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आर्थि‍क संबंधों के लिए व्‍यापार बैठकें जरूरी

पोर्ट लुइस में आईओआर-एआरसी आर्थि‍क और व्‍यापार सम्‍मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 5 July 2013 08:49:36 AM

anand sharma at the inauguration of the first indian ocean rim association for regional cooperation (ior-arc) economic and business conference, in port louis

पोर्ट लुइस। केंद्रीय वाणि‍ज्‍य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने मॉरीशस के पोर्ट लुइस में इंडि‍यन ओशन रि‍म एसोसि‍एशन फॉर री‍जनल को-ऑपरेशन (एओआर-एआरसी) आर्थि‍क और व्‍यापार सम्‍मेलन की सह-अध्‍यक्षता की। मॉरीशस और भारत की सरकारों ने संयुक्‍त रूप से इस सम्‍मेलन की मेजबानी की, जि‍समें हिंद महासागरीय क्षेत्र के देशों के मंत्रि‍यों और व्‍यापार प्रति‍नि‍धि‍यों ने भाग लि‍या। सम्‍मेलन का मूल वि‍षय था-'संतुलि‍त, समावेशी और धारणीय वि‍कास के लि‍ए आर्थि‍क संबंधों की मजबूती'। मॉरीशस में यह पहला आर्थि‍क और व्‍यापार सम्‍मेलन 4-5 जुलाई 2013 को आयोजि‍त कि‍या गया। सम्‍मेलन के बाद एक संयुक्‍त प्रेस वि‍ज्ञप्‍ति‍ भी जारी की गई।
प्रेस वि‍ज्ञप्‍ति में बताया गया है कि‍ इस आईओआर-एआरसी आर्थि‍क और व्‍यापार सम्‍मेलन में अक्‍तूबर-नवंबर 2012 में भारत के गुड़गांव में आईओआर व्‍यापार मंच के आईओआर-एआरसी के मंत्रि‍यों और अन्‍य पक्षों की बैठक में लि‍ए गए नि‍र्णयों का ध्‍यान रखा गया है, जि‍समें यह सुझाव दि‍या गया था कि‍ सदस्‍य देशों के बीच व्‍यापार और वाणि‍ज्‍य का वि‍स्‍तार करने में व्‍यापार बैठकों की भूमि‍का महत्‍वपूर्ण है। सम्‍मेलन के सभी चार अधि‍वेशनों के दौरान जो वि‍चार-वि‍मर्श कि‍ए गए हैं, उन पर संतोष व्‍यक्‍त कि‍या गया है। पहले अधि‍वेशन में आईओआर-एआरसी में सेवा क्षेत्र (आईसीटी, पर्यटन, वि‍त्‍तीय सेवा) में संभावनाओं के द्वार खोलने के बारे में वि‍चार-वि‍मर्श कि‍या गया। दूसरे अधि‍वेशन में इन देशों के बीच व्‍यापार और नि‍वेश बढाने के बारे में चर्चा की गई थी। तीसरे अधि‍वेशन का वि‍षय था-कृषि‍ व्‍यापार संबंध, खाद्य सुरक्षा और धारणीय वि‍कास कायम करना, जबकि‍, चौथे और अंति‍म अधि‍वेशन के दौरान महासागरीय अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में चर्चा की गई।
प्रेस वि‍ज्ञप्‍ति में बताया गया है कि‍ भागीदार देशों ने कमजोर वैश्‍वि‍क आर्थि‍क वातावरण के बारे में चिंता व्‍यक्‍त की है। इन देशों ने बताया कि‍ उन्‍नत अर्थव्‍यवस्‍थाओं में नि‍म्‍न वृद्धि‍ दरों के कारण वि‍कासशील अर्थव्‍यवस्‍थाएं प्रभावि‍त हुई हैं, क्‍योंकि इससे अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार और प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश के प्रवाह में कमी आई है। भागीदारों ने इन समस्‍याओं के समाधान पर जोर दि‍या है।

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