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प्रधानमंत्री ने ग्रीन कैंपस अवार्ड प्रदान किए

जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान रायपुर परिसर का राष्ट्र को सौंपा

'छोटी जोत वाले किसानों की जरूरतें सरकार की प्राथमिकता है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 28 September 2021 05:05:46 PM

narendra modi addressing at the dedication to the nation 35 crop varieties with special traits

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि छोटी जोत वाले किसानों की जरूरतें सरकार की प्राथमिकता में हैं और उन्हें सभी लाभ सीधे प्राप्त होते हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आज विशेष गुणों वाली फसलों की 35 किस्में राष्ट्र को समर्पित कीं। उन्होंने राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान रायपुर का नवनिर्मित परिसर भी राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैंपस अवार्ड वितरित किए। उन्होंने उन किसानों के साथ बातचीत की, जो नवोन्मेषी तरीकों का उपयोग करते हैं और एक सभा को भी संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर के गांदरबल की जैतून बेगम की उनके उपयोग की नई कृषि पद्धतियों को सीखने की यात्रा, उनके द्वारा दूसरे किसानों को दिया गया प्रशिक्षण और घाटी में बालिका-शिक्षा के लिए काम करने के प्रति उनके समर्पण के बारे में बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में भी जम्मू-कश्मीर की लड़कियां अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक किसान और बीज उत्पादक कुलवंत सिंह के साथ बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने पूछा कि वह कैसे विभिन्न प्रकार के बीजों का उत्पादन करते हैं पूसा के कृषि संस्थान में वैज्ञानिकों के साथ बातचीत से उन्हें क्या फायदा हुआ और ऐसे संस्थानों के साथ संपर्क में रहने को लेकर किसानों में क्या रुझान है। प्रधानमंत्री ने अपनी फसलों के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन करने के लिए किसान की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बाजार तक पहुंच, अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी कई पहल के माध्यम से किसानों को अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने बारदेज, गोवा की दर्शना पेडनेकर से पूछा कि वह किस प्रकार विविध फसलों की खेती और विभिन्न पशुओं का पालन-पोषण कर रही हैं। उन्होंने दर्शना पेडनेकर से उनके नारियल की फसल में किए गए मूल्यवर्धन के बारे में पूछा। उन्होंने इस बात को लेकर खुशी व्यक्त की कि कैसे एक महिला किसान एक उद्यमी के रूपमें नई ऊंचाईयां हासिल कर रही हैं।
प्रधानमंत्री ने मणिपुर के थोइबा सिंह के साथ बातचीत करते हुए सशस्त्र बलों में सेवा देने के बाद खेती का काम संभालने के लिए उनकी सराहना की। थोइबा की विविध गतिविधियों जैसे कृषि, मत्स्य पालन आदि ने प्रधानमंत्री को प्रभावित किया। प्रधानमंत्री ने उन्हें जय जवान-जय किसान-जय विज्ञान का उदाहरण बताते हुए उनकी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर निवासी सुरेश राणा से पूछा कि उन्होंने मक्के की खेती कैसे शुरू की। प्रधानमंत्री ने कृषक उत्पादन संगठनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए उत्तराखंड के किसानों की सराहना की और कहा कि जब किसान मिलकर काम करते हैं तो उन्हें बहुत लाभ होता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को हर संसाधन और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि पिछले छह-सात वर्ष में कृषि से संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा सबसे ज्यादा ध्यान अधिक पौष्टिक बीजों पर है, जो खासकर बदलते मौसम में नई परिस्थितियों के अनुकूल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी के बीच पिछले साल विभिन्न राज्यों में बड़े पैमाने पर हुए टिड्डियों के हमले को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत ने इस हमले से निपटने के लिए काफी प्रयास किए और किसानों को बहुत अधिक नुकसान होने से बचाया। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहाकि जब भी किसानों और कृषि को सुरक्षा कवच मिलता है तो उनका विकास तेजी से होता है। उन्होंने बताया कि भूमि के संरक्षण के लिए 11 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने सरकार की किसान-हितैषी पहलों के बारे में बताया, जैसे - किसानों को जल सुरक्षा प्रदान करने के लिए लगभग 100 लंबित सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभियान, फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए किसानों को नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराना और इस प्रकार अधिक उपज प्राप्त करना। उन्होंने कहा कि एमएसपी बढ़ाने के साथ-साथ खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया गया, रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई है और किसानों को 85 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है, महामारी के दौरान गेहूं खरीद केंद्रों की संख्‍या को तीन गुना से अधिक बढ़ाया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों को तकनीक से जोड़कर हमने उनके लिए बैंकों से मदद लेना आसान बना दिया है, किसानों को मौसम की जानकारी बेहतर तरीके से मिल रही है और हाल ही में 2 करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्‍ध कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो नए प्रकार के कीट, नई बीमारियां, महामारियां आ रही हैं, इनपर निरंतर गहन रिसर्च जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब साइंस, सरकार और सोसायटी मिलकर काम करेंगे तो उसके नतीजे और बेहतर आएंगे, तब किसानों और वैज्ञानिकों का ऐसा गठजोड़ नई चुनौतियों से निपटने में देश की ताकत बढ़ाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान को सिर्फ फसल आधारित इनकम सिस्टम से बाहर निकालकर उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों केलिए भी प्रेरित किया जा रहा है। उन्‍होंने कहा कि साइंस और रिसर्च के समाधानों से अब मोटे अनाजों सहित अन्य अनाजों को और विकसित करना ज़रूरी है। उन्होंने लोगों से कहा कि वे संयुक्तराष्ट्र के आगामी वर्ष को मिलेट वर्ष घोषित किए जाने के फलस्‍वरूप उपलब्‍ध होनेवाले अवसरों का उपयोग करने केलिए तैयार रहें।

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