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'कानूनी अधिकारों तक हो पीड़ित की पहुंच'

घरेलू हिंसा से निपटने के लिए संरक्षण अधिकारियों को प्रशिक्षण

राष्ट्रीय महिला आयोग व एलबीएसएनएए की प्रोजेक्ट सीरीज शुरु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 29 June 2021 01:29:10 PM

smriti irani address in the 'training programme for protection officers

नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी के साथ घरेलू हिंसा की पीड़ितों की मदद को लेकर सुरक्षा अधिकारियों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने केलिए एक प्रोजेक्ट सीरीज शुरू की है, जिसमें घरेलू हिंसा के मामलों से निपटने के लिए संरक्षण अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ज़ुबिन इरानी, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा, निदेशक एलबीएसएनएए और चेयरपर्सन नेशनल जेंडर एंड चाइल्ड सेंटर लोकरंजन तथा दिशा पन्नू ने वर्चुअल रूपसे कार्यक्रम में हिस्सा लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पुलिस, कानूनी सहायता सेवाओं, स्वास्थ्य प्रणाली, सेवा प्रदाताओं, आश्रय सेवाओं, वन स्टॉप सेंटर आदि अधिनियम के तहत विभिन्न हितधारकों एवं सेवा प्रदाताओं की भूमिका पर ध्यान केंद्रित करना है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की पहल की सराहना करते हुए कहा कि संरक्षण अधिकारी पीड़ित महिलाओं के लिए प्रशासन और न्याय के बीच की खाई को पाटते हैं और यह उनकी प्राथमिकता भी होनी चाहिए कि पीड़ित की पहुंच उनके लिए उपलब्ध सभी कानूनी अधिकारों तक हो। स्मृति ज़ुबिन इरानी ने महामारी के दौरान महिलाओं की मदद केलिए 24 घंटे कार्य में तत्पर एनसीडब्ल्यू नेतृत्व को बधाई दी। उन्होंने आयोग के विभिन्न कार्यक्रमों जैसे गर्भवती महिलाओं केलिए हेल्पलाइन और सुरक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की वर्तमान पहल सराही। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने संरक्षण अधिकारियों की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला, जो पीड़ित महिला और अदालत के बीच सुविधा प्रदान करने वाले की भूमिका में होते हैं।
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने कहा कि संरक्षण अधिकारी पीड़ित महिला को राहत प्राप्त करने के लिए शिकायत दर्ज कराने और मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन करने के अलावा चिकित्सकीय सहायता, कानूनी सहायता, परामर्श, सुरक्षित आश्रय और जरूरी सहायता प्राप्त करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रशिक्षण सत्रों में प्रतिभागियों में अधिनियम के बेहतर कार्यांवयन केलिए कानूनी प्रणाली, सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका और हितधारकों के साथ परस्पर संबंध को लेकर समझ विकसित होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण रूढ़िवादी मानसिकता को भी बदलने पर ध्यान केंद्रित करेगा और घरेलू हिंसा के पीड़ितों और उनके बच्चों पर प्रभाव को समझेगा। यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उन कार्यशालाओं की श्रृंखला में पहला है, जो आगे उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल इन तीन राज्यों के संरक्षण अधिकारियों के लिए आयोजित किए जाएंगे। कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह प्रशिक्षण ऑनलाइन रखा गया है।

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