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तमिलनाडु सरकार को सौंपी गईं पुरातन मूर्तियां

विदेश चोरी से ले जाए गए पुरावशेषों की तेजी से पहचान और वापसी

दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया व अमेरिका से प्राप्त मूर्तियों का हस्तांतरण समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 2 June 2022 02:03:07 PM

transfer ceremony of statues received from australia-usa in delhi

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया और संयुक्तराज्य अमेरिका से प्राप्त दस पुरातन मूर्तियां आज तमिलनाडु सरकार को सौंप दी गई हैं। केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तरी पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र नई दिल्ली में तमिलनाडु सरकार को इन 10 मूर्तियों के हस्तांतरण समारोह में भाग लिया। जी किशन रेड्डी ने कहाकि इन 8 वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने हमारी प्राचीन सभ्यता के लोकाचार को संरक्षित करने, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत की रक्षा करने और भारतीय ज्ञान प्रणालियों और विश्वभर में परम्पराओं का प्रचार करने केलिए कई कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहाकि यह समारोह और चुराई हुई हमारी विरासत को वापस लाने की प्रक्रिया उपनिवेशवाद से स्वतंत्रता पर एक खुली और ईमानदार बातचीत की अनुमति भी देगी। इस दौरान दस पुरावशेषों पर एक पुस्तिका का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, अर्जुनराम मेघवाल और सूचना प्रसारण राज्यमंत्री एल मुरुगन, संस्कृति मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, विदेश मंत्रालय और तमिलनाडु सरकार के अधिकारी भी उपस्थित थे।
संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहाकि अपने देव विग्रहों को वापिस लाना अर्थात ब्रिंग आवर गॉड्स होम एक ऐसी ही पहल है, जो हमारी विरासत को संरक्षित, बढ़ावा और प्रचारित करने में निहित है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत संबंधों और इन देशों के विश्व नेताओं केसाथ मधुर संबंधों ने संबंधित देशों को चोरी से ले जाए गए पुरावशेषों की तेजीसे पहचान करने और उनकी वापसी तक निरंतर सहयोग करने केलिए प्रेरित किया है, इसलिए सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। जी किशन रेड्डी ने कहाकि उन्होंने न केवल इन पुरावशेषों को पुनः प्राप्त करने में मदद करने के प्रयास किए हैं, बल्कि विदेश में अपने आधिकारिक दौरों के दौरान व्यक्तिगत रूपसे उन्हें अपने साथ वापस भी लेकर आए हैं। उन्होंने कहाकि तमिलनाडु सरकार को सौंपे गए पुरावशेषों के संग्रह में द्वारपाल, नटराज, कनकलामूर्ति कदयम, नदीकेश्वर कदयम, चतुर्भुज विष्णु, श्रीदेवी, शिव और पार्वती, खड़े हुए बाल संबंदर और बाल सांभर नाम की मूर्तियां शामिल हैं।
जी किशन रेड्डी ने केंद्र सरकार के प्रयासों की सराहना की और 2014 के बादसे वापिस लाई गई मूर्तियों की संख्या में वृद्धि पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा के दौरान 157 पुरावशेषों को भारत वापस लाया गया, जो भारत को अबतक मिला सबसे बड़ा एकल संग्रह है एवं इन 8 वर्ष में सरकार 228 विरासत वस्तुओं को वापस ला चुकी है और अब इनकी कुल संख्या 241 हो गई है, ये आंकड़े अपने आपही यह बता देते और दर्शाते हैंकि यह सरकार हमारी विरासत को कितना महत्व देती है। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता प्राप्ति और 2013 केबीच केवल 13 पुरावशेषों को ही भारत वापस लाया गया था। संस्कृति मंत्री ने कहाकि भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, अब भारत अमृतकाल के 25 साल में प्रवेश कर रहा है, इसलिए यह स्वदेशी संस्कृति, परंपराओं और विरासत के वैश्विक रक्षक के रूपमें नेतृत्व करने का एक अवसर है।

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