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चेतक हेलीकॉप्टर की सेवा के 60 साल पूरे!

देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है-रक्षामंत्री

'एकता-अखंडता की रक्षा केलिए सभी प्रयास किए जा रहे'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 4 April 2022 12:50:49 PM

rajnath singh speaking at the diamond jubilee conference of chetak helicopters

हैदराबाद। रक्षामंत्री राजनाथ ने राष्ट्र केलिए चेतक हेलीकॉप्टर की सेवा के 60 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा हैकि देश की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसकी एकता और अखंडता की रक्षा केलिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय वायुसेना ने 2 अप्रैल को हैदराबाद के हाकिमपेट वायुसेना स्टेशन में 'चेतक-आत्मनिर्भरता, बहुविज्ञता और विश्वस्तता के 6 गौरवशाली शतक' विषय पर 'यशस्वत् षट् शतकम्' सम्मेलन आयोजित किया था। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, तीनों सेनाओं के हेलीकॉप्टर स्ट्रीम के वरिष्ठ सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारी, रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सम्मेलन को उन लोगों केलिए एक उचित श्रद्धांजलि के रूपमें बताया, जिन्होंने कड़ी मेहनत और समर्पण केसाथ राष्ट्र की सेवा की है। इस अमूल्य योगदान केलिए सम्मान व्यक्त करते हुए उन्होंने कहाकि जबभी कोई देश सुरक्षा केलिए युद्ध लड़ता है तो इसमें केवल सशस्त्र बल ही हिस्सा नहीं लेते हैं, बल्कि पूरा देश उस युद्ध में शामिल होता है। उन्होंने कहाकि एचएएल जैसे संगठनों के वैज्ञानिक, इंजीनियर और तकनीशियन, जो चेतक और अन्य प्लेटफॉर्म जैसे हेलीकॉप्टर विकसित करते हैं, हमारे सैनिकों के समान ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, एमएसएमई से जुड़े लाखों कर्मचारी भी इन परियोजनाओं के लिए पुर्जों की आपूर्ति करके योगदान करते हैं। उन्होंने कहाकि यह सम्मेलन उन सभी की कड़ी मेहनत और समर्पण का जश्न मनाता है। इतिहास में राजपूत राजा राणाप्रताप के चेतक नाम के घोड़े की तुलना करते हुए राजनाथ सिंह ने चेतक हेलीकॉप्टर को न केवल एक मशीन, बल्कि एक जीवंत और समर्पित इकाई बताया, जो पिछले छह दशक से लगातार राष्ट्र की सेवा में लगी हुई है और दूसरों केलिए एक मिसाल कायम की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि अबतक निर्मित लगभग 700 चेतकों ने पूरे समर्पण केसाथ युद्ध और शांति के समय में राष्ट्र की सेवा की है। उन्होंने इसके कई तरह के उपयोग को संयुक्तता का एक ज्वलंत उदाहरण बताया है। रक्षामंत्री ने कहाकि चेतक ने सटीकता केसाथ दुश्मनों को निशाना बनाकर और सैनिकों को सफलतापूर्वक उतारकर युद्ध के मैदान में अपनी क्षमता साबित की है, इसने युद्ध के मैदान में आवश्यक सामान पहुंचाने में भी मदद की है, इसने आपात स्थिति में अपने फंसे लोगों को बचाकर निकाल लेजाने के प्रयासों के माध्यम से कई बहुमूल्य जीवन बचाए हैं, इसने जब भी आवश्यक हुआ महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जिससे निर्णय लेने और युद्धों में जीत का मार्ग प्रशस्त करने में मदद मिली है। उन्होंने कहाकि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय सहायता और आपदा राहत पहुंचाने में चेतक हमेशा सबसे आगे रहा है, यह पहलीबार है जब कोई हेलीकॉप्टर इस मुकाम पर पहुंचा है। उन्होंने इस तथ्य की सराहना कीकि अनुकूलन, संशोधन और उन्नयन के माध्यम से चेतक अपने निर्माण के 60 वर्ष केबाद भी एक अग्रणी हेलीकॉप्टर बना हुआ है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 के युद्ध के दौरान चेतक हेलीकॉप्टर के असाधारण योगदान को याद किया। उन्होंने बतायाकि जमीन पर अपने सैनिकों को हवाई सहायता प्रदान करने से लेकर हेली-ब्रिजिंग ऑपरेशन और दुश्मन के ठिकानों को नष्ट करने तक चेतक पर सवार हमारे वायु योद्धाओं ने युद्ध के दौरान अनुकरणीय साहस और दक्षता दिखाई। चेतक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल 'मुक्ति वाहिनी' के पायलटों को प्रशिक्षित करने केलिए भी किया जाता था। चेतक की भूमिका को एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देने के एक शानदार उदाहरण के रूपमें भी देखा जा सकता है। रक्षामंत्री ने कहाकि युद्ध में हमारी जीत को इतिहास की किताबों में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है, न हमें कोई सत्ता चाहिए थी, न जमीन, न संसाधन और न ही कोई आधिपत्य, हमने वह युद्ध मानवता और लोकतंत्र की रक्षा केलिए लड़ा था। रक्षामंत्री का कहना थाकि भारत ने स्वदेश में डिजाइन और विकसित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव और इसके वेरिएंट को भारत के कौशल का उदाहरण बताते हुए पांच टन की श्रेणी में हेलीकॉप्टरों के डिजाइन, विकास और संचालन में अपनी ताकत दिखाई है। उन्होंने हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर को युद्ध अभियानों केलिए हल्के हेलीकॉप्टरों में देश की क्षमता का एक और उदाहरण बताया।
राजनाथ सिंह ने कई भूमिकाओं में काम आनेवाले 10 टन के भारतीय हेलीकॉप्टर के डिजाइन और विकास में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इसे सशस्त्र बलों केलिए एक महत्वपूर्ण जरूरत बताया और यह भी कहाकि इसमें बाजार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने देश में हेलीकॉप्टर प्रौद्योगिकी के डिजाइन और विकास को तेजीसे ट्रैक करने का आह्वान करते हुए कहाकि यह दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों मेंसे एक है, जो न केवल रक्षा क्षेत्र में प्रभावी साबित होगी, बल्कि भारत को हेलीकॉप्टर मंडी में एक प्रमुख शक्ति बनाएगी। उन्होंने कहाकि एक अनुमान के अनुसार देश में 1,000 से अधिक नागरिक हेलीकॉप्टरों और रक्षाक्षेत्र में भी 1000 से अधिक हेलीकॉप्टरों की मांग है, हमें हेलीकॉप्टर बाजार में इस विशाल क्षमता का दोहन करने की जरूरत है, इसके अलावा हमें रोटरी विंग डोमेन में भारत के दावे को मजबूत करने केलिए प्रयास करने की आवश्यकता है, जमाना बदल रहा है, मुझे यकीन हैकि आने वाले समय में हम और अधिक उज्ज्वल, मजबूत और पूरी तरह से आत्म-निर्भर होंगे। रक्षामंत्री ने लगातार बदलते वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य को देखते हुए रक्षा उत्पादन और तैयारियों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
रक्षामंत्री ने कहाकि इन दिनों आपूर्ति लाइनों को सुनिश्चित करने में चुनौतियां हैं, बाहरी स्थिति ने महत्वपूर्ण हथियारों और उपकरणों की सेवाक्षमता को प्रभावित किया है, इसलिए हम आत्मनिर्भरता हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, इससे पहले देश रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने केलिए अन्य देशों से आयात पर निर्भर था, यह सरकार अपनी रक्षा केलिए अपने कंधों को मजबूत करने में विश्वास रखती है, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैंकि भारत किसी पर निर्भर न रहे। राजनाथ सिंह ने कहाकि मजबूत होने से भारत का मतलब दुनिया में प्रभुत्व स्थापित करना नहीं है, भारत ने हमेशा सत्य, अहिंसा और शांति के मार्ग का अनुसरण किया है और यह किसी भी तरह की आक्रामकता का समर्थन नहीं करता है। उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में देश में शांति, सुरक्षा और सैन्य शक्ति केबीच संबंध गहरे हुए हैं। उन्होंने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में सरकार ने एक ऐसा वातावरण बनाया है, जिसने भारत को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने की राह पर सशस्त्र बलों, वैज्ञानिकों और रक्षा निर्माताओं को सक्रिय रूपसे सोचने और आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिकल्पित आत्मनिर्भर भारत को प्राप्त करने में घरेलू उद्योग की प्रमुख भूमिका पर बात की। उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने केलिए सरकार के किए गए उपायों की सूची जारी करते हुए कहाकि डीआरडीओ निजी कंपनियों को मुफ्त तकनीक हस्तांतरित कर रहा है, एफडीआई की सीमा भी बढ़ा दी गई है, रक्षा वस्तुओं की दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी की गई हैं, जबकि तीसरी सूची जल्द ही जारी की जाएगी। उन्होंने तीन सेवाओं, अनुसंधान एवं विकास संगठनों और सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के उद्योगों से जबर्दस्त सकारात्मक प्रतिक्रिया की ओर इशारा किया। उन्होंने अभूतपूर्व प्रतिक्रिया का विश्वास जताते हुए कहाकि एमएसएमई, स्टार्ट-अप, इनोवेटर्स और शिक्षाविद एकसाथ मिलकर रक्षा उत्पादन के नए रास्ते तलाश रहे हैं। सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य चेतक हेलीकॉप्टर के संचालन पर प्रकाश डालते हुए देश में छह दशक के हेलीकॉप्टर संचालन को प्रदर्शित करने केलिए एक मंच प्रदान करना था। कार्यक्रम में अनुभवी समुदाय और सेवाओं के प्रमुख वक्ताओं की प्रतिबिंब, कथन और चर्चाएं शामिल थीं।

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