 
   
    शैक्षणिक योग्यता की मान्यता केलिए संयुक्त कार्यबल गठित करेंगे
शैक्षणिक योग्यता की मान्यता केलिए संयुक्त कार्यबल गठित करेंगे 'भारत के अकादमिक मनीषियों के प्रति ब्रिटेन में है भरपूर सम्मान'
'भारत के अकादमिक मनीषियों के प्रति ब्रिटेन में है भरपूर सम्मान'स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 17 December 2020 01:18:55 PM
 
                          
 
 नई दिल्ली। ब्रिटेन ने भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रशंसा में उसको दूरदर्शी बताया है और दोनों देशों ने अपने शैक्षिक सहयोग को और भी ज्यादा सशक्त करने पर सहमति बनाई है। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के बीच द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने एवं अगले वर्ष से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई। ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को दूरदर्शी बताते हुए इसकी प्रशंसा की और कहा कि प्रस्तावित सुधारों के चलते छात्रों और अर्थव्यवस्था के लिए नए अवसर उपलब्ध होंगे एवं दोनों देशों के बीच साझेदारी को और सशक्त करने में सहायता मिलेगी। 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2018 में ब्रिटेन दौरे पर शिक्षा पर उनका बयान भारत-ब्रिटेन के बीच जीवंत सेतु है, उसका स्मरण करते हुए ब्रिटिश विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति इस सेतु को और भी ज्यादा मजबूती प्रदान करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले अकादमिक मनीषियों के प्रति ब्रिटेन में भरपूर सम्मान होता है और उनके देश में भारतीय छात्र समुदाय के योगदान को भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। उन्होंने बताया कि छात्रों के आवागमन को और सुविधाजनक बनाने हेतु ब्रिटेन ने वीज़ा और आव्रजन से जुड़े अपने नियमों में कई बदलाव किए हैं। दोनों नेता भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने हेतु नामित उच्च संस्थानों के संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए भी सहमत हुए, कार्यबल के सदस्यों और इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में निर्णय आधिकारिक स्तर पर किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कार्यबल के गठन से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी, यह शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के भारत के एजेंडे के लिए भी सहायक होगा। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता की दिशा में काम करने का समझौता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक स्तर पर उपयोगी कर्मी तैयार करने और भारतीय उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसका प्रस्ताव इस साल जुलाई में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी किया गया है। ब्रिटेन के साथ भारत के शैक्षिक सम्बंधों पर बोलते हुए रमेश पोखरियाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध सकारात्मक और सहयोगपूर्ण हैं, यह समझौता दोनों देशों के पारस्परिक विश्वास का परिचायक है और यह शिक्षा, शोध एवं नवाचार के माध्यम से इसे और आगे ले जाएगा। बैठक में शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोत्रे, उच्चशिक्षा सचिव अमित खरे और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।