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किसान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें-मोदी

किसान की आय को बढ़ाने केलिए उठाए गए हैं अनेक कदम

प्राकृतिक खेती विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 December 2021 12:59:48 PM

narendra modi addressing at the national conclave on natural farming

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से प्राकृतिक खेती विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में किसानों को संबोधित करते हुए कहा हैकि अब आज़ादी के 100वें वर्ष तक का जो हमारा सफर है, वो नई आवश्यकताओं, नई चुनौतियों के अनुसार अपनी खेती को ढालने का है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीते 6-7 साल में बीज से बाज़ार तक किसान की आय को बढ़ाने केलिए एकके बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं, मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक, पीएम किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तक, सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक, अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने इस आयोजन से जुड़े सभी किसानों को बधाई दी। हरित क्रांति में रसायनों और उर्वरकों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि ये सही हैकि केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया है, लेकिन ये भी उतना ही सच हैकि हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीटनाशकों और आयातित उर्वरकों के खतरों के प्रति आगाह किया, जिससे इनपुट की लागत बढ़ जाती है और स्वास्थ्य को भी नुकसान होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि खेती से जुड़ी समस्याओं के विकराल होने से पहले बड़े कदम उठाने का ये सही समय है, हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा, जब मैं प्रकृति की प्रयोगशाला की बात करता हूं तो ये पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज दुनिया जितना आधुनिक हो रही है, उतना ही बैक टू बेसिक की ओर बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस बैक टू बेसिक का मतलब क्या है? इसका मतलब है अपनी जड़ों से जुड़ना! इस बात को आप सब किसान साथियों से बेहतर कौन समझता है? हम जितना जड़ों को सींचते हैं, उतना ही पौधे का विकास होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिरसे सीखने की ज़रूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी ज़रूरत है, इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जानकार बताते हैंकि खेत में आग लगाने से धरती अपनी उपजाऊ क्षमता खोती जाती है, हम देखते हैं कि जिस प्रकार मिट्टी को जब तपाया जाता है तो वो ईंट का रूप ले लेती है, लेकिन फसल के अवशेषों को जलाने की हमारे यहां परंपरा सी पड़ गई है। उन्होंने कहाकि एक भ्रम ये भी पैदा हो गया हैकि बिना केमिकल के फसल अच्छी नहीं होगी, जबकि सच्चाई इसके बिलकुल उलट है, पहले केमिकल नहीं होते थे, लेकिन फसल अच्छी होती थी, मानवता के विकास का, इतिहास इसका साक्षी है। उन्होंने कहाकि नई चीजें सीखने के साथ-साथ हमें उन गलत प्रथाओं को दूर करने की जरूरत है, जो हमारी कृषि में आ गई हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आईसीएआर, कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र जैसे संस्थान कागजों से परे व्यावहारिक सफलता तकले जाकर इसमें बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्राकृतिक खेती से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80 प्रतिशत किसान, वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है, इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से ये आग्रह करूंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने केलिए आगे आएं, इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि क्लाइमेट चेंज समिट में मैंने दुनिया से लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरमेंट यानि लाइफ को ग्लोबल मिशन बनाने का आह्वान किया था, 21वीं सदी में इसका नेतृत्व भारत करने वाला है, भारत का किसान करने वाला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आइये आजादी के अमृत महोत्सव में मां भारती की धरा को रासायनिक खाद और कीटनाशकों से मुक्त करने का संकल्प लें। गुजरात सरकार ने प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था। इसमें आईसीएआर के केंद्रीय संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी नेटवर्क से जुड़े किसानों के अलावा 5000 से अधिक किसानों ने भाग लिया।इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गुजरात के राज्यपाल, गुजरात और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। 

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