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'यथार्थ गीता' से अमरकोट के राजा प्रभावित

स्वामी अड़गड़ानंदजी के आश्रम पहुंच कर लिया आर्शीवाद

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 5 March 2015 02:04:56 AM

swami adgdhanandji

मिर्जापुर। पाकिस्तान में अमरकोट स्टेट के राजा, राजा राणा हमीर सिंह सोढ़ा ने विश्वविख्यात जीवन दर्शन श्रीमद्भगवद्गीता की 'यथार्थ गीता' पुस्तक के प्रस्तुतकर्ता और श्रीमद्भगवद्गीता के मर्मज्ञ स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज से उनके मिर्जापुर स्थित शक्तेशगढ़ आश्रम में पहुंच कर उनका आशीर्वाद लिया और कहा कि वे उनके दर्शनकर बेहद कृतार्थ हुए हैं। राजा राणा हमीर सिंह सोढ़ा हाल ही में भारत में जयपुर राजघराने में अपने पुत्र के विवाह कार्यक्रम में आए थे और विवाह ‌कार्यक्रम के बाद कल वे स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज के दर्शन करने उनके मिर्जापुर स्थित शक्तेशगढ़ आश्रम में पहुंचे। उन्होंने स्वामीजी के सत्संग कार्यक्रम में भाग लिया और रात्रि विश्राम भी आश्रम में ही किया। राजा राणा हमीर सिंह सोढ़ा का कहना था कि वह स्वामीजी की पुस्तक यथार्थ गीता से बेहद प्रभावित हुए हैं और यह पुस्तक ही उन्हें स्वामीजी के दर्शन के लिए उनके शक्तेशगढ़ आश्रम लेकर पहुंची। उनके साथ उनके परिजन धनपत सिंह सोढ़ा और भगवान सिंह भी थे।
ज्ञातव्य है स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज श्रीमद्भगवद्गीता के विश्वविख्यात मर्मज्ञ, एक प्रतिष्ठित धर्मशास्‍त्री और विद्वान रचनाधर्मी भी हैं। स्वामी अड़गड़ानंदजी महाराज ने अपने परमगुरू योगिराज स्वामी परमानंद महाराज परमहंस की वाणी और उनकी अंतःप्रेरणा से गीता सुनकर 'यथार्थ गीता' की रचना की है, जो अत्यंत सरल और गरिमामय भाषा में है। इस पुस्तक को भारी लोकप्रियता हासिल है और यह पुस्तक भारतीय भाषाओं हिंदी, मराठी, पंजाबी, गुजराती, उर्दू, संस्कृत, उड़िया, बंगला, तमिल, तेलगु, मलयामल, कन्नड़, असमी, सिंधी और विदेशी भाषाओं अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, नेपाली, स्पेनीश, फारसी, डच, नार्वेजीयन, चायनीज, इटालियन, रूसी, पुर्तुगीज में लिखी और अनुदित की गई है। इस अवसर पर क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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