स्वतंत्र आवाज़
word map

राज्‍यमंत्री जितेंद्र सिंह से मिले फ्रांस के राजदूत

पूर्वोत्तर के विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग के लिए दिलचस्‍पी जाहिर की

'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष जोर'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 20 November 2020 04:12:16 PM

minister of state jitendra singh and french ambassador

नई दिल्ली। भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने पूर्वोत्तर विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक एवं लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से नई दिल्‍ली में मुलाकात की। इमैनुएल लेनैन ने राज्‍यमंत्री से भारत के पूर्वोत्तर राज्‍यों में संभावित परियोजनाओं के बारे में विचार-विमर्श किया। राजदूत इमैनुएल लेनैन ने इस वर्ष के शुरु में अपनी कश्‍मीर यात्रा को याद किया, जिसमें वह जम्‍मू-कश्‍मीर यात्रा पर गए राजदूतों के समूह के सदस्‍य थे।
फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने डॉ जितेंद्र सिंह से बातचीत में पूर्वोत्तर राज्‍यों में विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग के अवसर तथा जम्मू-कश्‍मीर में पर्यटन एवं अन्‍य संभावनाओं की तलाश में फ्रांस सरकार की दिलचस्‍पी जाहिर की। डॉ जितेंद्र सिंह ने इमैनुएल लेनैन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में पूर्वोत्तर राज्‍यों में विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग पहलों की चर्चा की। उन्‍होंने बताया कि इजरायल के सहयोग से मिजोरम में सेंटर ऑफ एक्‍सेलेंस सि‍ट्रस फ्रूट पार्क और कुछ ढांचागत कार्यों में जापान मदद कर रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर में अनेक क्षेत्र हैं, जिनमें संभावनाओं की तलाश नहीं की गई है और इन क्षेत्रों को खोज की प्रतीक्षा है।
पूर्वोत्तर विकास राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इन क्षेत्रों में पर्यटन, हस्‍तकला, हथकरघा तथा खाद्य और फल हैं। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष बल दिया है, बल्कि ‘लुक ईस्‍ट पॉलिसी’ को ‘एक्‍ट ईस्‍ट’ नीति में बदल दिया है और पूर्वी सीमाओं पर विभिन्‍न देशों से सहयोग को बढ़ाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्‍होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्‍यक्तिगत हस्‍तक्षेप पर एनक्‍लेव के बारे में भारत-बांग्‍लादेश समझौता हुआ तथा बांस उत्‍पादों को प्रोत्‍साहित करने और उनके व्‍यापार को बढ़ाने के लिए 100 वर्ष पुराने भारतीय वन अधिनियम में संशोधन किया गया है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]