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भारतीय सेना दिवस मनाया गया

सेना प्रमुखों ने अर्पित की शहीदों को श्रद्धांजलि

कमांडरों ने नई लड़ाकू वर्दी में मार्च पास्ट किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 January 2022 01:32:38 PM

glimpses of army day parade at the cariappa parade ground delhi cantonment

नई दिल्ली। भारतीय सेना का 74वां सेना दिवस दिल्ली कैंट के परेड ग्राउंड में समारोहपूर्वक मनाया गया। इस दौरान कमांडरों ने नई लड़ाकू पोशाक में परेड में मार्चपास्ट किया। सेना की नई वर्दी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट) के सहयोग से बनाई गई है, इसे सेना की कार्य आवश्यकताओं और सैनिकों की युद्ध पोशाक में एकरूपता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। गौरतलब हैकि यह दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ का पदभार ग्रहण करने की याद में मनाया जाता है, उन्हें भारत के अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर के स्थान पर 15 जनवरी 1949 को कमांडर इन चीफ बनाया गया था। वे स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ नियुक्त हुए थे। सेना दिवस पर वर्ष 2022 केलिए भारतीय सेना की थीम 'इन स्ट्राइड विद द फ्यूचर-भविष्य केसाथ प्रगति' में है, जो आधुनिककाल के युद्ध में अहम और विध्वंसकारी प्रौद्योगिकियों की तेजीसे निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की स्वीकृति को दर्शाती है।
भारतीय सेना पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करती है, ऐसे में इन उभरती चुनौतियों से निपटने में अभिनव समाधान खोजने केलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5जी, रोबोटिक्स और क्वांटम टेक्नोलॉजी पर कार्य किया जा रहा है। सेना दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण करने केसाथ हुई, जहां तीनों सेना प्रमुखों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे ने भारतीय सेना की सभी रैंकों केलिए अपने संदेश में उन सभी कर्मियों के सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया, जिन्होंने कर्तव्य पालन करते हुए अपने जीवन का बलिदान कर दिया। उन्होंने वीर नारियों और शहीद सैनिकों के परिजनों के प्रति अपने अटूट समर्थन को दोहराया। सेनाध्यक्ष ने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि भारतीय सेना किसी भी प्रतिकूल स्थिति से सक्रियता केसाथ निपटने केलिए हमेशा तैयार है। थल सेनाध्यक्ष ने दिल्ली छावनी के करियप्पा परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। उन्होंने वीरतापूर्ण साहसिक कार्यों केलिए 15 सेना पदक (पांच मरणोपरांत सहित) प्रदान किए और इकाइयों को उनके सराहनीय प्रदर्शन केलिए 23 सीओएएस यूनिट प्रशस्तिपत्र से सम्मानित किया।
सेना दिवस परेड में इस वर्ष भारतीय सेना की सूची में शामिल विभिन्न हथियार प्रणालियों के विकास को प्रदर्शित किया गया। नए एवं आधुनिकतम हथियार प्रणालियों तथा प्लेटफार्मों को उनके पुराने समकक्षों केसाथ दर्शाया गया था। सेंचुरियन टैंकों केबाद अर्जुन देश के मुख्य युद्धक टैंक थे और टोपास के स्थान पर बीएमपी-II को तैनात किया गया था। इसी तरहसे 75/24 भारतीय फील्ड गन और धनुष, पीएमपी/ पीएमएस तथा सर्वत्र ब्रिजेस एवं टाइगर कैट और आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की जोड़ी भी प्रदर्शित की गई। परेड में अंतर्राष्ट्रीय खेल पुरस्कार विजेता और घुड़सवार सेना सहित सात मार्चिंग दल भी शामिल हुए। इस दौरान प्रसिद्ध गायक हरिहरन का गाया 'माटी' शीर्षक वाला एक गीत विशेष रूपसे जारी किया गया, जो सेना और राष्ट्र को समर्पित किया गया है।

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