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दादासाहेब सम्मान पर आश्चर्य हुआ-आशा पारेख

इफ्फी के वार्तालाप सत्र में आशा पारेख ने अपने अनुभव साझा किए

आशा ने टीवी निर्देशन और प्रोडक्शन में भी अपना करियर बनाया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 27 November 2022 08:28:27 PM

indian cinema veteran actress asha parekh

पणजी। भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख ने उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा और सर्वाधिक प्रतिष्ठित सम्मान दादासाहेब फाल्के सम्मान-2020 दिए जानेपर गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा हैकि एक लंबे समय बाद किसी महिला को यह सम्मान दिया गया है। आशा पारेख ने खुद को यह सम्मान मिलने पर आश्चर्य और खुशी व्यक्त करते हुए यहभी कहाकि मैं यह सम्मान पाने वाली पहली गुजराती महिला भी हूं, तो यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी बात थी, जिसे मेरे दिमाग़ में अंकित होने में दो दिन लग गए। उन्होंने कहाकि मैं सबसे पहले ईश्वर की आभारी थी, क्योंकि यह मेरे लिए बहुत बड़ी अप्रत्याशित घटना थी। आशा पारेख भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के वार्तालाप सत्र में बोल रही थीं।
गौरतलब हैकि आशा पारेख को भारतीय सिनेमा में उनके अविस्मरणीय योगदान केलिए वर्ष 2020 का दादा साहेब फाल्के सम्मान दिया गया है, जो उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 30 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित 68वें राष्ट्रीय फिल्म सम्मान समारोह में प्रदान किया था। वार्तालाप सत्र के दौरान आशा पारेख ने कटी पतंग, तीसरी मंजिल, दो बदन, मैं तुलसी तेरे आंगन की, बहारों के सपने जैसी विभिन्न फिल्मों में काम करने के अपने व्‍यापक अनुभव साझा किए। आशा पारेख ने बताया कि किस तरह से उन्होंने अभिनय के अलावा टीवी निर्देशन और प्रोडक्शन मेभी अपना करियर बनाया। उन्होंने कहाकि गुजराती धारावाहिक ज्योति काफी सफल रहा, जिसने उनमें आत्मविश्वास जगाया, इस टीवी सीरियल ने उन्हें और भी अधिक टीवी धारावाहिक पेश करने केलिए प्रेरित किया। आशा पारेख को उनके टीवी सीरियल कोरा कागज केलिए सबसे अधिक याद किया जाता है। आशा पारेख ने छोटे पर्दे पर प्रस्‍तुत किए गए अन्य टीवी धारावाहिकों में बाजे पायल, दाल में काला, और कुछ पल साथ तुम्हारा शामिल हैं।
आशा पारेख ने फिल्म उद्योग से संबंधित विभिन्न संगठनों और संघों के साथ अपने जुड़ाव परभी बात की, क्योंकि वे 1994 से 2000 तक सिने आर्टिस्ट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष भी रही हैं। आशा पारेख भारत के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) की पहली महिला चेयरपर्सन भी हुईं, जिन्होंने 1998-2001 तक यह मानद पद संभाला था। वे सिनेमा और टेलीविज़न आर्टिस्ट एसोसिएशन (सीआईएनटीएए) की कोषाध्यक्ष भी रही हैं। आशा पारेख एक प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री, निर्देशक, निर्माता और एक निपुण भारतीय शास्त्रीय नृत्यांगना हैं। एक बाल कलाकार के रूपमें अपने करियर की शुरुआत करते हुए उन्होंने दिल देके देखो में पहली बार मुख्य नायिका की भूमिका निभाई और 95 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने कटी पतंग, तीसरी मंजिल, लव इन टोक्यो, आया सावन झूम के, आन मिलो सजना, मेरा गांव मेरा देश जैसी प्रसिद्ध फिल्मों में अभिनय किया है।

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