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Wednesday 4 June 2025 01:28:04 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कल राष्ट्रपति भवन में एलबीएसएनएए में 127वें प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य सिविल सेवा संवर्ग के अधिकारियों को प्रेरित करते हुए कहा हैकि उनकी पदोन्नति और भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रवेश उनमें से प्रत्येक के करियर में एक मील का पत्थर है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय प्रशासनिक सेवा में उनकी पदोन्नति केसाथ उनकी जिम्मेदारी का दायरा बढ़ गया है और उनसे उम्मीद हैकि वे अपने विचारों और कार्यों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में रखेंगे। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि एलबीएसएनएए में बिताया गया समय उन्हें अखिल भारतीय दृष्टिकोण विकसित करने और सहयोगात्मक दृष्टिकोण केसाथ शासन चुनौतियों का विश्लेषण करने में सक्षम बनाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों से कहाकि राज्य सिविल सेवा के अधिकारियों के रूपमें उनके प्रयास राज्य विशिष्ट प्राथमिकताओं पर आधारित थे, वे जमीनी स्तरपर लोगों की भलाई और विकास में सहायक थे और स्थानीय समुदायों से जुड़े मुद्दों से प्रत्यक्ष रूपसे निपटते थे। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि अबभी वे इन मुद्दों का समाधान करेंगे, लेकिन उनकी भूमिका और जिम्मेदारियां क्षेत्र एवं जटिलता में और अधिक व्यापक होंगी, वे अब केवल एक क्षेत्रके प्रशासक नहीं हैं, उन्हें राष्ट्रीय स्तरपर शासन के गुणवत्तापूर्ण मानकों का पालन करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहाकि उनके कार्य वर्ष 2047 तक विकसित भारत के बड़े दृष्टिकोण के अनुरूप होने चाहिएं। द्रौपदी मुर्मु ने अधिकारियों से कहाकि समावेशी विकास में उनका योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है, उनके प्रयास विशेष रूपसे यह सुनिश्चित करने पर केंद्रित होंकि हाशिए पर रहरहे और कमजोर वर्ग के लोग विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में पीछे न छूट जाएं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि जब ग़रीब और वंचित लोग विकास और समृद्धि का अनुभव करेंगे तो हम एक विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को साकार करने के करीब होंगे। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि वे लगभग दो दशक से अपने-अपने राज्यों में प्रशासक के रूपमें काम कर रहे हैं और उन्हें विश्वास हैकि इस लंबी अवधि के दौरान उन्होंने शासन के क्षेत्रमें पर्याप्त ज्ञान और तकनीक हासिल की है, जिसे वे आईएएस अधिकारी के रूपमें अपनी भूमिका में लागू कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि राज्य के प्रशासन में उनका अनुभव लोगों की जमीनी जरूरतों और मांगों के अनुसार नीतिगत फैसले लेने एवं उन्हें लागू करने में योगदान दे सकता है। राष्ट्रपति ने अधिकारियों से कहाकि वे प्रौद्योगिकी और नवाचार सेवा वितरण में सुधार से लेकर डेटा आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाने तक अपने कार्यों और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अधिकारियों को सलाह भी दीकि वे सरकारी योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाने केलिए एआई, ई-गवर्नेंस और डिजिटल फीडबैक तंत्र में नवाचारों को अपनाएं। उन्होंने कहाकि अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा को परिभाषित करने वाले बुनियादी मूल्यों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से अपने आचरण में ईमानदारी बनाए रखने, अपने कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने अधिकारियों को सहानुभूति और निष्पक्षता केसाथ अपनी शक्तियों का प्रयोग करने की सलाह दी।