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लोकसभा में चंद्रयान सफलता पर चर्चा

देश में मजबूत वैज्ञानिक इकोसिस्टम का प्रमाण-रक्षामंत्री

'हमारे अंतरिक्ष अभियानों का बहुआयामी उपयोग हो रहा'

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Thursday 21 September 2023 05:08:31 PM

defense minister discussing the success of chandrayaan in lok sabha

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की अन्य उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा हैकि चंद्रयान-3 की सफलता कोई अपवाद नहीं है, बल्कि भारत की सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक प्रवृत्ति के विकास का परिणाम है। रक्षामंत्री ने चंद्रयान-3 की सफलता को देश में आकार ले रहे मजबूत वैज्ञानिक इकोसिस्टम का प्रमाण बताया। उन्होंने कहाकि चंद्रयान-3 दर्शाता हैकि हमारे स्कूलों और कॉलेजों में विज्ञान की शिक्षा बेहतर हो रही है और उद्योग भी गुणवत्ता वाले उत्पादों का उत्पादन एवं आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि इस बारेमें पिछली सरकारों ने भी प्रयास किए थे, इसलिए इस देश में वैज्ञानिक माहौल विकसित करने में योगदान करने वाला हर व्यक्ति बधाई का पात्र है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चंद्रयान-3 को देशभर केलिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहाकि ऐसे अनेक विकसित देश हैं, जो अधिक संसाधन संपन्न होने के बावजूद चंद्रमा पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि भारत अपने सीमित संसाधनों केसाथ चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। उन्होंने इस सफलता का श्रेय इसरो के वैज्ञानिकों की बौद्धिक क्षमता और राष्ट्र के विकास में उनके समर्पण को दिया। उन्होंने कहाकि भारत अपने अथक प्रयासों कारण विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो गया है। राजनाथ सिंह ने बतायाकि अभीतक भारत ने 424 विदेशी उपग्रहों को लॉंच किया है, जिसमें से 389 उपग्रह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के दौरान पिछले नौ वर्ष में लॉंच किए गए हैं। उन्होंने कहाकि विदेशी उपग्रहों के सफलतापूर्वक लॉंच से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र विश्व में तेजीसे महत्वपूर्ण स्थान अर्जित कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहाकि जहां विज्ञान किसी राष्ट्र और समग्र मानवता के विकास केलिए महत्वपूर्ण है, वहीं संस्कृति भी उतना ही महत्व रखती है। उन्होंने दोनों पहलुओं को समान महत्व देने केलिए सरकार के संकल्प को दोहरायाकि विज्ञान मूल्य तटस्थ है, यह हमें परमाणु ऊर्जा का ज्ञान प्रदान कर सकता है, लेकिन यह हमारी संस्कृति ही है, जो हमें यह बताती हैकि हम उस शक्ति का उपयोग ऊर्जा के रूपमें अपने विकास केलिए करते हैं या हथियार के रूपमें दूसरों को नष्ट करने केलिए करते हैं। उन्होंने कहाकि विज्ञान चाहे कितनी भी प्रगति कर ले, लेकिन संस्कृति और मूल्यों के बिना वह अधूरा ही रहेगा। जैसाकि मार्टिन लूथर किंग ने कहा थाकि 'विज्ञान मनुष्य को ज्ञान देता है, जो एक शक्ति है, धर्म मनुष्य को बुद्धि देता है और नियंत्रण प्रदान करता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि जो लोग यह कहते हैंकि हमें अपनी संस्कृति से छुटकारा पाना चाहिए और विज्ञान को अपनाना चाहिए, उन्हें यह समझना चाहिएकि संस्कृति और विज्ञान एकदूसरे के पूरक हैं।
रक्षामंत्री ने कहाकि चंद्रयान सफलता के स्रोत हमारे उस अतीत में छिपे हैं, जब विज्ञान और आस्था केबीच सामंजस्य था। उन्होंने कहाकि विदेशी आक्रमणकारियों के कारण हमारी प्रगति में रुकावट आई, लेकिन अब हम एकबार फिर पहले से अधिक ताकत केसाथ खड़े हैं और सूरज, चंद्रमा और सितारों को छूने केलिए तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने सांस्कृतिक सुरक्षा के महत्व पर बल देते हुए इसे सीमा, अंतरिक्ष, साइबर, आर्थिक, सामाजिक, खाद्य, ऊर्जा और पर्यावरण सुरक्षा केलिए समान रूपसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहाकि सांस्कृतिक सुरक्षा किसी राष्ट्र की पहचान बनाए रखने केलिए जरूरी है और सरकार भारतीय सांस्कृतिक विरासत को महत्व देते हुए सांस्कृतिक सुरक्षा केप्रति भी उतनी ही गंभीर है, जितनी सुरक्षा के मुद्दों के बारेमें रहती हैं। उन्होंने कहाकि सांस्कृतिक पुनर्जागरण के बिना किसीभी देश ने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और वैज्ञानिक प्रगति नहीं की है। उन्होंने कहाकि अपने देश को आगे ले जाने केलिए भारत की अपनी संस्कृति से सीखना बहुत जरूरी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि हमारी आस्था और संस्कृति समावेशी प्रकृति की है, हमारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद हमें समस्त मानवता के भाईचारे की अवधारणा को सिखाता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भू-राजनीतिक रूपसे कठिन वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद हमने जी-20 शिखर सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया और नई दिल्ली घोषणा पर आम सहमति सुनिश्चित की है, इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश 'एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य' का योगदान है। उन्होंने कहाकि भारत की वैश्विक भाईचारे की भावना तब स्पष्ट हुई, जब प्रधानमंत्री ने जी-20 को न केवल भारत की, बल्कि विश्व की सफलता बताया। राजनाथ सिंह ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय भारत की नारी शक्ति को दिया और राष्ट्र को एक नई पहचान प्रदान करने केलिए उनके समर्पण और बलिदान की सराहना की। उन्होंने नारी शक्ति वंदन विधेयक को इसरो की महिला वैज्ञानिकों केसाथ संपूर्ण महिला वैज्ञानिक समुदाय केलिए कृतज्ञ राष्ट्र का उपहार बताया।
रक्षामंत्री ने इस धारणा का विरोध कियाकि अंतरिक्ष में अर्जित उपलब्धियों का जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने कहाकि हमारे अंतरिक्ष अभियानों का बहुआयामी उपयोग हो रहा है, जिसका लोगों पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है, उदाहरण केलिए बादल फटने आदि के बेहतर पूर्वानुमान हमारे किसानों केलिए लाभदायक होंगे। चक्रवातों के बेहतर पूर्वानुमान तटीय क्षेत्रों में रहने वालों और मछुआरों केलिए फायदेमंद साबित होंगे, इससे भी महत्वपूर्ण बात यह हैकि चंद्रमा या सूर्य केलिए अंतरिक्ष मिशन दूरदराज के गांव में रहने वाले बच्चों में भी वैज्ञानिक स्वभाव को जागृत करने में मदद करते हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि ये युवाओं को भविष्य में कुछ करने केलिए भी प्रेरित करते हैं।

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