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गृहमंत्री ने बीएसएफ जवानों के पराक्रम को नवाजा

दिल्ली में बीएसएफ का अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान

ऐतिहासिक ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ की बहादुरी स्वर्णाक्षरों में अंकित

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Friday 23 May 2025 05:52:39 PM

home minister honoured the valour of bsf jawans

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज विज्ञान भवन नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल के अलंकरण समारोह और रुस्तमजी स्मृति व्याख्यान में सीमा प्रहरियों से संवाद किया और उनको सम्मानित भी किया। गृहमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि दुर्गम सीमाओं और विषम मौसमीय परिस्थितियों में सीमाओं पर मुस्तैद बीएसएफ ने 1971 के युद्ध से ऑपरेशन सिंदूर तक सीमा सुरक्षा के अपने संकल्प को दृढ़ता से निभाया है। उन्होंने कहाकि बीएसएफ की यात्रा यह बताती हैकि विकट परिस्थितियों में अल्प संसाधनों केसाथ शुरू हुआ यह आज दुनिया के सबसे बड़े और गौरवमयी सीमा सुरक्षा बल के रूपमें हमारे सामने है। उन्होंने कहाकि देशभक्ति केसाथ हर कठिनाई को पारकर किस प्रकार विश्व में सर्वश्रेष्ठ बना जा सकता है, इसका सबसे उत्कृष्ट उदाहरण बीएसएफ है। उन्होंने कहाकि विषम परिस्थितियां, 45 डिग्री से अधिक या बहुत कम तापमान, घने जंगल, दुर्गम पहाड़ और समुद्र के किनारे बीएसएफ प्रहरियों ने जो देशभक्ति और निष्ठा दिखाई है, उसीसे इसको फर्स्ट लाइन ऑफ डिफेंस का सम्मान मिला है।
गृहमंत्री अमित शाह ने जिक्र कियाकि देश में एक निर्णय लिया गया थाकि एक सीमा पर एकही बल सुरक्षा करेगा और तब बीएसएफ की योग्यता देखकर दो सबसे कठिन सीमाओं, बांग्लादेश और पाकिस्तान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दी गई थी। अमित शाह ने केएफ रुस्तमजी के योगदान को याद करते हुए कहाकि 1965 के युद्ध केबाद एक ऐसे बल की ज़रूरत महसूस की गई, जो शांतिकाल में भी सीमा की सुरक्षा कर सके और उससे बीएसएफ का विचार जन्मा और रुस्तमजी बल के पहले महानिदेशक बने। उन्होंने कहाकि 1965 में बीएसएफ की स्थापना केबाद 1971 में हमपर थोपे गए युद्ध में बीएसएफ जवानों ने जो वीरता दिखाई औऱ योगदान दिया, उसे देश कभी नहीं भूल सकता और बांग्लादेश को भी उसे कभी नहीं भूलना चाहिए। अमित शाह ने कहाकि बांग्लादेश के निर्माण में बीएसएफ की बहुत बड़ी भूमिका थी, अन्याय के खिलाफ लड़ने में सेना केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर बीएसएफ ने बहादुरी केसाथ मोर्चा लेने का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। अमित शाह ने कहाकि सीमा की सुरक्षा केसाथ बीएसएफ ने देश की आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। उन्होंने कहाकि चुनाव, कोरोना, खेल का मैदान, आतंकवाद या नक्सलवाद का सामना करना हो, जहांभी बीएसएफ को तैनात किया गया, हर मोर्चे पर बीएसएफ ने बहुत अच्छे तरीके से अपनी ड्यूटी निभाई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि बीएसएफ का यह अलंकरण समारोह ऐसे समय पर हुआ है, जब देश की सशस्त्र सेनाओं ने अपने अप्रतिम शौर्य का उदाहरण दुनिया के सामने स्थापित किया है। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, आसूचना एजेंसियों की सटीक सूचनाओं और सेनाओं की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन है। उन्होंने कहाकि कई दशक से हमारा देश पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का सामना कर रहा है, लेकिन उसका उचित जवाब कभी नहीं दिया गया। अमित शाह ने कहाकि 2014 में जब नरेंद्र मोदी देशके प्रधानमंत्री बने और उसके बाद पहला सबसे बड़ा आतंकवादी हमला उरी में हमारे जवानों पर हुआ, तब सर्जिकल स्ट्राइककर पहलीबार आतंकियों के ठिकानों में घुसकर आतंकवादियों को करारा जवाब देने का काम किया गया। उन्होंने कहाकि हम मानते थेकि भारत के इस जवाब से शायद अब सबकुछ रुक जाएगा, लेकिन नहीं रूका और पुलवामा में हमारे जवानों पर फिर आतंकी हमला हुआ, इसबार एयर स्ट्राइककर आतंकी अड्डों को उड़ा दिया। गृहमंत्री ने कहाकि पहलगाम में तो इंतेहा ही हो गई, जब निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने निर्ममतापूर्वक मारने का काम पाकप्रेरित आतंकवादियों ने किया। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर इसका उचित जवाब है, आज दुनिया हमारी सशस्त्र सेनाओं की वीरता और मारक क्षमता की प्रशंसा कर रही है।
गृहमंत्री ने कहाकि दुनियाभर में कई जगह पर आतंकवादी हमलों का जवाब दिया गया है, लेकिन भारत ने जो जवाब दिया है, वो अलग है। उन्होंने कहाकि जब पहलगाम पर हमला हुआ, उसके बाद हमने ऑपरेशन सिंदूर लॉंच किया और कुछही मिनटों में 9 आतंकवादी अड्डों को समाप्त कर दिया, जिनमें से दो आतंकी संगठनों के मुख्यालय थे। उन्होंने कहाकि भारतीय सेनाओं ने न तो पाकिस्तान के सेना प्रतिष्ठानों पर हमला किया और न ही उनके एयरबेस पर, बल्कि सिर्फ आतंकी अड्डों को ध्वस्त किया, जिन्होंने हमारी धरती पर गुनाह किया था। अमित शाह ने कहाकि हम मानते थेकि इतना काफी रहेगा और हमने हमला सिर्फ आतंकवादियों पर किया था। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान ने साबित कर दियाकि आतंकवाद उसके द्वारा प्रायोजित है और उसने आतंकवादियों पर किएगए हमले को खुदपर हमला मानकर हमारे देश के नागरिक और सैन्य संस्थानों पर हमला करने का दुस्साहस कर दिया। गृहमंत्री ने कहाकि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम बहुत अद्भुत है और पाकिस्तान के हमले हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सके। अमित शाह ने कहाकि जब पाकिस्तानी सेना ने हमारे नागरिक और सैन्य संस्थानों पर हमला करने का प्रयास किया, तब भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने उनके एयरबेस पर हमला कर एक प्रखर और कठोर जवाब देकर हमारी मारक क्षमता का परिचय कराया और उनके एयर डिफेंस सिस्टम को खोखला साबित कर दिया।
अमित शाह ने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान और आतंकवाद का रिश्ता दुनियाभर में एक्सपोज हो चुका है। उन्होंने कहाकि जब पाकिस्तान के आतंकवादी अड्डों पर हमला किया, तब उनका जवाब पाकिस्तानी सेना ने दिया और मारे गए आतंकवादियों के जनाज़े में दुनिया ने पाक सेना के आला अफसरों को शामिल होते हुए देखा। गृहमंत्री ने कहाकि पाकिस्तान जिस बातसे हमेशा इनकार करता आरहा था वो अब एक प्रकार से दुनिया के सामने ऑपरेशन सिंदूर केबाद पूरी तरह एक्सपोज़ हो चुकी हैकि भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित है। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर हमारी भूमि पर हुए आतंकवादी हमलों के जवाब के इतिहास में सबसे सटीक और सभी उद्देश्यों की पूर्ति करने वाला था। उन्होंने कहाकि देश सशस्त्र सेनाओं और बीएसएफ के जवानों पर नाज़ करता है, बीएसएफ ने सीमा पर गोली का जवाब गोली से देकर यह बता दियाकि जबतक बीएसएफ है, तबतक पाकिस्तानी सेना एक इंचभी आगे नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर ने डिफेंस प्रॉडक्शन में आत्मनिर्भर भारत की सफलता कोभी बहुत अच्छे तरीके से दर्शाया है, आनेवाले दिन में यह अभियान और तेज़ीसे चलेगा, हम आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के मोहम्मद इम्तियाज़ अहमद और दीपक चिंगाखम ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और उनका नाम देश की रक्षा सेवाओं के इतिहास में हमेशा केलिए स्वर्णाक्षरों में अंकित हो गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि बीएसएफ भारत की 15 हज़ार किलोमीटर से अधिक लंबी और सबसे कठिन सीमा की सुरक्षा करता है, इसने कई तकनीकी समाधान खोजे हैं, जहां बाड़ नहीं लग सकती, वहां सीमा की सुरक्षा तकनीक के माध्यम से करने केलिए दुनियाभर के सॉल्यूशन्स को प्रयोगात्मक रूपसे ज़मीन पर उतारने के उल्लेखनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहाकि बीएसएफ जवानों ने इनहाउस कई सॉल्यूशंस तैयार किए हैं और भौगोलिक विषमता वाली सीमाओं की सुरक्षा केलिए बीएसएफ के तकनीकी समाधान आनेवाले दिन में देश को सुरक्षित रखने का काम करेंगे। अमित शाह ने कहाकि बीएसएफ 1 दिसंबर 1965 से आजतक 2 लाख 75 हज़ार जवानों केसाथ जल, थल और वायु सुरक्षा दस्ते बनाकर दुनियाभर के सीमा सुरक्षा बलों में सर्वोच्च है। उन्होंने कहाकि देश ने भी हमेशा बीएसएफ जवानों के पराक्रम को नवाज़ा है और 1 पद्म विभूषण, 2 पद्म भूषण, 7 पद्म श्री, 1 महावीर चक्र, 6 कीर्ति चक्र, 13 शौर्य चक्र, 56 सेना मेडल और 1246 वीरता के पुलिस पदक बीएसएफ के जवानों को मिले हैं। गृहमंत्री ने कहाकि बीएसएफ ने इन 5 साल में नारकोटिक्स के खिलाफ लड़ाई को मज़बूत किया है, नक्सलविरोधी अभियान को सफल बनाया है। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार, गृह मंत्रालय और देश बीएसएफ जवानों की वीरता केसाथ और उनके पीछे चट्टान की तरह खड़ा है। बीएसएफ के अलंकरण समारोह में केंद्रीय गृह सचिव, निदेशक आसूचना ब्यूरो, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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