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Monday 2 June 2025 11:47:34 AM
श्रीनगर। केंद्रीय विभागों में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने जम्मू कश्मीर के भद्रवाह शहर में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (सीएसआईआर-आईआईआईएम) जम्मू के दो दिवसीय लैवेंडर महोत्सव-2025 में कहा हैकि लैवेंडर ने जम्मू कश्मीर के छोटे से शहर भद्रवाह को राष्ट्रीय पहचान दी है और साथही भारत के आर्थिक विकास में अपनी राष्ट्रीय और महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है। केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने लैवेंडर की खेती के कृषि-स्टार्टअप मॉडल की एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में प्रशंसा की, जिसने दूरस्थ और पहाड़ी इलाकों में उद्यमिता की कहानी को फिर से लिख दिया है। उन्होंने बतायाकि उत्सव के अगले संस्करण में 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के उद्यमियों की एक विशेष प्रदर्शनी दिखाई जाएगी। गौरतलब हैकि डॉ जितेंद्र सिंह मोदी सरकार में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन राज्यमंत्री हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भद्रवाह, जो कभी एक शांत पहाड़ी शहर हुआ करता था, आज भारत की ग्रामीण स्टार्टअप क्रांति का प्रतीक बन गया है। उन्होंने कहाकि लैवेंडर ने इन पहाड़ों में सिर्फ़ खुशबू ही नहीं डाली है, बल्कि इसने पहचान, आय और प्रेरणा भी दी है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि इस एक मिशन ने कई चुनौतियों का समाधान किया है, इसने इस मिथक को तोड़ दिया हैकि स्टार्टअप केवल सूचना प्रौद्योगिकी तक ही सीमित हैं या इसके लिए विदेशी डिग्री की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहाकि जम्मू कश्मीर के युवाओं ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (सीएसआईआर-आईआईआईएम) के सहयोग से दिखाया हैकि जुनून, दृढ़ता और सीखने से कृषि में निहित स्थायी उद्यम बनाए जा सकते हैं। उन्होंने बतायाकि भद्रवाह में युवा उद्यमी लैवेंडर की खेती और मूल्यवर्धित उत्पादों के माध्यम से औसतन वार्षिक 65 लाख रुपये कमा रहे हैं, जिससे कई अन्य लोग पारंपरिक नौकरियां छोड़कर इस आकर्षक व्यवसाय की खेती करने केलिए प्रेरित हो रहे हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने भद्रवाह और बैंगनी क्रांति को राष्ट्रीय मंच पर लाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्रेय दिया। उन्होंने कहाकि जब प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी से अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में लैवेंडर मिशन के बारेमें विस्तार से बात की, जिससे भद्रवाह को सर्वोत्तम संभव वैश्विक परिचय मिला, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहाकि यह प्रधानमंत्री की स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया की परिकल्पना थी, जिसकी घोषणा लालकिले की प्राचीर से की गई थी, जिसने उन क्षेत्रों में उद्यमशीलता की भावना को प्रज्ज्वलित किया, जिन्हें पहले विकास के नक्शे पर अपने अस्तित्व को सही ठहराने केलिए लंबे स्पष्टीकरण की आवश्यकता थी। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि वर्तमान में भद्रवाह में 50 आसवन इकाइयां चालू हैं, जहां लैवेंडर से बने उत्पादों की आपूर्ति महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के बाज़ारों में की जाती है। उन्होंने कहाकि इस मॉडल ने न केवल हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पड़ोसी राज्यों का ध्यान आकर्षित किया है, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों का भी ध्यान आकर्षित किया है, जिनके प्रतिनिधि प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करने के लिए इस उत्सव में उपस्थित हुए।
केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहाकि यह एक नया प्रतिमान है, जिसे दुनिया देख रही है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि यह गलत धारणा हैकि स्टार्टअप केवल युवाओं केलिए हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और लैवेंडर की खेती जैसे क्षेत्र हमारी उन्नति को और बढ़ावा देंगे, ये अनछुए क्षेत्र, जब सशक्त होंगे, तो मूल्य संवर्धन और रोज़गार सृजन के स्तंभ बनेंगे। उन्होंने आक्रामक रक्षा रुख केबीच भारत की आर्थिक मजबूती को लेकर संदेह पर कहाकि चुनौतीपूर्ण समय और सिंदूर जैसे अभियानों के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था न केवल उछाल भरी रही है, बल्कि बढ़ी भी है। उन्होंने कहाकि संदेह करने वालों के लिए यह एक करारा जवाब है। डॉ जितेंद्र सिंह ने भद्रवाह में एक अभूतपूर्व कार्यक्रम आयोजित करने केलिए डॉ ज़बीर सीएसआईआर-आईआईआईएम की टीम की प्रशंसा की, जिसमें पूरे भारत से आगंतुक आए। उन्होंने सभी को अगले 10-15 दिन में लैवेंडर के फूलों को पूरी तरह से खिलने के दौरान लैवेंडर के खेतों का दौरा करने और उद्यमियों से सीधे बात करने के लिए आमंत्रित किया।