़ने की कोशिश करेंगे। दूसरे दल में शामिल पांच सदस्य 29 मई 2016 को तेंजिंग हिलेरी एवरेस्ट मैराथन में हिस्सा लेंगे।
पर्वतारोही अभियान पूरा करने के बाद यह दल 10 जून को लौट आएगा। यह वही अभियान दल है, जो 25 अप्रैल 2015 को एवरेस्ट आधार शिविर में उस समय मौजूद था, जब 7.9 की तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें कई विदेशी अभियान दलों के 22 पर्वतारोही मारे गए थे, जब माउंट पुमोरी से एवरेस्ट शिखर के बीच भूकंप के चलते हिमस्खलन हुआ था। मारे गए 22 लोगों में स्थानीय शेरपा भी शामिल थे। करीब 70 पर्वतारोही इसमें घायल हुए थे, जिनमें कई के सिर में काफी चोटें आई थीं। भारतीय सेना के पर्वतारोही दल ने उस संकटकाल में न केवल तेजी से हालात को संभालते हुए अपने पर्वतारोहियों को एक जगह इकट्ठा किया बल्कि पर्वतारोही दल ने बचाव अभियान में हाथ बंटाना भी शुरू कर दिया, साथ ही जरूरतमंदों को भोजन प्रदान कर, तम्बू लगाकर उसमें उन्हें शरण दी। बाद में धीरे-धीरे अन्य बचाव एजेंसियां आनी शुरू हुईं। भारतीय थल सेना के पर्वतारोही दल की एवरेस्ट आधार शिविर छोड़ने वाली यह आखिरी टुकड़ी थी।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]