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'पूर्वोत्तर में महिला उद्यमिता की समृद्ध परंपरा है'

फिक्की-एफएलओ का महिला उद्यमिता व स्थायी आजीविका पर सत्र

पूर्वोत्तर क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों के लिए एक रोल मॉडल हैं-राज्यमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 16 April 2021 12:12:54 PM

jitendra singh addressing the ficci-flo session on women entrepreneurship and permanent livelihood

नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक एवं लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा है कि नया पूर्वोत्तर क्षेत्र नए भारत में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की)-एफएलओ के ऑनलाइन 37वें वार्षिक सत्र में 'स्थायी आजीविका: एक नए भारत के लिए महिलाओं में निवेश' विषय पर संबोधित करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में महिला उद्यमिता की एक समृद्ध परंपरा रही है और जहां तक महिला स्वयं सहायता समूहों का संबंध है, उन्होंने हमेशा एक नेतृत्व प्रदान किया है।
पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इस अवसर पर बताया कि भारत की आजादी के कुछ साल बाद ही 1950 के दशक में वह समय आ गया था, जब असम राज्य ने अपना पहला महिला मंडल स्थापित किया था, जिसने वास्तव में अन्य राज्यों के अनुसरण का मार्ग प्रशस्त किया और आज पूर्वोत्तर राज्यों में 'नागा मदर एसोसिएशन' जैसे कई जीवंत महिला समूह हैं, जो महिलाओं को आजीविका के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योगदान दे रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र पारंपरिक रूपसे अत्यधिक मुक्ति महिला समाज और महिला लोक परम्परा के लिए जाना जाता है, जो न केवल उद्यमी हैं, बल्कि उनके दृष्टिकोण में भी नवीनता और दूरदर्शिता शामिल है। उन्होंने फिक्की-एफएलओ जैसी महिला संगठनों को आगे आने और बांस उद्योग में महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने में योगदान करने का आह्वान किया।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र बुनाई, बिनाई और हस्तशिल्प के लिए एक घर जैसा है और इसका सबसे विशिष्ट उदाहरण कोविड महामारी के शुरुआती हफ्तों के दौरान सामने आया था, जब पूर्वोत्तर क्षेत्र को छोड़कर देश के सभी हिस्सों से फेस-मास्क की काफी मांग हो रही थी, क्योंकि यहां के महिला स्वयं सहायता समूहों ने आसानी से न केवल पर्याप्त संख्या और मात्रा में मास्क बनाए, बल्कि पहनी जाने वाली पोशाक के साथ मिलान करने के लिए विविध और काल्पनिक डिजाइनों में आसानी से उपलब्ध फेस-मास्क भी तैयार किए। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर में उद्यमिता को विशेष प्रोत्साहन दे रही है और बांस के व्यापार तथा वाणिज्य के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाने की मांग की गई है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के साथ 100 साल पुराने भारतीय वन अधिनियम में संशोधन किया गया है, ताकि घरेलू स्तर पर प्राप्त बांस को इससे मुक्त किया जा सके और घरेलू बांस उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बांस के उत्पादों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने पूर्वोत्तर को भारत का इंजन कहकर संबोधित किया है। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद के युग में पूर्वोत्तर की अछूती संसाधन क्षमता देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पूर्वोत्तर, भारत के बाकी हिस्सों के लिए एक रोल मॉडल के रूपमें उभरा है और पूर्वोत्तर की महिलाएं देश के बाकी हिस्सों की महिलाओं के लिए रोल मॉडल की भूमिका निभा रही हैं।

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