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महिलाओं को शक्तिमान बनाएं-राष्ट्रपति

महिलाओं के विकास के लिए हुआ है शानदार काम

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति के उद्गार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 March 2016 06:31:01 AM

international women's day

नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आज राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में वर्ष 2015 के लिए नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किए और कहा कि हमें यह बात याद रखनी चाहिए कि चाहे वे समाज के पुरूष हों या महिलाएं, उन सभी को सुरक्षा, शांति और सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि आज के युग में भी महिलाओं को बर्बर आचरण और हिंसा का सामना करना पड़ता है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिंसा या भय से लोगों में और खासतौर से महिलाओं तथा बच्चों में विकास करने और आजादी के साथ जीने की भावना में कमी आ जाती है, इसके साथ ही हमारे समाज का पतन इसलिए भी होता है, क्योंकि हम महिलाओं के साथ कभी-कभी अमानवीय व्यवहार करने लगते हैं, जबकि हमें महिलाओं को सुरक्षा और उन्हें समान अधिकार देने चाहिएं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विकास में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जमीनी स्तर पर शानदार काम हुआ है और इसे भारत सरकार की योजनाओं में अपनाया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज के दिन हम सबको, सरकार को और सिविल सोसायटी को यह शपथ लेनी चाहिए कि हम अपनी माताओं और बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानूनी, प्रशासनिक और अन्य उपायों का मिलकर विकास करेंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं को शक्तिमान बनाना बहुत जरूरी है, इसके लिए हमें अपनी मानसिकता दुरुस्त करनी होगी, लोगों को यह जानना चाहिए कि महिलाओं को घरों और कार्यस्थलों पर निडर और स्वतंत्र होकर काम करने का माहौल प्रदान करके समाज का ही हित होगा। उन्होंने कहा कि समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के लिए लैंगिक समानता की बहुत आवश्यकता होती है, इसके लिए आवश्यक है कि संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच बनाई जाए और उन्हें संसाधनों पर नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाए, इसके साथ ही लड़कियों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण की भी बहुत अहमियत होती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं का स्वास्थ्य सुधार कर हम परिवारों और समुदायों में उनके योगदान को बढ़ा सकते हैं और इस तरह भावी पीढ़ियों के लिए नज़ीर पेश कर सकते हैं।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार की नीतियों के प्रभावशाली कार्यांवयन के लिए सामुदायिक कार्यक्रमों की उपयोगिता इस बात से साबित होती है कि वे लोगों तक पहुंच बनाने के लिए बेहतरीन उपाय हैं। उनको इस बात से प्रसन्नता हुई कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने ग्राम पंचायत स्तर पर ‘विलेज कंवर्जंस एंड फेसीलिटेशन सर्विसेज’ कार्यक्रम का विचार किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम से कुपोषण, मातृ मृत्यु दर संबंधी समस्याओं को कामयाबी के साथ हल करने में सफलता मिलेगी और हमारे समाज की महिलाओं की स्थिति में सुधार होगा। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं के विकास में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जमीनी स्तर पर शानदार काम हुआ है और इसे भारत सरकार की योजनाओं में अपनाया जाना चाहिए। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं के आमूल अधिकारिता के लिए काम करना बहुत जरूरी है, इसके लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया जाए। स्वामी विवेकानंद को उद्धृत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि किसी राष्ट्र की प्रगति का मापदंड वहां महिलाओं के साथ होने वाले व्यवहार से निश्चित होता है और सभी राष्ट्र महिलाओं को उचित सम्मान देने से ही महानता अर्जित करते हैं, कोई देश और राष्ट्र जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वे कभी महान नहीं बन सके और भविष्य में कभी महान नहीं बन पाएंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि नारी शक्ति पुरस्कार महिलाओं और संस्थानों को देश की महिलाओं के जीवन में सुधार करने के प्रयासों के लिए प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कुछ करने के लिए प्रायः अवसर या अनुमति नहीं मिलती, मैं महिलाओं से कहता हूं कि आप क्यों किसी का इंतजार करती हैं कि वह आपको कुछ दे। उन्होंने कहा कि समावेशी आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के लिए लैंगिक समानता की बहुत आवश्यकता होती है, इसके लिए आवश्यक है कि संसाधनों तक महिलाओं की पहुंच बनाई जाए और उन्हें संसाधनों पर नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाए, इसके साथ ही लड़कियों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और पोषण की भी बहुत अहमियत है। महिलाओं का स्वास्थ्य सुधार कर हम परिवारों और समुदायों में उनके योगदान को बढ़ा सकते हैं और इस तरह भावी पीढ़ियों के लिए नज़ीर पेश कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे जैसे विविधता वाले और बड़ी आबादी वाले देश में कल्याणकारी योजनाओं को लागू करना बहुत बड़ा कार्य है, बहरहाल सरकार निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी संगठनों के साथ मिलकर बेहतर तरीके से इसे अंजाम दे सकती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आमूल अधिकारिता के लिए काम करना बहुत जरूरी है, इसके लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया जाए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वर्षों से राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को उच्च स्तर का सम्मान प्राप्त है, उनकी सुरक्षा और सलामती समाज का पवित्र एवं परम कर्तव्य है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और लैगिंग समानता के प्रयासों को दोगुना करें, उन्हें अपनी पूरी संभावनाओं को साकार करने और देश के विकास के सभी पहलुओं में भागीदारी करने में सक्षम बनाएं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने शुभकामना संदेश में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हम महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण और लिंग भेदभाव के क्षेत्र में मिली उपलब्धियों का समारोह मनाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की समस्या के प्रति संवेदनशील है और इससे निपटने के लिए कानूनी एवं संस्थागत ढांचे को मजबूत कर रही है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्तर पर एक आपातकालीन उत्तर प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है, जिसका आपातकालीन नंबर 112 होगा। गृहमंत्री ने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हम महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और समाज में लड़कियों एवं महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रति सतत रूप से कार्यरत हैं।

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